PoliTalks.News. देश में कोरोना वायरस का कहर कम होने की जगह रफ्तार पकड़ता जा रहा है. देश हो या प्रदेश, सभी जगह हालात एक सा है. कोरोना हर दिन एक नया रिकॉर्ड बना रहा है. प्रदेश और देश की सरकार कोरोना से बचाव और उपचार के जितने भी उपाय कर रही है, सब बेहाल हैं. हालांकि बीते कुछ दिनों से चल रही राजनीति या अन्य घटनाक्रमों ने कोरोना को भुला जरूर दिया है लेकिन सच तो ये है कि स्थिति भयावह होती जा रही है. देश में बीते 19 दिनों में मरीजों की संख्या उतनी हो चुकी है जितनी मार्च से लेकर 30 जून तक थी. यानि 4 महीने जितने मरीज केवल 19 दिन में आ गए जबकि प्रदेशों में भी यही हालात हैं.
हालांकि रिकवरी और मृत्यु दर सुधरी है लेकिन नए मामले कम नहीं हो रहे. यहां मरीज बढ़ने की रफ्तार दुनिया में सबसे तेज और अमेरिका से दोगुनी है. ये भी काबिलेगौर हे कि जैसे जैसे कोविड-19 का खतरा बढ़ रहा है, वैसे वैसे कोरोना का डर कम हो रहा है.
मार्केट में जाकर देखें तो लोग जिस तरह बिना किसी सुरक्षा के घूम रहे हैं, मार्केट में भीड़ लग रही है, ऑटो में जिस तरह से लोग लद लद कर सफर कर रहे हैं, राजनीतिक कार्यों में बिना किसी मास्क और दस्तानों के फोटो खिचवाने वालों की भीड़ लगी हुई है, सब्जी मार्केट में जिस तरह से खरीददारी की जा रही है, उसे देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि लॉकडाउन हटने के बाद से लोग ईज़ी गोइंग हो गए हैं. हालांकि कोरोना के नए मरीजों की बढ़ती तादात डराने वाली है लेकिन लोगों में डर का नामोनिशान नहीं बचा है. देशभर में 4 लॉकडाउन के बाद 2 अनलॉक की प्रक्रिया करीब करीब पूरी हो चुकी है लेकिन लॉकडाउन हटते ही लोग डर को भूल चुके हैं.
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आज भी सड़कों पर बिना मास्क और बिना दस्ताने लोग घूमते हुए दिख जाते हैं. हां, थोड़ी सुरक्षा जरूर है लेकिन मार्केट में बाहर निकलने या किसी राजनीतिक समारोह या फिर पार्क में जब निकले तो ये सुरक्षा शायद भूल जाते हैं लोग और यहीं से शुरु होता है कोरोना का आतंक. केवल 10 या 20 रुपये के मास्क से कोरोना को आने से रोका जा सकता तो शायद बड़े नेता और बी टाउन सेलिब्रिटी कभी संक्रमित नहीं होते.
लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा जारी की गई पाबंदियां अब काफूर होती जा रही है. यही वजह है कि अब देश में कोरोना के बढ़ने की दर दुनिया में सबसे पहले पायदान पर है. कोरोना की वृद्धि दर पर एक नजर डालें तो लॉकडाउन में जो वृद्धि दर 2.1 फीसदी थी, वो अब 4.1 फीसदी यानि करीब करीब दोगुनी हो चली है. देश में नए कोरोना मरीजों के मिलने की औसत दर 3.6 फीसदी है जो दुनिया में सबसे अधिक है.
अभी देश में केवल 19 दिनों में मरीज दोगुने हो रहे हैं जो पहले 25 दिन में हो रहे थे. अगर कोरोना की रफ्तार थामी नहीं गई और मरीजों की संख्या इसी तरह बढ़ती गई तो 8 अगस्त तक देश में कोरोना मरीजों की संख्या 22 लाख और अगस्त के अंत तक ये संख्या 44 लाख के करीब हो सकती है.
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ताजा आंकड़ों की बात करें तो देश में इस वक्त करीब 11 लाख (11,55,920) कोरोना मरीज हैं जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या 4 करीब 4 लाख (4,02,597) है. रिकवर हो चुके मरीज सवा सात लाख (7,24,806) हैं जबकि मरने वालों का आंकड़ा 28,113 है. बात करें पिछले 24 घंटों की तो 37,840 नए मरीज सामने आए हैं जबकि 597 की मौत वायरस के चलते हुई है. इससे केवल एक दिन पहले देश में कोरोना मरीजों का नया रिकॉर्ड बना और 40,537 नए कोरोना मरीज सामने आए, साथ ही 675 लोगों ने दम तोड़ दिया. ये एक दिन का सर्वाधिक आंकड़ा है.
देखा जाए तो 1 जुलाई से 19 जुलाई के बीच देश में 5.36 लाख नए कोरोना मरीज सामने आए हैं जबकि एक मार्च से 30 जून के बीच 5.9 संक्रमित मरीज थे यानि करीब करीब दोगुनी बढ़ोतरी. हालांकि रिकवरी रेट में काफी सुधार हुआ है और मृत्यु दर कम हुई है लेकिन कोरोना के नए मामलों में कहीं कमी नहीं आ रही. बेहद चौकाने वाले आंकड़ों में पिछले 7 दिन में 2.2 लाख नए मरीज सामने आए हैं.
बात करें राजस्थान की तो यहां लगातार कोरोना मरीजों का विस्फोट हो रहा है. लगातार दूसरे दिन कोरोना का नया रिकॉर्ड बना. रविवार को प्रदेश में जहां एक दिन में 934 नए मरीज सामने आए और 6 ने जान गंवाई. वहीं सोमवार को 956 मरीजों के साथ नया रिकॉर्ड बना और 9 लोगों की जान कोरोना की वजह से चली गई. प्रदेश में कुल मरीजों का आंकड़ा 30 हजार को पार कर गया है जबकि मरने वालों का आंकड़ा 568 से अधिक हो चला है. एक्टिव मरीजों की संख्या 7627 है. वहीं इससे पहले की बात करें तो पिछले तीन दिनों में कोरोना के 866, 737, 615 मरीज सामने आए.
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राजस्थान में मरीज बढ़ने की रफ्तार काफी तेज है. पिछले 15 दिनों के आंकड़ों पर नजर डाले तो इस दौरान 10,226 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं. 5 जुलाई को प्रदेश में कुल 20164 संक्रमित थे जो अब 30 हजार के पार हो गए हैं. वैसे प्रदेश में रिकवरी रेट 73.03 फीसदी और मृत्यु दर 1.86 फीसदी है. अब तक 12.44 लाख की सैंपलिंग हो चुकी है और प्रतिदिन 15 हजार से अधिक लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है.
अन्य राज्यों की नजर डालें तो देश में सबसे अधिक मरीजों की संख्या में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है जहां 3.18 लाख कोरोना मरीज है जबकि 12 हजार से अधिक मौत हो चुकी है. तमिलनाडू में पौने दो लाख और राजधानी दिल्ली में सवा लाख के करीब कोरोना मरीज है. कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में संक्रमितों की संख्या 50 हजार के पार और तेलंगाना एवं पश्चिम बंगाल में 50 हजार के करीब है.
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अन्य राज्यों पर नजर डाले तो 9 प्रदेश ऐसे हैं जिनमें कोरोना मरीजों की संख्या 10 हजार से अधिक है जबकि 10 ऐसे राज्य हैं जहां एक हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं. एक चौंकाने वाला आंकड़ा ये भी है कि देश का कोई भी राज्य ऐसा नहीं जो कोरोना मुक्त हो.