Politalks.News/Bihar. बिहार (Bihar) में 24 सीटों पर विधान परिषद चुनाव होना है. इस चुनाव को लेकर महागठबंधन (Mahagathbandhan) में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है दूसरी तरफ लालू प्रसाद (Lalu Prashad Yadav) के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap yadav) के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद ने राजद के सामने अपनी बड़ी मांग रख दी है. छात्र संगठन ने 6 सीटों पर दावेदारी की है. राजद के सूत्रों की माने तो 24 में से 15 से 18 सीटों पर राजद लड़ सकता है बाकि सीटों पर कांग्रेस को मौका दिया जाएगा. लेकिन इन सब समीकरणों के बीच राजद की सिरदर्दी तेजप्रताप यादव ने बढ़ा दी हैं. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) महागठबंधन को सीटें दें या अपने भाई तेजप्रताप की छात्र जन शक्ति परिषद को? इधर बताया जा रहा है कि जनवरी अंतिम सप्ताह या फरवरी पहले सप्ताह में बिहार विधान परिषद के चुनाव की घोषणा हो जाएगी.
25% सीटों पर चयन का अधिकार मिले तेजप्रताप यादव को- प्रशांत
छात्र जनशक्ति परिषद बिहार के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव ने कहा कि, ‘समाज के संघर्ष व विकास में छात्र युवाओं की मुख्य भूमिका होती है. प्रदेश के अधिकतम छात्र- युवा छात्र जनशक्ति परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव के साथ हैं इसलिए राजद के द्वारा कम से कम 25% सीटों पर उम्मीदवार का चयन के लिए तेज प्रताप यादव को अधिकृत करना चाहिए. अगर राजद विधान परिषद की 6 सीटें छात्र जनशक्ति परिषद को देती है तो छात्र जनशक्ति परिषद का पूर्ण समर्थन राजद के सभी उम्मीदवार के साथ होगा.
यह भी पढ़ें- सियासी चर्चा: क्या फिरोजपुर में किसानों को ‘मरहम’ लगाने का बड़ा मौका चूक गए प्रधानमंत्री मोदी?
‘श्रीकृष्ण के बिना विधानसभा उपचुनाव का देख चुके हैं परिणाम’
प्रशांत प्रताप ने तेजप्रप्रताप यादव की तुलना श्रीकृष्ण से करते हुए कहा है कि, ‘इस बात का ख्याल रखा जाए कि श्रीकृष्ण के बिना जीत असंभव है. इसका प्रमाण बीते विधानसभा के उपचुनाव का परिणाम है. बता दें कि तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव में तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद के कैंपेन के बावजूद राजद की करारी हार हो गई थी.
यह भी पढ़ें- अखिलेश-मायावती की सरकारों में हुआ जमकर जातिवाद, डराने वाले अब डरे हुए- उमा भारती का तंज
तेजस्वी के सामने हैं ये चुनौतियां
तेजस्वी यादव जहां बिहार विधान परिषद के 24 सीटों के चुनाव के लिए महागठबंधन में भी समीकरण तैयार होने लगे हैं. पिछले उपचुनाव में कांग्रेस और आरजेडी के बीच में तल्खियां जरूर देखी थी. लेकिन, खराब परिणाम को देखते हुए आरजेडी और कांग्रेस फिर से एक हो चुके हैं और बिहार विधान परिषद के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस की और से राहत तो मिली है लेकिन तेजप्रताप की चुनौती ने तेजस्वी की परेशानी बढ़ा दी है. बात करें महागठबंधन कि तो सभी दल अपने स्तर पर फॉर्मूला तैयार करने लगे हैं. सूत्रों की माने तो इन 24 सीटों में से सबसे ज्यादा सीटों पर आरजेडी चुनाव लड़ेगी. उसके बाद कांग्रेस भी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावा ठोक सकती है. वहीं लेफ्ट को एक-दो सीट दिया जा सकता है.