IPS Mridul Kachawa Latest News – आईपीएस मृदुल कच्छावा 2015 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी है. मृदुल कच्छावा को अनुशासनप्रिय और ईमानदार अफसर माना जाता है. वे जहाँ भी पोस्टेट रहे है, वहां से उन्होंने अपराध को या तो मिटा दिया था. सबसे ज्यादा वे तब चर्चा में थे जब वे राजस्थान के धौलपुर के एसपी के पद पर तैनात थे. धौलपुर के पुलिस कप्तान रहते उन्होंने चंबल के बीहड़ को डाकुओ के आतंक से मुक्त किया. लोग उन्हें सिंघम के नाम से भी जानते हैं. इस लेख में हम आपको आईपीएस अधिकारी मृदुल कच्छावा की जीवनी (IPS Mridul Kachawa Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
आईपीएस मृदुल कच्छावा की जीवनी (IPS Mridul Kachawa Biography in Hindi)
| पूरा नाम | आईपीएस मृदुल कच्छावा |
| उम्र | 57 साल |
| जन्म तारीख | 30 अगस्त 1989 |
| जन्म स्थान | बीकानेर, राजस्थान |
| शिक्षा | सीए, सीएस |
| कॉलेज | राजस्थान विश्वविद्यालय |
| वर्तमान पद | नागौर, एसपी |
| व्यवसाय | आईपीएस अधिकारी |
| बैच | 2015 |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | – |
| माता का नाम | – |
| पत्नी का नाम | कनिका सिंह |
| बच्चे | – |
| स्थाई पता | जयपुर |
| वर्तमान पता | – |
| फोन नंबर | – |
| ईमेल | – |
आईपीएस मृदुल कच्छावा का जन्म और परिवार (IPS Mridul Kachawa Birth & Family)
आईपीएस मृदुल कच्छावा का जन्म 30 अगस्त 1989 को राजस्थान के बीकानेर जिले में हुआ था. उनकी पत्नी का नाम कनिका सिंह है.
आईपीएस मृदुल कच्छावा की शिक्षा (IPS Mridul Kachawa Education)
आईपीएस मृदुल कच्छावा ने आरम्भिक पढाई बीकानेर से पूरी की. बाद में जब उनका परिवार जयपुर जाकर बस गया तब आगे की पढाई उन्होंने जयपुर से की. उन्होंने केंद्रीय विद्यालय से इंटरमीडिएट (12वीं) किया और उसके बाद उन्होंने जयपुर के कॉमर्स कॉलेज से बी.कॉम किया. फिर उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से सीए, सीएस और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल किया है.
आईपीएस मृदुल कच्छावा का शुरुआती जीवन (IPS Mridul Kachawa Early Life)
पढाई के बाद मृदुल कच्छावा ने आर्मी ऑफिसर के तौर पर अपने करियर बनाने की कोशिश की. पर सफलता नहीं मिली. कुछ समय के लिए उन्होंने मुंबई में रहकर बैंक में भी काम किया पर बाद में जॉब छोड़कर भारतीय पुलिस सेवा की तैयारी करने का मन बनाया. इसके लिए वे दिल्ली में रहकर तैयारी करने लगे, हालांकि उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली पर दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई.
मृदुल कच्छावा का आईपीएस करियर (IPS Mridul Kachawa Career)
मृदुल कच्छावा 2015 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी है. सिलेक्शन के बाद उन्हें होम कैडर में काम करने का मौका मिला. ईमानदार छवि वाले इस अधिकारी की पहचान अपराधियों के लिए धरती पर के काल के रूप में मानी जाती जाती हैं. उन्हें डाकुओ का काल कहा जाता हैं. वैसे लोगो के मन में यह सवाल उठ सकता हैं कि अब इस समय डाकू कहा से आ गए. दरअसल, राजस्थान का चंबल कभी डाकुओ के लिए जाना जाता था. यद्यपि अब उनकी उपस्थिति बहुत कम हैं पर ऐसा भी नहीं हैं कि वे बिलकुल ही खत्म हो गए हैं. यह अलग बात हैं कि वे इतने विख्यात नहीं हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर उनकी अधिक चर्चा हो पर उधर से गुजरने वालो के लिए यह क्षेत्र अभी भी संवेदनशील मानी जाती हैं. इसका कारण हैं डाकू से लूटने का डर.
साधारण परिवार से आने वाले पर बेहद सख्त तेवर वाले आईपीएस अधिकारी मृदुल कच्छावा की पोस्टिंग कोरोना आने से पहले यानि जुलाई, 2019 को धौलपुर के एसपी के पद पर हुई थी. राजस्थान का यह क्षेत्र चंबल वाला हैं और यह क्षेत्र लोगो के लिए असुरक्षित माना जाता हैं. फिर इसी के मद्देनजर धौलपुर के एसपी रहते मृदुल कच्छावा ने क्षेत्र को डकैतों से मुक्त करने की ठानी. इसके लिए उन्होंने कई टीमें बनाई. एक टीम साइबर की भी बनाई ताकि डकैतों के सही लोकेशन का पता लगाया जा सके. जब देश दुनिया में कोरोना अपने चरम पर था तब आईपीएस अधिकारी मृदुल कच्छावा अपने जान की परवाह किये बिना हाथ में AK-47 लेकर स्वयं चंबल के बीहड़ में उतर गए थे. सोशल मीडिया में उनके ये तश्वीर तब वायरल भी खूब हुए थे.
एक जानकारी के अनुसार उन्ही लॉकडाउन के दिनों में उन्होंने दो दर्जन डकैतों को गिरफ्तार भी किया था. उन डकैतों में जगन गुर्जन का छोटा भाई पप्पू गुर्जर, लाल सिंह गुर्जर, रामविलास गुर्जर, भारत गुर्जर और रघुराज गुर्जर जैसे खतरनाक डकैत शामिल थे. यह क्षेत्र कभी फूलन देवी, मलखान सिंह, माधो सिंह, पान सिंह और जगजीवन परिहार जैसे देश के विख्यात डकैतों का अड्डा हुआ करता था. यह सही हैं कि आज समय बहुत बदल गया हैं. आज तकनीकी का जमाना हैं पर फिर भी इस क्षेत्र की बनावट ऐसी हैं, जहाँ पुलिस के लिए आज भी डकैतों को पकड़ना एक चुनौती से भरा काम हैं. धौलपुर में एसपी रहते मृदुल ने एक साल के अंदर 57 डकैतों को धर दबोचा और उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया.
धौलपुर के बाद वे करौली जिले के एसपी बनाये गए. एसपी रहते उनका सामना क्षेत्र के विधायक पीआर मीणा से हुआ जो उनके विरोध में उतर आये. जब विधायक ने एसपी की शिकायत मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की तब आईपीएस मृदुल कच्छावा को जिले के लोगो का पूरा पूरा साथ मिला. लोग उनके समर्थन में सड़को पर उतर आये. कच्छावा को शुरुआत में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नियुक्त किया गया. बाद में उन्हें एसपी बना दिया गया. एसपी के तौर पर उन्होंने धौलपुर, करौली, झुंझुनू, भरतपुर, नागौर जिले में अपनी सेवा दी.
इस लेख में हमने आपको आईपीएस अधिकारी मृदुल कच्छावा की जीवनी (IPS Mridul Kachawa Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























