सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूपी के घोसी से नवनियुक्त सांसद अतुल राय को दुष्कर्म व अपहरण मामले में किसी भी तरह की रियायत देने से इंकार कर दिया है. राय की ओर से कोर्ट में उनकी गिरफ्तारी से छुट देने की याचिका दायर की गई थी. जिसे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने नकार दिया है. जिसके बाद नवनियुक्त इस सांसद की परेशानी बढ़ती दिख रही है. इससे पहले भी अदालत ने राय को गिरफ्तारी में छूट देने से इनकार किया था.
उत्तरप्रदेश की घोसी लोकसभा सीट से इस बार सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्यासी अतुल राय ने भले ही जीत दर्ज की हो लेकिन उन पर लगा दुष्कर्म का आरोप उनकी परेशानी बढ़ा रहा है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी अतुल राय को गिरफ्तारी में किसी भी छुट से इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई व जस्टिस अनिरूद्ध बोस की अवकाश पीठ ने अतुल राय को राहत नहीं दी है. इससे पहले यूपी में भी न्यायालय ने राय को किसी भी तरह की रियायत देने के मना कर दिया था.
नव निर्वाचित सांसद अतुल राय की याचिका पर कोर्ट की सुनवाई के बाद उनके वकील ने जानकारी दी कि ऐसे मामलों में यूपी में अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं है. जिसके चलते इसी 8 मई को न्यायालय राय की गिरफ्तारी से रियायत का अनुरोध करने की याचिका अस्वीकार कर चुका है.
बता दें कि वाराणसी की एक कॉलेज छात्रा द्वारा नव निर्वाचित घोसी सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म व अपहरण करने का आरोप लगाया था. छात्रा की शिकायत के बाद इसी 1 मई को राय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. आरोप में छात्रा ने बताया है कि राय उसे अपनी पत्नी से मिलवाने की बात कह कर उसे घर ले आए और उसका दुष्कर्म किया. मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी अतुल राय फरार है. हांलाकि इस दौरान वे घोसी से लोकसभा का चुनाव बिना प्रचार ही जीत चुके हैं.