Politalks.News/Rajasthan. जयुपर ग्रेटर नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव से हाथापाई मामले में राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जयपुर ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को तत्काल सस्पेंड कर दिया है. भाजपा के वार्ड 72 पार्षद और चेयरमैन पारस जैन, वार्ड 39 पार्षद अजय सिंह चौहान और वार्ड 103 पार्षद शंकर शर्मा को निलंबित किया गया है. स्वायत्त शासन विभाग ने देर रात चारों को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए हैं. राजस्थान के इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी महापौर को निलंबित किया गया है.
सरकार ने आयुक्त से मारपीट की घटना की न्यायिक जांच करवाने का फैसला किया है, तब- तक मेयर व पार्षद सस्पेंड रहेंगे. बता दें, मेयर को पार्षद पद से भी सस्पेंड कर दिया है. मेयर के अलावा तीनों पार्षदों पर आयुक्त के साथ मारपीट, धक्का-मुक्की और अभद्र भाषा का प्रयोग करने की वजह से कार्रवाई की गई है. जांच प्रभावित होने की वजह से इन्हें निलंबित किया गया है.
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स्वायत्त शासन विभाग ने सौम्या गुर्जर और तीनों पार्षदों के अलग अलग निलंबन आदेश जारी किए हैं. निलंबन आदेश में लिखा है कि वार्ड 87 की पार्षद और महापौर सौम्या गुर्जर की मौजूदगी में नगर निगम आयुक्त के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल और राजकार्य में बाधा के साथ ही उनकी सहमति से आयुक्त के साथ धक्का-मुक्की की जांच उपनिदेशक क्षेत्रीय, स्थानीय निकाय की ओर से करवाई गई. जांच में सौम्या गुर्जर दोषी पाई गई हैं. इस पर राज्य सरकार ने उनके खिलाफ न्यायिक जांच करने का निर्णय लिया है. उनके महापौर पद पर रहने से जांच प्रभावित होने की पूरी संभावना है, इसलिए राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) का प्रयोग करते हुए उन्हें महापौर व सदस्य वार्ड 87 के पद से निलंबित करती है.
आपको बता दें, शुक्रवार को मेयर सौम्या गुर्जर और आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह के बीच शुरू हुई तीखी बहस के बाद तीन पार्षदों पर बैठक छोड़कर जा रहे आयुक्त का हाथ पकड़कर धक्का-मुक्की और पिटाई करने का आरोप लगा. आयुक्त की शिकायत पर 3 पार्षदाें पर एफआईआर दर्ज हुई. इस घटना की सरकार ने शुरुआती जांच करवाई जिसमें मेयर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को घटना के लिए जिम्मेदार माना और विस्तार से जांच की सिफारिश की. लेकिन महापौर सहित किसी भी पार्षद ने डीएलबी की जांच अधिकारी के समक्ष बयान नहीं दिए थे. बयान के लिए सभी ने अतिरिक्त समय मांगा था, लेकिन जांच अधिकारी ने समय नहीं दिया और डीएलबी निदेशक दीपक नंदी को रिपोर्ट सौंपी दी थी. इसके कुछ घंटे बाद ही सरकार ने चारों के निलंबन के आदेश जारी कर दिए.
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मेयर और भाजपा पार्षदों के निलंबन से सियासत गर्माएगी
विनाश काले विपरीत बुद्धि, मेयर का निलंबन कांग्रेस के पतन का कारण बनेगा- सतीश पूनियां
रविवार देर रात गहलोत सरकार द्वारा नगर निगम ग्रेटर की मेयर और तीन पार्षदों के निलंबन की कार्रवाई पर पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने देर रात ही ट्वीट करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी. सतीश पूनियां ने लिखा कि, “विनाश काले विपरीत बुद्धि, इतिहास गवाह है देश में जून के महीने में ही आपातकाल लगा था और कांग्रेस के पतन की शुरूआत हुई थी. जयपुर ग्रेटर की मेयर और पार्षदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण तो है लेकिन यही राजस्थान में कांग्रेस के पतन का कारण बनेगा. पार्टी हर तरीक़े से न्याय की लड़ाई लड़ेगी.”
सतीश पूनियां के ट्वीट से साफ जाहिर है कि प्रदेश की सियासत इस मुद्दे पर जबरदस्त गर्माने वाली है. वहीं बीजेपी इस कार्रवाई को अदालत में चुनौती देगी. सरकार की इस कार्रवाई पर मेयर सौम्या गुर्जर ने देर रात ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं.’
आपको बता दें, जनप्रतिनिधियों और अफसरों में कई बार टकराव और हाथापाई के हालात बने हैं, लेकिन सरकार के स्तर पर ऐसे मामले में महापौर को निलंबित करने जैसी कठोर कार्रवाई प्रदेश के इतिहास में पहली बार की गई है. पार्षदों को सस्पेंड किया जाता रहा है लेकिन किसी अफसर से खराब बर्ताव को लेकर मेयर को सस्पेंड करने का राजस्थान में यह पहला मामला है. आपको बता दें, जयुपर ग्रेटर नगर निगम में बीजेपी का बहुमत है, मेयर सौम्या गुर्जर बीजेपी से है. बीजेपी की मेयर और तीन पार्षदों के निलंबन पर अब सियासत गर्माना तय माना जा रहा है. सरकार के इस फैसले को बीजेपी कोर्ट में चुनौती देगी, यह तय माना जा रहा है. बीजेपी निलंबन के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी. इस मुद्दे पर कांग्रेस-बीजेपी के बीच सियासी घमासान होना तय माना जा रहा है.