‘मैं बंगालियों के लिए जान भी दे सकती हूं’

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बंगाल में राजनीतिक हिंसा लोकसभा चुनाव के बाद भी अपने चरम पर है. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अकेले ही बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा है. आज मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बीजेपी पर जमकर धावा बोला. यहां उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि हर राज्य की अपनी विरासत और भाषा है. यह हमारा भारत है लेकिन बीजेपी भाग्य का फैसला नहीं करेगी.

‘मैं बंगालियों के लिए जान भी दे सकती हूं’
– ममता बनर्जी, बंगाल सीएम

ममता बनर्जी ने कहा कि मैं बंगालियों के लिए अपनी जान भी दे सकती हूं. उन्होंने बंगाल में हिंसा पर बात करते हुए कहा कि मैं राज्यपाल का सम्मान करता हूं लेकिन हर पद की अपनी संवैधानिक सीमा होती है. बंगाल को बदनाम किया जा रहा है. अगर आप बंगाल को बचाना चाहते हैं और इसकी संस्कृति साथ आ रही है. बंगाल को गुजरात में बदलने के लिए एक योजना बनाई जा रही है लेकिन बंगाल गुजरात नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल कोई खिलौना नहीं है.

‘अच्छे-खासे प्रदेश को बदहाल और अराजक बना दिया’
– शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अच्छे-खासे प्रदेश को बदहाल और अराजक प्रदेश बना दिया. कांग्रेस कार्यालय में अधिकारियों की बोलियां लग रही हैं. अफसर तय होते हैं, फिर बदल जाते हैं. प्रशासनिक अराजकता का ऐसा माहौल मध्यप्रदेश में तो क्या देश के किसी राज्य में कभी नहीं रहा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में सब अपनी-अपनी पसंद के कलेक्टर बनाने में लगे हैं और मुख्यमंत्री कुछ बोल ही नहीं रहे हैं. जो सरकार भोपाल में कलेक्टर तय नहीं कर सकती, वो प्रदेश का प्रशासन क्या चलायेगी.

‘आरोपियों के समर्थन में क्यों आए थे बीजेपी के मंत्री’
– असदुद्दीन ओवैसी, एआईएमआईएम अध्यक्ष

ऑल इंडिया मदलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कठुआ मामले को लेकर बीजेपी के मंत्रियों पर सवाल खड़े किए हैं. ओवैसी ने कहा कि बीजेपी को यह बताना चाहिए कि पिछली जम्मू-कश्मीर सरकार में उसके मंत्री कठुआ मामले में आरोपियों के समर्थन में आयोजित रैली में क्यों शामिल हुए थे? उन्होंने कहा कि आरोपी चाहे किसी भी धर्म का हो, उसे न्याय के कठघरे में लाया ही जाना चाहिए.

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