बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव को भेजा गया नोटिस अवैध, ऐसी शर्मनाक हरकतें बन्द करे केंद्र- टीएमसी

कारण बताओ नोटिस सिरे से अमान्य है, क्योंकि उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (ए) या (बी) के तहत कोई निर्देश जारी ही नहीं किया गया था. लिहाजा, उल्लंघन का सवाल ही नहीं पैदा होता, प्रतिशोध की ऐसी शर्मनाक हरकतें करना बंद कीजिए- टीएमसी का केन्द्र को जवाब

बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव को भेजा गया नोटिस अवैध- टीएमसी
बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव को भेजा गया नोटिस अवैध- टीएमसी

Politalks.News/WestBengalPolitics. पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके साथ राज्य के मुख्य सचिव के पीएम मोदी की मीटिंग में देरी से आने और दस्तावेज देकर निकल जाने के बाद छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. केन्द्र सरकार द्वारा मुख्य सचिव अपलन बंदोपाध्याय का तबादला दिल्ली करने के आदेश को दरकिनार कर बंदोपाध्याय के दिल्ली नहीं जाने पर केंद्र द्वारा बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इस पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने दावा किया कि अभी हाल ही में सेवानिवृत्त हुए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केन्द्र की ओर से भेजा गया कारण बताओ नोटिस ‘अवैध‘ है. टीएमसी के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (बी) के उल्लंघन के लिए भेजे गए नोटिस को ‘अमान्य’ बताते हुए कहा कि किसी प्रावधान के उल्लंघन का सवाल ही पैदा नहीं होता.

सुखेंदु शेखर रॉय ने ट्वीट करते हुए कहा कि, बंगाल के पूर्व सचिव को भेजा गया कारण बताओ नोटिस सिरे से अमान्य है, क्योंकि उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (ए) या (बी) के तहत कोई निर्देश जारी ही नहीं किया गया था. लिहाजा, उल्लंघन का सवाल ही नहीं पैदा होता. प्रतिशोध की ऐसी शर्मनाक हरकतें करना बंद कीजिए.

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आपको बता दें, पीएम मोदी के यास प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद वापस दिल्ली लौटते ही केंद्र सरकार ने आदेश जारी कर 28 मई की रात को अलपन बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगी थीं और वरिष्ठ आईएएस अफसर को सोमवार सुबह 10 बजे दिल्ली में कार्यभार संभालने को कहा था, लेकिन उन्होंने दिल्ली नहीं आने का फैसला लिया. इसके बाद डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) को रिपोर्ट करने में विफल रहने के लिए अलपन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है जिसमें DoPT मंत्रालय ने पूछा है कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना हो?

अधिकारियों ने बताया कि यह कारण बताओ नोटिस तब भेजा गया जब बंदोपाध्याय मंत्रालय के पिछले आदेश पर यहां नहीं पहुंचे. सोमवार सुबह 10 बजे उन्हें दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित DOPT में रिपोर्ट करना था, लेकिन उन्होंने केंद्र के आदेश को ताक पर रख दिया और सुबह 10 बजे तक मुख्य सचिव अलपन ने दिल्ली रिपोर्ट नहीं किया.

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केन्द्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच बंदोपाध्याय को लेकर जारी वाकयुद्ध के बीच बंदोपाध्याय को कठोर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया है. इस मामले में दोष सिद्ध होने पर उन्हें दो साल तक कैद की सजा हो सकती है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बंदोपाध्याय को सेवानिवृत्ति से कुछ घंटे पहले, सोमवार को केंद्र सरकार के आदेश का पालन करने से इंकार करने की वजह से नोटिस जारी किया गया. सरकारी अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के आदेश का पालन से इंकार करना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-बी का उल्लंघन होता है. मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि बंदोपाध्याय से तीन दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है. रॉय ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, नोटिस अवैध है. मुख्य सचिव के खिलाफ इस तरह आपदा प्रबंधन अधिनियम नहीं लगाया जा सकता.

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वहीं दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने अनुशासन तोड़ने और नियमों के उल्लंघन के लिये बंदोपाध्याय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. शुभेन्दु ने ट्वीट किया, मैं प्राकृतिक आपदा और वैश्विक महामारी के समय में अनुशासन तोड़ने, नियमों के उल्लंघन और अनियमितताओं के लिये पूर्व मुख्य सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं.

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