बदले की भावना से काम कर रही आप सरकार – बाजवा
पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सुखपाल सिंह खैरा मामले में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार की जमकर क्लास लगाई है. उन्होंने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के वरिष्ठ लीडर बाजवा ने कहा कि खैरा को गिरफ्तार करने आए पुलिसकर्मियों के पास अरेस्ट वारंट नहीं था. कानून के तहत चंडीगढ़ पुलिस अगर साथ होती तो ही पंजाब पुलिस सुखपाल खैरा को अरेस्ट कर सकती थी. हम सुखपाल खैरा के साथ खड़े हैं. हमारे पंजाब कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर बैठक करेंगे और इसे आलाकमान के समक्ष उठाएंगे.
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वहीं युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के तहत चुन चुनकर कांग्रेस नेताओं पर कारवाई हो रही है. उन्होंने कहा कि आप ‘इंडिया गठबंधन’ का हिस्सा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं की वह कुछ भी कर सकती है. अगर आम आदमी पार्टी अपनी मनमानी चलाएगी तो हम नहीं मानेंगे.
इधर, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने सुखपाल सिंह खैरा के परिवार से मुलाकात की. उसके बाद मीडिया में कहा कि ऊपर भी और नीचे भी, हर जगह सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ हो रहा है. उन्होंने कहा कि आठ साल बाद यह मामला सामने आया. जब यह केस दर्ज किया गया था तब अकाली दल की सरकार थी. सुखपाल खैरा का जिस मामले से कोई लेना नहीं देना नहीं, उन्हें उस मामले में गिरफ्तार किया गया है. हमें गिरफ्तारी का कोई डर नहीं है. गठबंधन पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर दिल्ली शीर्ष नेतृत्व से बात हो चुकी है. इसके लिए पंजाब कांग्रेस के जितने लीडर्स हैं, सब मिलकर अगली रणनीति तैयार करेंगे.
अमरिंदर सिंह की वजह से नहीं हुई खैरा की गिरफ्तारी – आप
कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि अकाली दल जब सत्ता में थी, तब सुखपाल खैरा पर और गुरुदेव पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस की टॉप लीडरशिप नशे के अपराधियों को बचाने के लिए कदम उठाएगी. आप सांसद ने आगे कहा कि सुखपाल खैरा अगर दूध के धुले थे तो कांग्रेस शासन में भी उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया था. राजनीतिक संरक्षण मिलता था.
कांग्रेस के राज में सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी हुई. इससे बचने के लिए उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली. कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की मदद की वजह से उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई. सेशन जज के निर्देश पर फाजिल्का ड्रग्स केस की जांच के लिए 2023 में एक SIT का गठन हुआ. एसआईटी की जांच के बाद सुखपाल खैरा के साथी गुरुदेव को 10 साल की सजा हो गई. अब उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है. कानून अपना काम कर रहा है. अगर कोई नशे का कारोबारी है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. इंडिया गठबंधन इस बात पर एकमत रहेगा.
2015 के फाजिल्का ड्रग्स केस में हुई है खैरा की गिरफ्तारी
पंजाब में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी 2015 के फाजिल्का ड्रग्स केस में हुई है, जिसमें ईडी की भी जांच चल रही है. खैरा इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी हैं. जब अकाली दल सत्ता में थी, तब सुखपाल खैरा पर और गुरुदेव पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था.
सुखपाल खैरा पर जलालाबाद पुलिस की कार्रवाई 2015 फाजिल्का (पंजाब) ड्रग्स तस्करी मामले से संबंधित है, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय तस्करों एक गिरोह से 1,800 ग्राम हेरोइन, 24 सोने के बिस्कुट, दो हथियार, 26 कारतूस और दो पाकिस्तान सिम कार्ड जब्त किए थे. पंजाब पुलिस ने खैरा की गिरफ्तारी को इसी ड्रग्स मामले से जोड़ा है. खैरा पर आरोप है कि वह अपने पर्सनल सेक्रेटरी के फोन से तस्करों से बात किया करते थे.
ड्रग्स का मामला मार्च 2015 में फाजिल्का के जलालाबाद में दर्ज किया गया था. मामले में 9 लोगों पर मामला दर्ज किया गया और बाद में उन्हें नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया. सुखपाल खैरा के साथी गुरुदेव को 10 साल की सजा हो गई लेकिन 2017 में, सुप्रीम कोर्ट ने खैरा के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी, जिसे मामले में अतिरिक्त आरोपी के रूप में तलब किया गया था. आज पंजाब पुलिस ने खैरा को उनके चंडीगढ़ सेक्टर-5 स्थित आवास से उठा लिया. इस पर कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि उन्हें फर्जी मामले में पकड़ा जा रहा है और राज्य में ‘जंगल राज’ कायम है.