प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीवनी पर आधारित बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की रिलीज पर 19 मई तक बैन लगाने का चुनाव आयोग का फैसला बरकरार रहेगा. ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ फिल्म के निर्माताओं ने चुनाव आयोग के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में मुताबिक कोर्ट ने कहा कि, अब इस मामले में क्या बचा है? मुद्दा यह है कि क्या फिल्म इस समय दिखाई जा सकती है. चुनाव आयोग ने इस पर निर्णय ले लिया है. हम इस पर सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं.’
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को रिलीज करने की मांग की याचिका आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. याचिका में निर्माताओं द्वारा चुनाव आयोग के फिल्म पर 19 मई तक रोक लगाने के फैसले को चुनौती दी गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट मानने से इनकार कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार मामले पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘अब इस मामले में क्या बचा है? चुनाव आयोग ने इस पर निर्णय ले लिया है. हम इस पर सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं.’
वहीं, पीएम मोदी के जीवन पर आधारित व एक्टर विवेक ओबरॉय अभिनीत ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ फिल्म के निर्माताओं ने याचिका में चुनाव आयोग के फैसले को नियम विरूद्ध बताया था. जिसमें कहा गया था कि ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ फिल्म पर चुनाव आयोग की रोक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से मिली मंजूरी के विरुद्ध है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता फिल्म निर्माताओं की इस दलील के साथ याचिका को भी खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले निर्वाचन आयोग को आदेश दिया था कि वह इस फिल्म को देखकर अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे. जिसके बाद बीते सप्ताह ही आयोग ने कोर्ट के बताया था कि ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ सिर्फ बायोपिक नहीं है, बल्कि इसके संवाद, फिल्म में दिखे प्रतीक चिह्न और प्रेजेंटेशन एक जनप्रतिनिधि की प्रशंसा करते हैं. साथ ही कहा गया कि फिल्म को चुनाव के बीच रिलीज करने से एक पार्टी विशेष को फायदा हो सकता है.