पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. राजस्थान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में दिन-ब-दिन इजाफा होता जा रहा है. गुरूवार का दिन प्रदेश के लिए कोरोना के लिहाज से अब तक का सबसे खराब दिन रहा. सुबह की शुरूआत प्रदेश में कोरोना से पहली मौत से हुई तो देर रात एक और व्यक्ति ने दम तोड दिया. वहीं शाम तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 5 ओर नए कोरोना के मरीज सामने आए. इस पर चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए वहीं मौजूदा हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोग इस बात को समझें कि कोरोना एक खतरनाक संक्रमण है और केवल घरों में रहकर सामाजिक दूरी बनाकर ही इस संक्रमण को रोका जा सकता है. अब तक राजस्थान में 43 लोग इस बीमारी से पीड़ित हो चुके हैं.
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉक डाउन जारी है बावजूद इसके गुरूवार को भी लोग अनावश्यक रूप से अपने घरों से बाहर निकले. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता और नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लाखों लोगों की जिंदगी को संक्रमण और इससे संभावित जीवन की हानि से बचाने के लिए ही लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन की पूरी तरह से पालना नहीं होने पर प्रदेश की बड़ी जनसंख्या को घातक बीमारी से संक्रमित होने से रोकने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा.
लोग इस बात को समझें कि कोरोना एक खतरनाक संक्रमण है और केवल घरों में रहकर सामाजिक दूरी बनाकर ही इस संक्रमण को रोका जा सकता है।अब तक राजस्थान में 43 लोग इस बीमारी से पीड़ित हो चुके हैं।लाखों लोगों की जिंदगी को संक्रमण,इससे संभावित जीवन की हानि से बचाने के लिए ही लॉकडाउन किया गया है
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 26, 2020
सीएम गहलोत ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि हर परिवार को स्वेच्छा से दो व्यक्तियों का अतिरिक्त खाना बनाकर उपलब्ध कराना चाहिए. ऎसा करके हम इस संकटकाल में लाखों लोगों की भूख मिटाने में भागीदार बन सकते हैं. राज्य सरकार भी लॉकडाउन के दौरान गांवों में हर घर तक राशन और भोजन सामग्री पहुंचाने के लिए समुचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाएगी.
हर परिवार को स्वेच्छा से 2 लोगों का अतिरिक्त खाना बनाकर उपलब्ध कराना चाहिए। ऐसा करके हम इस संकटकाल में लाखों लोगों की भूख मिटाने में भागीदार बन सकते हैं। राज्य सरकार भी लॉकडाउन में गांवों में हर घर तक राशन, भोजन सामग्री पहुंचाने के लिए समुचित व्यवस्था की जिम्मेदारी बखूबी निभाएगी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 26, 2020
इससे पहले गुरुवार को कोरोना संकट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ, पुड्डूचेरी के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि किसी भी प्रदेश में लॉकडाउन के कारण किसी भी गरीब को भूखा नहीं सोना पड़े, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
इन पर मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि, “राज्य में 78 लाख सामाजिक सहायता पेंशन के लाभार्थियों को दो माह की पेंशन एक साथ देने के लिए बजट जारी किया जा रहा है. मैंने स्वयं ने अपील की है कि हर परिवार अपने अतिरिक्त दो गरीबों के लिए खाना बनाए. लॉकडाउन के कारण आमजन को होने वाली परेशानियों के त्वरित समाधान के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर कोर ग्रुप, जिला स्तर पर भी वरिष्ठ अधिकारियों का कोर ग्रुप बनाया गया है. साथ ही राज्य, जिला स्तर पर वार रूम गठित किए गए हैं, ये वॉर रूम 24 घंटे कार्य कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे बताया कि कोरोना से संबंधित आमजन की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए एक डेडिकेटेड हैल्पलाइन 181 स्थापित की गई है. समाज का हर वर्ग इस महामारी के खिलाफ सरकार के साथ आ खड़ा हुआ है, सभी राजनीतिक दलों, धर्मगुरूओं को हमने विश्वास में लिया है. उनके साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों, चिकित्सक समुदाय, सरकारी कर्मचारियों, भामाशाहों सहित हर वर्ग का हमें भरपूर सहयोग मिल रहा है. मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 रिलीफ फंड में प्रदेशवासी बढ़-चढ़कर अंशदान भी कर रहे हैं.
वही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार शाम अपने निवास पर प्रदेश के उच्चाधिकारियों के साथ लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों की अनुपालना के लिए बनाए गए कोर ग्रुप के अधिकारियों की विडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बैठक ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पूरे प्रदेश में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाए. इसके साथ ही, सभी जरूरतमंदाें और आम लोगों तक आवश्यक सामग्री की आपूर्ति का ऎसा प्रबंध सुनिश्चित करें कि राजस्थान देश में एक मिसाल बने.
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सीएम गहलोत ने निर्देश देते हुए कहा कि रसद विभाग के अधिकारियों, स्थानीय राशन तथा घरेलू सामग्री विक्रेताओं और होम डिलीवरी सेवाऎं देने वाली कम्पनियों के साथ समन्वय कर सभी आवश्यक वस्तुओं की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. यह व्यवस्था सुचारू रूप से स्थापित करने के लिए एक-दो दिन का समय लग सकता है, जिसके लिए पूरी तैयारी की जाए और यदि आवश्यकता हो, तो इससे जुडे़ लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाए. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि शहरी क्षेत्रों में भी बेघरों, मजदूरों, थड़ी-ठेले पर सामान बेचने वालों और निराश्रितों को भोजन सामग्री या खाना मिलने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, ताकि आमजन को इन वस्तुओं के लिए अपने घर से नहीं निकलना पड़े.
आपको बता दें, राजस्थान में गुरूवार सुबह कोरोना पीडित भीलवाडा निवासी 73 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हुई तो वहीं भीलवाडा में ही देर रात एक दूसरे 60 बुजुर्ग की मौत हो गयी है. प्रदेश में 12 घंटे के भीतर ही कोरोना से मौत के दो मामले सामने आए. ये दोनों ही मरीज भीलवाडा के बांगड अस्पताल में इलाज के दौरान संक्रमित हुए थे. वहीं बात करें गुरूवार को प्रदेश में आए नये कोरोना पॉजिटिव केस की तो कुल 5 नए केस प्रदेश के विभिन्न जिलों से सामने आए. प्रदेश में 5 नए केस आने के बाद अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढकर 43 हो गई है. गुरुवार को भीलवाडा में 2, झुझुनूं, जोधपुर और जयपुर में एक-एक नया कोरोना पॉजिटिव मरीज आया सामने आया. वहीं 90 मरीजों की जांच रिपोर्ट प्रकियाधीन है.