पॉलिटॉक्स न्यूज. इस बात में तो कोई शक नहीं कि बीजेपी कर्नाटक की तर्ज पर लंबे समय से मध्यप्रदेश में भी ऑपरेशन लोट्स चलाने की पूरजोर कोशिश कर रही है. इसको लेकर दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में सियासी भूचाल आया हुआ है. बल्कि पिछले 3 तीन से मध्यप्रदेश में चल रहा सियासी ड्रामा बीती रात को दिल्ली पहुंच गया. खबर आ रही है कि कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे कुछ विधायकों और मंत्रियों को बीजेपी ने जबरन एक होटल में बंधक बना कर रखा है. बताया ये भी जा रहा है कि कांग्रेस नेता 6 विधायकों को वहां से निकाल पाने में सफल रहे हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर गुरुग्राम के होटल में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों से गुंडागर्दी करने और अपने कब्जे में 4 विधायकों को जबरन रखने का आरोप लगाया. ये भी बताया कि शेष 6 विधायक वापस आ गए हैं. इनमें से एक बसपा से महिला विधायक राम बाई भी हैं. इन विधायकों के लौटते हुए का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर विधायकों के खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था और सीएम कमलनाथ ने भी उनके बयान का समर्थन भी किया था. कमलनाथ ने ये भी कहा कि मेरी सरकार तो स्थिर है. मुझे विधायकों ने कहा है कि पैसों का ऑफर मिल रहा है तो मैंने विधायकों से कहा है कि पैसे फोकट में मिल रहे हैं तो ले लो.
इसी बीच बीती रात खबर आई कि बीजेपी ने धनबल और गुमराह करके कांग्रेस के 10 विधायकों को गुरूग्राम से सटे मानेसर के आईटीसी होटल में ले गई और वहां एक तरह से बंधक बनाकर रखा. इनमें कांग्रेस के एंदल सिंह कंसाना, हरदीप सिंह डंग, बसपा की राम बाई, सपा के राजेश शुक्ला और निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा बताए जा रहे हैं. जानकारी मिलते ही दिग्विजय सिंह, मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी विधायकों को छुड़वाने पहुंचे और 6 विधायकों को वहां से रातोरात छुड़ा लाए. बताया ये भी जा रहा है कि उन विधायकों के साथ बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह, अरविंद सिंह भदौरिया और संजय पाठक भी मौजूद थे. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस वहां सादे कपड़ों में तैनात थी और तीनों नेताओं को होटल के अंदर जाने से रोका. दिग्विजय सिंह की उनसे तीखी बहस भी हुई.
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जैसे तैसे कांग्रेस 6 विधायकों को वहां से बाहर निकाल लाई लेकिन 4 विधायक वहीं रह गए. कांग्रेस ने बीजेपी पर न केवल विधायकों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया, बल्कि ये भी दावा किया कि बीजेपी उन सभी चारों विधायकोम को कर्नाटक लेकर गई है. मप्र के वित्तमंत्री तरुण भनोत ने दावा किया कि बीजेपी विधायक अरविंद भदौरिया उन चारों विधायकों के साथ कर्नाटक रवाना हुए हैं. वहीं मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा और पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह पर सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को पैसे का लालच देने का आरोप लगाया है.
उधर बीजेपी के चंगुल से छुड़ाए गए सपा विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि कम से कम कांग्रेस ने हमारी चिंता तो की, हम कांग्रेस के साथ में है. कांग्रेस के विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है. शेष चार विधायकों में रघुराज कंसाना, हरदीप सिंह, बिसाहूलाल सिंह और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह बताए जा रहे हैं.
इस पूरे मामले में फिलहाल शिवराज सिंह और कांग्रेस के सीनियर लीडर ज्योतिरादित्य सिंधिया मीडिया से बचते नजर आए. जहां शिवराज सिंह ने इस सब बातों का खंडन किया, वहीं सिंधिया ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. हालांकि सिंधिया ने ये जरूर कहा कि मप्र में कांग्रेस की सरकार जनता ने बनाई है और ये सरकार जनता के विश्वास के कारण ही चल रही है. हम जनसेवा के लिए राजनीति में आए हैं. अपने राज्यसभा जाने के सवाल को भी वे टाल गए. इसी बीच अब दिग्विजय सिंह ने दावा करते हुए कहा कि शेष चारों विधायक भी कांग्रेस संपर्क में है. जल्द ही उनकी वापसी भी कराई जाएगी.
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने परसों ही कहा था कि इन लोगों ने 5 करोड़ पहले, 5 करोड़ राज्यसभा चुनाव के दौरान बाकि 5 करोड़ सरकार गिराने पर देने का वादा किया गया. इसका हमारे पास प्रूफ है. विधायकों को धोखा दे के लाया गया था. वहां हमारे दो मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी के साथ बीजेपी के लोगों ने गुंडागर्दी की.’ दिग्गी राजा ने ये भी कहा कि बीजेपी के लिए पैसे का प्रबंध नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह, अरविंद भदौरिया और संजय पाठक कर रहे थे. सबको लेकर बैंगलोर जाने की तैयारी थी. बिसाहूलाल सिंह जी और रामबाई तो हमसे संपर्क में ही थे. सांसद दिग्विजय सिंह ने यह भी बताया कि शिवराज सिंह दिल्ली में हैं और इन विधायकों के साथ उनकी मीटिंग होनी थी. हमारे आने से पहले वो भाग गए.
मध्य प्रदेश विधानसभा की मौजूदा स्थिति पर गौर किया जाए तो 230 विधायकों की विधानसभा में इस समय 228 विधायक मौजूद हैं. दो सीटें खाली हैं. बीजेपी के पास 107 विधायक हैं तो कांग्रेस के 114, दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायकों के दम पर कमलनाथ सरकार चल रही है. सदन में जादुई आंकड़ा 115 का है जबकि कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. फिलहाल कमलनाथ सरकार सुरक्षित है. दो सीटों पर उप चुनाव होने हैं. अगर एक सीट भी कांग्रेस के कब्जे में आती है तो पूर्ण बहुमत मिलना तय है.