लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा राजा महाराजाओं पर की गयी एक तीखी टिप्पणी पर अब सियासी बवाल मच रहा है. कांग्रेस के राज में केंद्रीय मंत्री रह चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी को इतिहास पढ़ने की नसीयत दे दी. इस पर कांग्रेस ने सिंधिया पर बड़ा हमला करते हुए ग्वालियर राजघराने को निशाने पर ले लिया. साथ ही ये भी कहा कि नेहरू और पटेल द्वारा राजे-रजवाड़ों पर दबाव बना कर लोकतंत्र की लगाम आम नागरिकों को सौंपे जाने की टीस अब तक कुछ राजपरिवारों में बाकी है. खैर, इस विवाद पर ठंडी पानी के बौछारे होना अब मुश्किल दिख रहा है.
अंग्रेजों से प्रेम आप शायद भूल गए
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर पलटवार करते हुए कहा, ‘इतिहास आपकी ओर अंगुली उठाकर रोता है योर हाइनेस. अगर संविधान का 26 वाँ संशोधन ना हुआ होता तो आज भी भारत सरकार की तरफ़ से ग्वालियर राजघराने को करोड़ों रुपए टैक्स फ्री दिए जा रहे होते (सन 1950 में 25,00,000) भारत में विलय की यह क़ीमत लेते रहे आप, सन 71 तक.
यह भी पढ़ें: त्रिकोणीय दंगल में फंसी दिल्ली सीएम आतिशी, क्या निकाल पाएंगी कालकाजी सीट?
पवन खेड़ा ने आगे कहा कि राजघरानों की गद्दारी उनका अंग्रेज़ों से प्रेम आप शायद भूल गए हम सब नहीं भूल पाते. इतिहास गवाह हैं कि एक राजघराने की पिस्तौल का इस्तेमाल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में हुआ था. अनेक राजघरानों के कुकर्मों की सूची को चंद राजाओं की नेकी से नहीं ढ़ंका जा सकता. नेहरू और पटेल द्वारा राजे-रजवाड़ों पर दबाव बना कर लोकतंत्र की लगाम आम नागरिकों को सौंपे जाने की टीस अब तक कुछ राजपरिवारों में बाकी है.’
कांग्रेस से बीजेपी की ओट में जाने वाले सिंधिया पर कटाक्ष करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पवन खेड़ा ने झांसी की रानी पर सुभद्रा कुमारी चौहान की एक प्रसिद्ध कविता ‘बुंदेले हरबोलों के मुंह…ख़ूब लड़ी मर्दानी, वह तो झांसी वाली रानी थी’ कही. इस कविता में सिंधिया को अंग्रेजों का मित्र बताया गया है.
राहुल गांधी पहले इतिहास पढ़ें
इससे पहले सिंधिया ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि सत्ता और पद की भूख में वह भूल गए हैं कि इन राजघरानों ने ही सालों पहले भारत में समानता और समावेशी विकास की नींव रखी थी. सिंधिया ने आगे लिखा, ‘वह भूल गए हैं कि बड़ौदा महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी. छत्रपति शाहूजी महाराज ने 1902 में देश के बहुजनों को पहली बार अपने शासन में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की नींव रखी थी. पिछड़े वर्गों को शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ग्वालियर के माधव महाराज प्रथम ने पूरे ग्वालियर-चंबल में शिक्षा और रोजगार केंद्र खोले थे.’
यह भी पढ़े: ‘आपका वोट कट गया है..’ कहीं आरोपों के भंवर में ‘प्रवेश’ तो नहीं कर रहे अरविंद केजरीवाल!
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ही तानाशाही विचारधारा को जन्म दिया और दलितों, वंचितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर हमला करने का काम किया. सिंधिया ने ये भी कहा कि राहुल गांधी पहले इतिहास पढ़ लें, फिर बयानबाजी करें.
राजा महाराजाओं के पास ही थे अधिकार
दरअसल, मध्यप्रदेश के महू में आयोजित जय बापू जय भीम जय संविधान रैली में राहुल गांधी ने कहा कि आजादी से पहले दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को कोई अधिकार नहीं थे, जब केवल महाराजाओं और राजाओं को ही अधिकार प्राप्त थे. स्वतंत्रता के साथ ही बदलाव आया. आपको जमीन और अधिकार मिले. भाजपा-आरएसएस स्वतंत्रता-पूर्व का भारत चाहते हैं, जहां आम लोगों के पास कोई अधिकार नहीं थे और केवल अडानी और अंबानी जैसों के पास अधिकार थे. वे चाहते हैं कि गरीब चुपचाप कष्ट सहें और सपने न देखें, जबकि देश अरबपतियों द्वारा चलाया जा रहा है.