PoliTalks.news. देश की वायुसेना की ताकत को कई गुना बढ़ाने के लिए राफेल की पहली खेप आज अंबाला एयरबेस पहुंच गई है. 5 एडवांस लड़ाकू विमान ‘राफेल’ ने कुछ ही समय पहले अंबाला एयरबेस पर लैडिंग की है. वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया खुद इन्हें रिसीव करने मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल का देश में स्वागत किया है. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल के आने के बाद इसे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत बताया, साथ ही उन्होंने भारतीय वायुसेना को इसके लिए बधाई दी. इसी बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राफेल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.
वहीं दिग्गी राजा के बयान पर बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने जोरदार पलटवार करते हुए कहा कि हिन्दुस्तान का आसमान आज राफेल की गर्जना से और देश का माथा आज गौरव से गौरवान्वित होगा. अगर मातम होगा तो केवल तीन जगह होगा, चीन, पाकिस्तान और जो सुबह से ट्वीट कर रहे हैं (यानि दिग्विजय सिंह).
राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं,
राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,
राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो,
दृष्टो नैव च नैव च।।
नभः स्पृशं दीप्तम्…
स्वागतम्! #RafaleInIndia pic.twitter.com/lSrNoJYqZO— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री मोदी से राफेल की कीमतों का खुलासा करने की मांग की है. इसके लिए दिग्गी राजा ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए राफेल डील पर सवाल उठाते हुए लड़ाकू विमामों की कीमत पूछी है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा कि आखिर राफेल प्लेन आ गया. 126 राफेल खरीदने का फैसला 2012 में UPA ने किया था, जिसमें से 18 राफेल छोड़कर अन्य सभी को HAL द्वारा भारत में बनाया जाना था. ये भारत के आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था और एक राफेल की कीमत 746 करोड़ रुपये तय की गई थी.
आख़िर राफ़ेल fighter plane आ गया। १२६ राफ़ेल ख़रीदने के लिए कोंग्रेस के नेतृत्व में UPA ने २०१२ में फैंसला लिया था और १८ राफ़ेल को छोड़कर कर बाकि भारत सरकार की HAL में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की क़ीमत ₹७४६ करोड़ तय की गई थी
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
अपने अगले ट्वीट में दिग्गी राजा ने लिखा, ‘मोदी सरकार के आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदीजी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व कैबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक मार कर निजी कंपनी को देने का समझौता कर लिया. राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफ़ेल खरीदने के बजाय केवल 36 खरीदने का निर्णय ले लिया.’
मोदी सरकार आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व केबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक़ मार कर निजी कम्पनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर १२६ राफ़ेल ख़रीदने के बजाय केवल ३६ ख़रीदने का निर्णय ले लिया।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
दिग्गी ने आगे लिखा कि एक राफेल की क़ीमत कांग्रेस सरकार ने 746 करोड़ रुपये तय की थी लेकिन ‘चौकीदार’ महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं. क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी. ‘चौकीदार जी’ अब तो उसकी क़ीमत बता दें.
एक राफ़ेल की क़ीमत कॉंग्रेस सरकार ने ₹७४६ तय की थी लेकिन “चौकीदार” महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मॉंग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी!! “चौकीदार” जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुऱक्षा का आंकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 126 राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी. अब मोदी जी ने 126 के बजाय 36 राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं. क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?
राष्ट्रीय सुऱक्षा का आँकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने १२६ राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी। अब मोदी जी ने १२६ के बजाय ३६ राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं। क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
यदि हम इन प्रश्नों का उत्तर मांगते हैं तो मोदी जी की ट्रोल आर्मी और उनके ‘कठपुतली’ मीडिया एंकर हमें राष्ट्रद्रोही बताते हैं. क्या प्रजातंत्रीय व्यवस्था में विपक्ष को प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है?
यदि हम इन प्रश्नों का उत्तर माँगते हैं तो मोदी जी की ट्रोल आर्मी और उनके “कठपुतली” मीडिया एंकर हमें राष्ट्रद्रोही बताते हैं!! क्या प्रजातंत्रीय व्यवस्था में विपक्ष को प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
राफेल फाइटर प्लेंस के बारे में बता दें, राफेल लड़ाकू विमानों को खासतौर पर भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया है. इसमें भारतीय परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए हेल्मेट माउंटेड साइट, रडार चेतावनी रिसीवर, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर, इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक सिस्टम, जैमर, उच्च ऊंचाई वाले ठिकानों से संचालन के लिए कोल्ड इंजन जैसे फीचर्स लगाए गए हैं. स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किलोमीटर है. राफेल की अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा और मारक क्षमता 3700 किलोमीटर तक है. यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है.
The Touchdown of Rafale at Ambala. pic.twitter.com/e3OFQa1bZY
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 29, 2020
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल के अंबाला एयरबेस पर लैडिंग का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि बर्ड्स अंबाला में सुरक्षित उतर गए हैं. भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है. ये मल्टीरोल वाले विमान वायुसेना की क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे. मैं एक भारतीय वायुसेना को बधाई देता हूं. मुझे बेहद खुशी है कि राफेल के आने के बाद भारतीय वायुसेना की शक्ति में बढ़ावा होगा.
The Birds have landed safely in Ambala.
The touch down of Rafale combat aircrafts in India marks the beginning of a new era in our Military History.
These multirole aircrafts will revolutionise the capabilities of the @IAF_MCC.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 29, 2020