खुलासा: प्रदेश में लॉकडाउन होने के बावजूद दूसरे जिलों में कैसे पहुंचे जमाती?

पुलिस एवं चिकित्सा अधिकारियों ने कोरोना के मामले बढ़ने का सबसे बड़ा कारण निजामुद्दीन मरकज से निकले जमातियों को माना, एक एम्बुलेंस ड्राइवर के खिलाफ कोरोना फैलाने की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज, अधिकतर जमाती छिपे थे मस्जिदों में

How To Reach Jamati In Rajasthan
How To Reach Jamati In Rajasthan

पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. राजस्थान में कोरोना के मामले तेजी से फैले हैं. यहां तक की देश में सबसे अधिक संक्रमित मामलों में प्रदेश चौथे स्थान पर आ गया है. इसके पीछे दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके के मरकज से लौटे तबलीगी जमात के लोगों की भूमिका संदेह के घेरे में है. पहले बताया जा रहा था कि राजस्थान के करीब 450 लोग दिल्ली के तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शरीक हुए थे लेकिन बाद में खूफिया जानकारी में सामने आया कि इनकी संख्या एक हजार या इससे भी अधिक हो सकती है.

रामगंज में मिलने वाले कोरोना पॉजिटिव मामलों के देखते हुए भी इसकी पुष्टि हो सकती है. वहीं हाल में रामगंज सहित अन्य आसपास की मस्जिदों में 87 जमातियों के छूपे होने की बात भी सामने आई थी. करीब 500 जामातियों को पहले ही क्वारंटीन किया जा चुका है. अन्य शहरों में मिल रहे मामलों में भी जमातियों की संख्या ज्यादा है. अब सवाल ये उठता है कि 22 मार्च को प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद जमाती अलग अलग जिलों में लॉकडाउन तोड़कर पहुंचे तो आखिर पहुंचे कैसे?

राजस्थान इंटेलिजेंस की सूचना के मुताबिक, जांच में खुलासा हुआ है कि लॉक डाउन के दौरान दिल्ली से आए मरकज में शामिल तबलीगी जमात के लोगों ने लॉक डॉउन तोड़ने के लिए एक एम्बुलेंस का सहारा लिया. वे मरीज बनकर एम्बुलेंस से एक से दूसरे जिले में पहुंचे. सबसे बड़ी चौकाने वाली बात जांच में सामने आई कि दिल्ली से 23 लोग भारत-पाक सीमा पर जैसलमेर जिले के पोकरण में पहुंच गए. वे वहां एक मस्जिद में तीन दिन ठहरे. 22 मार्च को जैसे ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने देश में सबसे पहले राजस्थान में लॉक डाउन का ऐलान किया, इन लोगों ने एक एंबुलेंस के मालिक से संपर्क किया और 23 मार्च को इनमें से 3 जोधपुर पहुंचे.

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फिर 31 मार्च को जब पूरे देश में लॉक डाउन था, तब इसी तरह से एम्बुलेंस से मरीज बनकर बाकी के लोग बीकानेर पहुंच गए. जैसलमेर में एक एम्बुलेंस मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इसने ही लॉकडाउन के अंदर एम्बुलेंस में तबलीगी जमात के लोगों को जैसलमेर से बाहर पहुंचाया था. जैसलमेर में अब तक 13 लोग कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए हैं. बताया जाता है कि यारू खान नाम के व्यक्ति ने तबलीगी जमात के दिल्ली से आए लोगों को बीकानेर और जोधपुर अपनी एम्बुलेंस से 31 मार्च को पहुंचाया था. यारू खान के खिलाफ महामारी एक्ट के साथ ही कोरोना फैलाने की साजिश रचने का मुकदमा भी दर्ज किया गया है. जांच के बाद पुलिस ने एंबुलेंस चालक यारू खां को संक्रमण फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर अब पूछताछ की जा रही है.

रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि दिल्ली और यूपी से सटे प्रदेश के भरतपुर जिले के मेवात में 132 लोग पहुंचे और यहां मस्जिद अथवा किसी मौलवी के घर ठहरे. तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस इन्हें तलाश सकी. जांच में खुलासा हुआ है कि लॉक डाउन के दौरान दिल्ली से आए मरकज में शामिल तबलीगी जमात के लोगों ने लॉक डॉउन तोड़ने के लिए जानवरों के चारे से भरे ट्रकों का भी सहारा लिया तो कुछ लोग मरीज बनकर एम्बुलेंस से एक से दूसरे जिले में पहुंचे, वहीं कुछ लोग पैदल चलकर भी आए.

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सरकार को सौंपी रिपोर्ट में उन्होंने माना कि दिल्ली से आए तब्लीगी अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में ही गए और उन्होंने अपना ठिकाना मस्जिद, दरगाह या फिर अल्पसंख्यक बहुल मोहल्लों को बनाया. गुरुवार को जयपुर के रामगंज इलाके की मस्जिद और अन्य दूसरी जगहों पर भी तबलीगी जमात के 87 लोगों के लॉकडाउन के दौरान रुके होने की जानकारी सामने आई. सरकार की ओर से बार-बार अपील करने के बावजूद ये लोग जांच कराने के लिए आगे नहीं आए. इनमें से कुछ मौका देखकर अन्य जिलों में चले गए. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि रामगंज में कोरोना वायरस का आंकड़ा 200 को पार कर गया है. रामंगज और चार दीवारी सहित कई इलाकों को फिलहाल पुलिस ने सील कर रखा है.

तबलीगी जमात से जुड़े मामले सामने आने के पहले राजस्थान के 6 जिलों में कोरोना के मरीज पाए गए थे. जमातियों की वजह से राजस्थान के 22 जिलों में कोरोना अपनी पैठ बना चुका है. राज्य के टोंक जिले में नेपाल से आए पांच लोग जमात के बाद आए, जिन्हें पॉजिटिव पाया गया था. इनके संपर्क में आए सभी लोग पॉजिटिव पाए गए हैं

जानकारी के अनुसार झुंझुनूं जिले के अल्पसंख्यक इलाकों में 109, अलवर के मेवात और दिल्ली से सटे इलाकों में 172, बीकानेर में 36, जोधपुर में 42, पाली में 10, चूरू में 20, सीकर में 33, धौलपुर में 13, करौली में 37, कोटा में 4, अजमेर में 31, टोंक में 9 एवं दौसा में 4 जमाती दिल्ली से पहुंचे थे. पुलिस एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारी अनौपचारिक बातचीत में स्वीकारते हैं कि प्रदेश में पॉजिटिव मामले बढ़ने का सबसे बड़ा कारण मरकज से निकले जमाती ही हैं.

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अब हालात इस कदर बिगड़ते जा रहे हैं कि राजस्थान में कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 700 को पार कर रहा है. वर्तमान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 678 से ज्यादा हो गई है. सबसे अधिक 286 मरीज जयपुर से हैं. शनिवार को खबर लिखे जाने तक प्रदेश में 117 नए संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं, जिसमें 65 अकेले जयपुर की चारदीवारी में मिले हैं. बता दें, शुक्रवार को प्रदेश में 98 नए कोरोना मरीज मिले थे जिनमें से 53 अकेले रामगंज से थे जिसके पॉजिटिव होने की पुष्टि घर घर सर्वे के जरिए हुई है.

वहीं गुरुवार को मिले 80 मरीजों में से 39 गुलाबी नगर से थे. देश में सबसे अधिक संक्रमित होने वाले राज्यों में अब राजस्थान चौथे स्थान पर आ गया है. सबसे अधिक मरीज महाराष्ट्र में हैं. यहां 1574 कोरोना से संक्रमित मरीज हैं. तमिलनाडू (911) दूसरे और दिल्ली (903) तीसरे पायदान पर है. तीनों राज्यों की सरकारों ने भी बिगड़ती स्थितियों के लिए जमातियों को कसूरवार माना है.

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