लोकसभा चुनाव के बीच राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी सुर्खियों में बनी हुई है. इसी बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘बीजेपी ही मोदी और मोदी ही बीजेपी’ पर अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा है कि बीजेपी कभी भी व्यक्ति केंद्रीय पार्टी नहीं रही है और न ही हो सकती है. एक मीडिया इंटरव्यू में गडकरी ने इस बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि चाहे इतिहास पर गौर कर लिया जाए तो बीजेपी न तो कभी अटल बिहारी वाजपेयी व लालकृष्ण आडवाणी की पार्टी बनी और न ही आगे भविष्य में नरेंद्र मोदी व अमित शाह की पार्टी बनेगी. उन्होंने तर्क दिया कि यह एक विचारधारा की पार्टी है न कि व्यक्ति केंद्रित.
साल 2014 में बड़ी जीत हासिल कर देश की सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी की इस सफलता में मोदी-शाह की जोड़ी का अहम रोल माना जाता है. तभी से ही एक धारणा चल रही है कि बीजेपी यानि नरेंद्र मोदी- अमित शाह व बीजेपी ही मोदी व मोदी ही बीजेपी, लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में इस धारणा के बारे में खुलकर अपना पक्ष रखा. गडकरी ने इस धारणा को सिरे से नकार दिया. उन्होंने साफ किया कि पार्टी विचारधारा पर आधारित है न कि किसी व्यक्ति केंद्रित. गडकरी के इस बयान का सियासी वैज्ञानिक अलग-अलग मतलब निकाल रहे हैं. लिहाजा देश की सत्ता का फैसला करने वाले इन चुनावों में बीच गडकरी का ये बयान नई बहस लेकर आया है.
इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि बीजेपी में नेता और पार्टी एक-दूसरे के पूरक हैं. गडकरी ने खुलकर कहा कि अगर नेता कमजोर हो और पार्टी मजबूत हो तो चुनाव जीत पाना संभव नहीं होता. वैसे ही अगर नेता मजबूत हो और पार्टी कमजोर हो तो भी बात नहीं बन सकती. जिसका सीधा मतलब था कि आज पार्टी के पास नरेंद्र मोदी जैसा लोकप्रिय नेता है और पार्टी उनके नाम पर मतदाताओं के बीच जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रवाद बीजेपी की आत्मा है. बीजेपी का एजेंडा हमेशा से विकास ही रहा है. जबकि विपक्षी दल इस चुनाव में जातिवाद और सांप्रदायिकता का जहर घोलकर माहौल बिगाड़ने में लगे हैं.
वहीं नितिन गडकरी ने इन लोकसभा चुनावों में एनडीए की सरकार बनने की बात को फिर दोहराया है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की संभावनाओं से इनकार किया है. साथ ही यह साफ किया है कि बीजेपी को बहुमत मिलने की स्थिति में भी पार्टी सहयोगी दलों को साथ लेकर ही चलेगी. उन्होंने इस बात को भी फिर से दोहराया है कि वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं है. बता दें कि लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान 12 मई को होने जा रहा है. वहीं 19 मई को अंतिम चरण के मतदान के बाद जनता का फैसला 23 मई को आ जाएगा. इस दौरान गडकरी के इस बयान को पार्टी में कहीं न कहीं नतीजों में कोई आंशका से जोड़कर देखा जा रहा है.