Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले सचिन पायलट समर्थक विधायकों की गहलोत सरकार के प्रति नाराजगी खुलकर सामने आ रही है. हाल ही में विधानसभा में बैठक व्यवस्था और बिना माइक वाली सीटों को लेकर सचिन पायलट गुट के तीन विधायकों की नाराजगी दूर भी नहीं हुई थी कि फोन टैपिंग पर सरकार के कबूलनामे के बाद पायलट समर्थक विधायक विश्वेन्द्र सिंह बिना नाम लिए गहलोत सरकार पर तंज कसते इजर आए. वहीं बुधवार को सदन में सड़क और पुल अनुदान मांगों पर बहस के दौरान सचिन पायलट समर्थक गुढामालानी विधायक हेमाराम चौधरी और झुंझुनूं विधायक ब्रजेंद्र सिंह ओला ने भी आज अपनी ही गहलोत सरकार पर खुलकर निशाना साधा. सड़क निर्माण को लेकर दोनों ही विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र के साथ खुलकर भेदभाव के आरोप लगाए.
जांच करवा ली जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा
सड़क और पुल अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सबसे पहले गुढ़ामलानी से कांग्रेस हेमराम चौधरी ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- मुझे पता है मुझे बोलने नहीं दिया जाएगा लेकिन मुझे बहुत कुछ बोलना है. मेरी आवाज को आप यहां दबा सकते हो, आप यहां नहीं बोलने दोगे. चौधरी ने कहा कि बोलने का क्या खामियाजा मुझे भुगतना है यह मैं भुगतने को तैयार हूं, मेरे से कोई दुश्मनी है तो जो चाहे सजा दें, मैं भुगतने को तैयार हूं लेकिन मेरी गुढामालानी की जनता का क्या दोष है? आपने होशियारी से सायला गुढामालानी से नाम के लिए एक मंजूर की मंजूरी दी है, इस सड़क से गुढामालानी का क्या लेना देना? आप केवल नाम से राजी करना चाहते हैं?
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विधायक हेमाराम चौधरी ने आगे कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बहुत घटियां सड़कें बनाई हैं, अगर इनकी निष्पक्ष जांच करवा ली जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. चौधरी ने कहा कि यहां तो किससे कहें, राजस्थान में कोई एजेंसी नहीं है जो निष्पक्ष जांच करेंं, इसलिए इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए.
किसके कहने पर की एससी छात्रावास भवन की बिल्डिंग निरस्त
कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा कि गुढामालानी में एससी छात्रावास भवन की बिल्डिंग निरस्त कर दी. जो कुकृत्य भाजपा ने किया, वहीं आपने कर दी, फिर आपमें और उनमें क्या फर्क रह गया. खाली एससी कल्याण की बात करने से इनका भला नहीं होगा. उस एससी छात्रावास की वापस मंजूरी दीजिए. अब निरस्त कर दिया यह आपकी मर्जी है. किसके कहने पर निरस्त किया, मैंंने तो कहा नहीं.
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झुंझुनूं के लिए बजट में एक शब्द नहीं बोला गया- ब्रजेन्द्र ओला
वहीं झुंझुनूं से कांग्रेस विधायक ब्रजेंद्र सिंह ओला ने भी अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि, झुंझुनूं से पचेरी सड़क नेशनल हाईवे बन जाती लेकिन सरकार ने एनएचएआई को ट्रांसफर नहीं किया. नेशनल हाईवे पर 100 फीसदी पैसा भारत सरकार देती है तो फिर इस सड़क को क्यों नहीं दिया जा रहा. झुंझुनूं के लिए बजट में एक शब्द नहीं बोला. यूपीए राज में ही यह सड़क मंजूर हुई थी. रेवाड़ी से फतेहपुर की इस सड़क की मांग मेरे पिताजी ने की थी. जब केंद्रीय मंत्री रहते उनका देहांत हुआ तो उनके विभाग ऑस्कर फर्नांडीज को मिले थे. फर्नाडीज ने मुझसे कहा था कि शीशराम ओला एक सड़क का जिक्र करते थे. मैंने उन्हें इस सड़क के बारे में बताया तो उस वक्त यह सड़क मंजूर हुई थी. ओला ने कहा अब हमारी सरकार ही इस सड़क को नहीं बना रही है तो यह दुर्भाय की बात है. हमारे लोगों में हीनभावना आती है पास में ही हरियाणा में शानदार सड़कें हैं और मेरे यहां टूटी फूटी सड़कें.
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मेरा गांव रास्ते में पड़ता है तो उसे छोड़कर ही बना दीजिए सड़क
झुंझुनूं में चिड़ावा से सुल्ताना तक सड़क का निमार्ण नहीं होने को लेकर ब्रजेन्द्र सिंह ओला ने नाराजगी भरा तंज कसते हुए कहा कि अगर मेरा गांव पड़ता है रास्ते में तो तो चिड़ावा से सुल्ताना की सड़क को मेरा गांव छोड़कर ही बना दीजिए. बृजेंद्र ओला को खाली रख दो, लेकिन उस विधानसभा क्षेत्र की जनता को तो खाली मत रखो. ओला ने आगे कहा कि एकमात्र झुंझुनूं जिला मुख्यालय ही ऐसा रह गया है जो नेशनल हाईवे से नहीं जुड़ा है. भारत सरकार ने नेशनल हाईवे घोषित किया और हम इसका फायदा नहीं उठाना चाहते.