Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान भरतपुर में निशाना साधा तो वहीं प्रदेश भाजपा के अन्य नेताओं शीर्ष नेताओं ने सोशल मीडिया के से गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. सम्पूर्ण किसान कर्जामाफी, लम्बित भर्तियां, महिला सुरक्षा सहित विभिन्न जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार पर सोशल वार की शुरुआत करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने फेसबुक लाइव किया. इसके बाद भाजपा सांसदों, विधायकों, जिला प्रमुख, महापौर, सभापति, जिलाध्यक्ष, जिला पदाधिकारी, प्रधान, नगरपालिका अध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चों के प्रदेशाध्यक्ष, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व प्रदेश पदाधिकारी, पूर्व जिला प्रमुख, पूर्व प्रधान, पूर्व नगरपालिका अध्यक्षों ने भी सोशल मीडिया के जरिए गहलोत सरकार पर हल्ला बोला.
फेसबुक लाइव के दौरान सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेशभर में कांग्रेस पार्टी के 27 महीनों के शासन में कुशासन, अराजकता, भ्रष्टाचार, अकर्मण्यता, अपराध, वादाखिलाफी इन तमाम मुद्दों को लेकर भाजपा यह ‘हल्ला बोल’ करने को मजबूर हुई है. पूनियां ने कहा कि सितम्बर में भी हल्ला बोल के माध्यम से गहलोत सरकार को कुम्भकर्णी नींद से जगाने का कार्य किया था, जिसमें राजस्थान के हजारों स्थानों पर लाखों लोगों ने शिरकत की थी. सतीश पूनियां ने कहा कि गहलोत सरकार ने किसानों, युवाओं के साथ वादाखिलाफी की है और 833 रुपए की बिजली सब्सिडी बंद करके किसानों के साथ कुठाराघात किया है. इसके साथ ही पूनियां ने आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को भी राज्य सरकार सही तरीके से लागू नहीं कर रही है.
यह भी पढ़ें: पूर्व CM राजे की धर्मिक यात्रा से निकले कई सियासी संदेश, गहलोत सरकार पर वार तो अपनों को दिलाई याद
वहीं केन्द्र की मोदी सरकार की तारीफ करते सतीश पूनियां ने कहा कि मोदी सरकार की बुनियादी विकास की योजनाओं से राजस्थान के लोगों का जीवन स्तर बदला है. दूसरी तरफ राज्य की गहलोत सरकार किसानों और युवाओं से वादाखिलाफी कर रही है। गहलोत सरकार के कोरोना कुप्रबंधन से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली हुई है. उधर शिक्षा के क्षेत्र में भी बुनियादी व्यवस्थाओं का अभाव है. पूनियां ने कहा कि इस विफल सरकार को जगाने के लिए भाजपा ने फिर से उस ‘‘हल्ला बोल’’ का आह्वान किया है. इसको लेकर 06 मार्च को हमारे मण्डलों की बैठक हुई थी. 7 और 8 मार्च को जिला बैठकों में इसका पूरा एक रोडमैप तैयार हो जाएगा और 9 तारीख से 14 तारीख तक प्रत्येक उपखण्ड पर एक अच्छी तादाद में किसानों की कर्जामाफी, बिजली के बिलों की सब्सिडी, रोजगार, स्वास्थ्य की बदहाल सेवाएं, कानून व्यवस्था, जो प्रदेश में आज चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं, इत्यादि जनहित के मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा.