गुजरात के बाद अब राजस्थान में किस्मत आजमाएगी आम आदमी पार्टी, कैंपेनिंग होगी बड़ी चुनौती

दिल्ली, पंजाब, गोआ, गुजरात और हिमाचल प्रदेश के बाद राजस्थान में भी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है आप, दिल्ली-पंजाब के विकास मॉडल को सामने रख चुनावी मैदान में उतरेगी आम आदमी पार्टी, कैम्पेनिंग के लिए खास रणनीति बना रही पार्टी

arvind kejriwal party aap will contest elections in rajasthan
arvind kejriwal party aap will contest elections in rajasthan

AAPinRajasthan. गुजरात में अपने कदम रखने के बाद अब आम आदमी पार्टी राजस्थान की ओर रुख करने जा रही है. आम आदमी पार्टी ने यह तय कर लिया है कि अब उनका अगला लक्ष्य राजस्थान और हरियाणा होंगे. इनमें राजस्थान पर वह सबसे पहले अपना पूरा जोर लगाएगी. इसके लिए जनवरी महीने से ही तैयारियां शुरू हो जाएंगी. जनवरी में आम आदमी पार्टी की टीमें राजस्थान आ जाएंगी और सक्रियता से साथ अपना काम शुरू कर देगी. जनवरी से आगे के सर्वे भी शुरू हो जाएंगे. इसके अलावा सदस्यता भी तेजी से बढ़ाई जाएगी. राजस्थान में भी दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर ही आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी. दिल्ली और पंजाब की ही तरह विकास के मॉडल को आगे रखेगी. राजस्थान में आम आदमी पार्टी चेहरों की तलाश में है लेकिन राजस्थान में कैम्पेनिंग हमारे लिए सबसे बड़ा चैलेज है.

गुजरात विधानसभा में 5 सीटें हासिल कर राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन चुकी आम आदमी पार्टी के हौसले इस समय काफी बुलंद हैं. हालांकि गुजरात में आप का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा, जितनी उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन उन्होंने विस चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी और 32 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही, उससे आम आदमी पार्टी का हौसला 7वें आसमान पर पहुंच गया है. अब पार्टी दिल्ली, पंजाब में सत्ता और गोआ एवं गुजरात के बाद राजस्थान में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाह रही है.

आम आदमी पार्टी अब गुजरात की तर्ज पर ही पूरे जोर-शोर के साथ राजस्थान में भी चुनाव लड़ेगी. वहीं दिल्ली से करीब होने के चलते हरियाणा में भी अपना जोर दिखाएगी. इनमें राजस्थान पर वह सबसे पहले अपना दम दिखाएगी. इसके लिए इसी महीने में तैयारियां शुरू हो रही है. दिल्ली से आप पार्टी की टीमें राजस्थान आएंगी. गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी जिम्मेदारी राष्ट्रीय संगठन प्रभारी और आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक को ही दी गई है. वे ही राजस्थान में चुनाव की जिम्मेदारी संभालेंगे. वहीं प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा पहले से ही राजस्थान में सक्रिय हैं.

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बताया जा रहा है कि पार्टी जल्द ही राजस्थान में सक्रियता के साथ अपना काम शुरू कर देगी. प्राइमरी तौर पर सर्वे हो चुके हैं. इसके अलावा आगामी कुछ सप्ताह में सदस्यता भी तेजी से बढ़ाई जाएगी. राजस्थान में भी दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर ही आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी. दिल्ली और पंजाब की ही तरह विकास के मॉडल को आगे रखेगी. राजस्थान में आम आदमी पार्टी चेहरों की तलाश में है. ऐसे में जनवरी से पार्टी की वर्किंग इस ओर भी शुरू होगी. आप से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में दोनों ही पार्टियों से जुड़े कुछ युवा नेताओं से संपर्क में है. नए चेहरों को भी जोड़ने की तैयारी चल रही है.

आप के राजस्थान की उम्मीदों के संबंध में राजस्थान के प्रभारी और दिल्ली में विधायक विनय मिश्रा पहले ही कह चुके हैं कि राजस्थान को लेकर पार्टी के सर्वे काफी अच्छे आए हैं लेकिन कैम्पेनिंग हमारे लिए सबसे बड़ा चैलेज हैं. वहीं संभावनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि राजस्थान में सिर्फ इंग्लिश मॉडल की बात होती है, लेकिन स्कूलों में टीचर नहीं है. वे बड़ी-बड़ी घोषणाएं ही करते हैं. मोहल्ला क्लिनिक की बात सीएम करते हैं, लेकिन मोहल्ला क्लिनिक कहां हैं. हमने इस देश में राजनीति को विकास मॉडल पर शिफ्ट किया है. दोनों ट्रेडिशनल पार्टीज हैं. आप मात्र 10 साल में नेशनल पार्टी बनी है. काडर हमारा है, बस उसे चैनेलाइज करने की जरूरत है.

विनय मिश्रा के मुताबिक, हमने सारी चुनौतियों का एनालिसिस किया है. राजस्थान बहुत बड़ा है और देश का 10वां हिस्सा है. हमरी पार्टी ईमानदार है जबकि बाकी पार्टियां बड़ी पार्टियां है. उनके पास हेलिकॉप्टर और प्लेन वगैरह है, जबकि हमारे सीएम ने गुजरात में रोड ट्रैवल करके प्रचार किया है. हालांकि विनय मिश्रा ये भी कहते हैं कि यहां की राजनीति थोड़ी अलग है और ये सब तरीके राजस्थान में यह संभव नहीं है. ऐसे में राजस्थान में यह कैसे होगा वो देखने वाली बात है. उन्होंने ये भी कहा कि कैम्पेनिंग के लिए राजस्थान में हमें अलग रणनीति बनानी पड़ेगी.

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वैसे राजस्थान में प्रमुख मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस में ही होता रहा है. हालांकि 20 से 22 सीटें निर्दलीयों एवं अन्य पार्टियों के हिस्से में भी आती हैं. ऐसे में यहां आम आदमी पार्टी का थोड़ा बहुत स्कोप बनता दिख रहा है. वैसे देखा जाए तो राजस्थान में भी आम आदमी पार्टी गुजरात की तर्ज पर कांग्रेस का ही नुकसान करने वाली है. ऐसे में कांग्रेस को भी संभलने की जरूरत है. अगर जल्द ही कांग्रेस इस बारे में सतर्क न हुई तो गुजरात की तरह काफी सारी सीटों पर कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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