rajasthan politics
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Bharatpur Loksabha: बंधेज के काम के लिए पहचान रखने वाले भरतपुर में चुनावी दंगल चरम पर है. यहां पिछले दो बार से मोदी लहर में बीजेपी बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब हुई है. वहीं कांग्रेस दो बार का सूखा खत्म करने के लिए जमकर पसीना बहा रही है. बीजेपी की ओर से जीत की हैट्रिक जमाने रामस्वरूप कोली मैदान में हैं. कांग्रेस की ओर से संजना जाटव को उतारा गया है. संजना के जरिए महिला वोट भी अपने समर्थन में लेने की पूरी कोशिश है.

तीन लाख से अधिक वोटों से जीती बीजेपी

भरतपुर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां से अब तक कांग्रेस को सात बार और पांच बार बीजेपी के उम्मीदवारों को जीत मिली है. भारतीय जनता पार्टी ने 1991, 1996, 1999 और 2004 तक लगातार जीत दर्ज की है. 15 साल का सूखा खत्म करते हुए रतन सिंह जाटव ने कांग्रेस को यहां जीत दिलाई थी. उसके बाद 2014 में बीजेपी के बहादुर सिंह कोली और 2019 में रंजीता कोली ने बीजेपी को विजयश्री दिलाई थी. रंजीता कोली को 7,07,992 वोट मिले थे. उन्होंने करीब आधे अंतर से कांग्रेस के अभिजीत जाटव को मात दी. जाटव को केवल 3,89,593 मत मिल पाए.

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2014 के आम चुनाव में बीजेपी के बहादुर सिंह कोली ने कुल 5,79,825 वोट हासिल कर जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस के डॉ.सुरेश जाटव को 2.45 लाख वोटों के भारी अंतर से हराया. वहीं 2009 में कांग्रेस के रतन सिंह ने बीजेपी के खेमचंद को 81 हजार से अधिक वोटों से मात दी. 1999 और 2004 में बीजेपी के विश्वेन्द्र सिंह ने यहां जीत दर्ज की थी.

विधानसभा सीटों का गणित

भरतपुर संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से 6 सीटों पर बीजेपी, एक सीट पर घटक दल शिवसेना और इकलौती सीट पर आरएलडी विधायक मौजूद है. कठूमर, नगर, कमन, डीग-कुम्हेर, नदबई, वैर-भुसावर सीटें बीजेपी के कब्जे में है. बयाना-रुपवास शिवसेना और भरतपुर सीट पर आरएलडी के कब्जे में है. यहां पूरी तरह से बीजेपी का एकछत्र राज चल रहा है.

भरतपुर लोकसभा का गणित

भरतपुर लोकसभा सीट पर कुल 19,43,794 मतदाता है. यहां बीजेपी की ओर से रामस्वरूप कोली और कांग्रेस की ओर से संजना जाटव आमने सामने हैं. यहां मोदी लहर ​स्पष्ट तौर पर ​देखी जा सकती है. विधानसभा सीटों के हिसाब से भी बीजेपी यहां काफी मजबूत नजर आ रही है. अगर यहां संजना जाटव को महिलाओं के वोट मिल जाएं तो टक्कर रोचक हो सकती है.

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