Politalks.News/RajasthanByElection. राजस्थान में सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए 15 अप्रैल को शाम 5 बजे चुनावी शोर थम जाएगा. ऐसे में पिछले दो दिन में बीजेपी ने अपनी चुनाव प्रचार की गाड़ी का गियर तो जरूर चैंज किया है, लेकिन फिर भी घोषित स्टार प्रचारक अभी भी व्यापक प्रचार से दूर हैं. जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस के प्रचार की गाड़ी अभी फर्स्ट गियर में ही चल रही है और स्टार प्रचारक सभाओं से नदारद हैं. इसके साथ ही शंभू पुजारी प्रकरण, नाथी का बाड़ा, स्टार प्रचारकों की प्रचार से दूरी ने कांग्रेस के रणनीतिकारों को परेशान कर रखा है. इधर, हनुमान बेनीवाल ने दोनों ही पार्टियों की नींद उड़ा रखी है. बेनीवाल की जनसभाओं और रोड शो में अप्रत्याशित भीड़ दिखाई दे रही है. जिससे उपचुनाव का मुकाबला त्रिकोणीय होते दिखाई दे रहा है, खासकर सुजानगढ़ सीट पर चुनावी गणित बदलता दिख रहा है.
इधर, पिछले दो दिन में बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार अभियान को रफ्तार देने के साथ ‘महाराज’ ज्योतिरादित्य सिंधिया और केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को मैदान में उतार कर तड़का लगा दिया है. इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, गजेन्द्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी भी मैदान में डट गए हैं. वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां धुंआधार प्रचार में जुटे हुए हैं. दूसरी तरफ पुजारी शंभू शर्मा प्रकरण में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बीजेपी को माइलेज दिलवाया है. लेकिन बीजेपी की स्टार प्रचारक और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सोशल मीडिया पर तो एक्टिव हैं लेकिन अब तक उपचुनाव के प्रचार में नहीं उतरीं हैं. राजे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वसुंधरा राजे की बहू निहारिका सिंह की तबीयत नासाज हैं, जिसके चलते उपचुनाव के प्रचार से मैडम राजे दूर हैं.
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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां भी ये बात कह चुके हैं, कि पूर्व सीएम राजे पारिवारिक कारणों के चलते चुनाव प्रचार से दूर हैं और जल्द ही उपचुनाव में प्रचार करेंगी. बीजेपी के प्रभारी अरुण सिंह भी अब तक उपचुनाव प्रचार में एक्टिव नहीं हुए हैं. बताया जा रहा है कि प्रभारी अरुण सिंह विधानसभा वाले पांच राज्यों में पार्टी की सियासी रणनीति बनाने में जुटे हैं, इन चुनावों में अरुण सिंह पर बड़ी जिम्मेदारी है. इसके साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद राज्यवर्द्धन सिंह
राठौड़ सोशल मीडिया पर तो एक्टिव हैं, लेकिन अब तक उपचुनाव प्रचार में दिखाई नहीं दिए हैं.
बात करें कांग्रेस के प्रचार-प्रसार की तो, उपचुनाव में कांग्रेस पिछड़ती नजर आ रही है. कांग्रेस के स्टार प्रचारक अभी ट्वीटर पर या घर पर ही एक्टिव हैं. चुनाव प्रचार के लिए मैदान में नहीं उतरे हैं. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जयपुर में रहकर ही लगातार फीडबैक ले रहे हैं और कोरोना को लेकर भी प्रदेश की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.
बात करें पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के स्टार प्रचारक सचिन पायलट की तो नामांकन रैलियां के बाद से पायलट उपचुनाव के प्रचार में नहीं गए हैं. वहीं सचिन पायलट के समर्थक विधायक और कांग्रेस पदाधिकारी भी प्रचार से उचित दूरी बनाए हुए हैं. माना जा रहा है कि सचिन पायलट के समर्थक भी उनके निर्देश का इंतजार कर रहे हैं और ‘वेट एंड वॉच’ की पॉलिसी अपनाए हुए हैं. ऐसे में देखना ये होगा की प्रचार के बचे अगले तीन दिन में कांग्रेस के कितने स्टार प्रचारक मैदान में उतरते हैं.
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वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन बैटल ग्राउंड पर डटे दिखे, माकन ने कुछ दिन उदयपुर में डेरा डाला और राजसमंद, सहाड़ा विधानसभा सीट पर रणनीतिक मोर्चेबंदी की. प्रभारी अजय माकन ने कांग्रेस से रूठों को मनाने का बीड़ा उठाया, जानकार सूत्रों ने बताया है कि अजय माकन ने स्थानीय नेताओं से पार्टी से नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं की लिस्ट
भी मांगी थी. माकन ने नाराज लोगों से मुलाकात की और समझाइश कर उन्हें फिर से एक्टिव किया है. इसके साथ ही कांग्रेस के कुछ नेता अब असम के कांग्रेस गठबंधन के विधायक उम्मीदवारों की जयपुर में बाड़ेबंदी के चलते मेहमाननवाजी में बिजी हैं.
दूसरी तरफ प्रदेश में तीसरे मोर्चे के रूप में उभर रही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने तीनों सीटों पर ताल ठोक रखी है. सांसद हनुमान बेनीवाल के ताबड़तोड़ प्रचार ने कांग्रेस और बीजेपी की नींद उड़ा रखी है. बेनीवाल ने सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ में सियासी गणित को रोचक कर दिया है. बेनीवाल की रैलियों में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ रही है. जिसने कांग्रेस और बीजेपी के रणनीतिकारों को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है.