Politalks.News/BJP/New Delhi. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को संपन्न हो गई. बीजेपी के लिए यह बैठक कई मायनों बेहद अहम रही. वहीं कयासों के विपरीत राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में राजस्थान सहित अन्य राज्यों में हुए उपचुनाव के परिणामों पर कोई खास चर्चा नहीं हुई. लेकिन आगामी दिनों में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही पार्टी को मजबूत करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जरूरी मंत्र दिए. इनमे से पांच संदेश ऐसे रहे जो सबसे ज्यादा खास थे. 2022 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें चार राज्य ऐसे हैं जहां पार्टी सत्ता में है और यही वह राज्य हैं जहां सत्ता की वापसी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
आपको बता दें, पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी की सरकार नहीं है और बीजेपी ने रविवार को कार्यकारिणी की बैठक में ऐलान कर दिया है कि पंजाब की सभी सीटों में बीजेपी अपना उम्मीदवार उतारेगी. विधानसभा चुनावों में बीजेपी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश पर ध्यान लगा रही है यही कारण है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सबसे पहले राजनीतिक प्रस्ताव रखने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को चुना गया. बैठक के दौरान एक बड़ा संदेश यह दिया गया कि मतदाताओं के सामने सरकार की उपलब्धियों को ठीक से पहुंचाना और पार्टी संगठन का और विस्तार करना.
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राजस्थान भाजपा को मिले 4 बड़े टास्क
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में 4 बड़े टास्क राजस्थान बीजेपी को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने दिए हैं. ये टास्क अब राजस्थान भाजपा जनता के बीच ले जाएगी. पहला, पार्टी के टॉप लीडरशिप ने कहा है कि राजस्थान में महिलाओं और दलितों पर अत्याचार बढ़ा है और कंट्रोल से बाहर हो गया है. दूसरा, राजस्थान की कांग्रेस सरकार राज्य में वैट कम नहीं कर रही है, जबकि पहले कांग्रेस पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर हल्ला मचा रही थी. अब अपनी जिम्मेदारी से कांग्रेस और उसकी सरकार पीछे हट रही है. इन दोनों मुद्दों को राजस्थान की आम जनता तक लेकर जाना है. उन्हें बताना है कि कांग्रेस के व्यवहार और करनी-कथनी में अंतर है.
तीसरा और चौथा जो सभी राज्यों पर लागू होता है, वो यह है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संगठन को मजबूत बनाने के लिए इस साल 25 दिसम्बर यानी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती तक सभी मतदान केंद्रों में बूथ समितियों का गठन करना है. और चौथा, बीजेपी पार्टी के स्थापना दिवस 6 अप्रैल 2022 तक पूरे प्रदेश में पन्ना प्रमुखों की समिति का गठन करेगी और प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को बूथ लेवल तक सुनने की व्यवस्था करेगी. आपको बता दें, राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में प्रदेश भाजपा मुख्यालय से वर्चुअल तरीके से 8 नेता शामिल हुए. बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद ओम प्रकाश माथुर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रशेखर और सांसद जसकौर मीणा शामिल हुए.
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आपको बता दें, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के एजेंडे में सबसे ऊपर था जीत के लिए संकल्प और आगामी पांच राज्यों में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करना. इन पांच राज्यों में से चार भाजपा के मुख्यमंत्रियों और पांच राज्यों के पार्टी अध्यक्षों ने पीएम और बीजेपी के शीर्ष अधिकारियों को जानकारी दी. पीएम मोदी ने राज्य की जानकारियों और तैयारियों की सराहना की और कहा कि उम्मीद करते हैं कि जनता भाजपा में अपना विश्वास बनाए रखेगी.
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल पंजाब में है. यह एक ऐसा राज्य है जहां पार्टी की मदद के लिए कोई सहयोगी नहीं है. पार्टी को अब यह भी लगने लगा है कि पंजाब में अब कृषि कानून नहीं बल्कि अब सिख पहचान ही वहां एक मुख्य मुद्दा है. कार्यकारिणी में जोर देकर कहा गया कि बीजेपी ने सिखों के लिए करतारपुर गलियारा खोलने समेत कई अहम काम किए हैं. पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें आम जनता के बीच विश्वास का पुल बनाना होगा और फिर भाजपा के दायरे का विस्तार करना होगा. वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा जैसे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगी.