सीएम अशोक गहलोत की अपील और पीएम नरेंद्र मोदी की पहल का दिखा असर, वैक्सीन निर्माता कंपनियों के बीच ख़त्म हुआ विवाद

कोवैक्सिन और कोवीशील्ड के इमरजेंसी यूज को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने रविवार को दी थी मंजूरी, दोनों कंपनियों के बीच अपनी अपनी वैक्सीन की विस्वसनीयता को लेकर छिड़ गई थी, लेकिन अब आपसी विवाद को भुलाकर दोनों फार्मा कंपनियों ने किया अपना साझा बयान किया जारी, कहा- हम अपने कोविड-19 के टीकों के लिए वैश्विक पहुंच प्रदान करने की लिए अपनी संयुक्त प्रतिज्ञा को फिर से दोहराते हैं

सीएम अशोक गहलोत की अपील और पीएम नरेंद्र मोदी की पहल का दिखा असर, वैक्सीन निर्माता कंपनियों के बीच ख़त्म हुआ विवाद
सीएम अशोक गहलोत की अपील और पीएम नरेंद्र मोदी की पहल का दिखा असर, वैक्सीन निर्माता कंपनियों के बीच ख़त्म हुआ विवाद

Politalks.News. सीएम अशोक गहलोत की अपील और पीएम नरेंद्र मोदी की पहल का ही असर हैं कि देश कि बड़ी वैक्सीन कंपनियों ने एक साथ आने का निर्णय लिया हैं. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड के इमरजेंसी यूज के लिए रविवार को मंजूरी दी थी, लेकिन कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज का अप्रूवल मिलने के बाद ही दोनों बड़ी फार्मा कंपनियां आपस में भिड़ गई. हालाँकि मंगलवार को दोनों फार्मा कंपनियों अपना साझा बयान जारी कर कहा कि इस महामारी में दोनों कंपनियां एक साथ है.

दरअसल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला ने फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड के अलावा बाकी सभी वैक्सीन को पानी की तरह बताया था. जिसके जवाब में भारत बायोटेक के MD कृष्णा एल्ला ने अदार पूनावाला का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा और कहा कि, ‘कुछ कंपनियों ने मेरे प्रोडक्ट को पानी की तरह बताया। मैं इसे खारिज करता हूं, हम लोग वैज्ञानिक हैं.

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दोनों फार्मा कंपनियों के बीच छिड़ी जंग को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से इस मसले पर संज्ञान लेने की अपील थी. सीएम गहलोत ने ट्वीट कर लिखा था कि, सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक कंपनियों की वैक्सीन को भारत में मंजूरी मिलने के बाद दोनों कंपनियों के बीच हुई आपसी बयानबाजी दुर्भाग्यपूर्ण है. यह संवेदनशील मुद्दा है जिसमें प्रधानमंत्री को दखल देना चाहिए.

आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने मंगलवार को अपना साझा बयान जारी करते हुए कहा कि उनकी कोरोना वैक्सीन सभी देशों के लिए उपलब्ध है हम लोगों और देशों के लिए टीकों के महत्व के बारे में पूरी तरह से अवगत हैं, हम अपने कोविड-19 के टीकों के लिए वैश्विक पहुंच प्रदान करने की लिए अपनी संयुक्त प्रतिज्ञा को फिर से दोहराते हैं.”

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दोनों फार्मा कंपनियों के बीच क्या था विवाद:-

सोमवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड के साथ मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन ही प्रभावी हैं, बाकी पानी की तरह हैं, इस पर सफाई देते हुए भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉ. कृष्णा इल्ला ने कहा था कि, एक दूसरी कंपनी ने आरोप लगाया है कि हमारी वैक्सीन पानी की तरह सुरक्षित है, ऐसा कहना बहुत गलत है, हम अनुभवहीन नहीं बल्कि वैश्विक कंपनी हैं. कृष्णा इल्ला ने कहा ‘हम 200% ईमानदारी से क्लीनिकल ट्रायल्स करते हैं। इसके बावजूद हमें लोगों की नकारात्मक बातें सुनने मिलती है. अगर मैं गलत हूं तो बताइए. हमारी वैक्सीन के ट्रायल्स में 10% से भी कम साइड इफेक्ट देखने को मिला है, जबकि दूसरी वैक्सीन के 60 से 70% साइड इफेक्ट हैं.’

अब लग रहा हैं कि सीएम गहलोत की अपील और पीएम नरेंद्र मोदी की पहल का ही असर हैं दोनों कंपनियां एक साथ आकर अपना बयान साझा कर रही हैं.

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