पॉलिटॉक्स न्यूज. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब भारत के उज्जवल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी, जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है. जब देश का प्रत्येक व्यक्ति जान भी और जहान भी, दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा और सरकार एवं प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा तो कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने ये कथन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीसी के जरिए कोरोना संकट पर हुई समीक्षा बैठक में कही.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं चौबीस घंटे, सातों दिन फोन पर उपलब्ध हूं. कोई भी मुख्यमंत्री कभी भी मुझे सुझाव दे सकता है. उन्होंने कहा कि जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था, तो शुरुआत में इस पर जोर दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है. देश के ज्यादातर लोगों ने बात को समझा और घरों में रहकर दायित्व निभाया है. वहीं बैठक के बाद दिल्ली सीएम ने लॉकडाउन बढ़ाने का दावा भी किया.
पहले मैं एक डॉक्टर हूं और मेरी जरूरत समाज को पड़ेगी तो मैं अपनी मूल भूमिका निभाऊंगा- डॉ किरोडी मीणा
शनिवार को 10 से अधिक राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 21 दिन में तीसरी बैठक में में पीएम मोदी गमछे को ही मास्क जैसे लगाए नजर आए. इससे पहले मोदी ने 20 मार्च और 2 अप्रैल को भी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा की थी. प्रधानमंत्री से चर्चा के दौरान करीब करीब सभी मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की अपील की. हालांकि पीएम मोदी ने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है.
वहीं बैठक के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी के लॉकडाउन बढाने को लेकर दावा किया. केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन बढ़ाने का सही फैसला लिया है. आज भारत की स्थिति कई विकसित देशों की तुलना में बेहतर है क्योंकि हमने लॉकडाउन की शुरुआत की थी. अगर अभी लॉकडाउन हटा दिया गया तो काफी कुछ खो देंगे. नियंत्रण करने के लिए ऐसा करना जरूरी है’.
PM has taken correct decision to extend lockdown. Today, India’s position is better than many developed countries because we started lockdown early. If it is stopped now, all gains would be lost. To consolidate, it is imp to extend it
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 11, 2020
इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा कि प्रधानमंत्री ने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने के सुझाव पर चर्चा की थी और हम इस फैसले में उनके साथ हैं. दोनों नेताओं की प्रतिक्रिया को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि लॉकडाउन बढ़ना लगभग तय है. वैसे ओडिसा, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल ने पहले ही 30 अप्रैल तक लॉकडाउन को अपने अपने राज्यों में बढ़ा दिया है.
बैठक खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से भी बयान जारी हुआ. इसके मुताबिक, लॉकडाउन खत्म करने की योजनाओं पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि लॉकडाउन को दो और हफ्तों के लिए बढ़ाने पर राज्यों के बीच आपसी सहमति है. माना जा रहा था कि शनिवार शाम को प्रधानमंत्री मोदी देश को संबोधित करेंगे लेकिन बाद में इन खबरों का खंडन कर दिया गया.
- केजरीवाल और अमरिंदर सिंह ने केंद्र को सुझाव दिया
पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन के दौरान दी जा रही जरूरी सेवाओं की श्रेणी बढ़ाने और इसमें कुछ अन्य सेवाओं के लोगों को छूट देने पर सुझाव मांगा. इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो सुझाव दिए. पहला- लॉकडाउन जारी रखने का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर लिया जाए क्योंकि राज्य अगर अपने स्तर पर लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लेंगे तो यह प्रभावी नहीं होगा. दूसरा- अगर किसी वजह से लॉकडाउन हटाया जाता है तो परिवहन सेवाएं बहाल न हों.
प्रदेश में लॉकडाउन होने के बावजूद दूसरे जिलों में कैसे पहुंचे जमाती?
वहीं पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उद्योगों और कृषि क्षेत्र को लॉकडाउन से छूट देने का सुझाव दिया. उन्होंने पंजाब के लिए अतिरिक्त जांच किट उपलब्ध करवाने की भी मांग की.
- ई-पास के तौर पर इस्तेमाल हो सकता है आरोग्य सेतु ऐप
वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जरूरी हथियार है. इससे संभावना मिली है कि इसे एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ई-पास के तौर पर इस्तेमाल किया जाए. पीएम ने बैठक में सुझाव दिया कि किसान खेतों में जो उगाते हैं, उसकी डायरेक्ट मार्केटिंग पर उन्हें इंसेंटिव देना चाहिए ताकि मंडियों में भीड़ जमा होने से रोका जा सके. इसके लिए नियमों में बदलाव करने चाहिए. इस तरह के कदम उठाने से किसान लोगों के दरवाजे तक अपनी उपज पहुंचा पाएंगे.
वहीं प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर और कश्मीर के छात्रों और हेल्थ वर्कर्स पर हुए हमलों की भी निंदा की. साथ ही भरोसा दिलाया कि भारत में जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए प्रोटेक्टिव गियर और जरूरी उपकरण मुहैया कराने के लिए कदम उठाए जा रहे है.