कर्नाटक में सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार अल्पमत पर आ गई है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के विश्वासमत प्रस्ताव की पेशकश के बाद भी सदन में हो रहे नाटक से पर्दा नहीं उठ रहा है. कल सदन में फ्लोर टेस्ट होना था लेकिन कांग्रेस के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही पहले लंच और उसके बाद आज सुबह तक के लिए स्थगित हो गई. इसके बाद राज्यपाल वजुभाई वाला पटेल ने हस्तक्षेप करते हुए आज दोपहर डेढ़ बजे तक सदन में शक्ति परीक्षण करने की डेडलाइन दी है.
वहीं कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने ट्वीट कर राज्यपाल वजुभाई वाला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि गवर्नर ने पिछले साल बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त दिया था, ताकि होर्स ट्रेडिंग की जा सके. अब हमें गलत तरीके से आदेश दिया जा रहा है.
कर्नाटक की सियासी ड्राम यहीं नहीं खत्म हो रहा, बल्कि यहां से तो केवल शुरूआत हो रही है. कल बीमारी के चलते सदन में उपस्थित न हो पाए कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल से मिलने आज बेंगलुरु पुलिस मुंबई के अस्पताल पहुंची. विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने पुलिस को इसलिए यहां भेजा है ताकि पता चल सके कि पाटिल सच में बीमार हैं या फिर बीमारी का नाटक कर रहे हैं. जब बेंगलुरु पुलिस यहां पहुंची तो मुंबई पुलिस ने उन्हें विधायक पाटिल से नहीं मिलने दिया.
कल भी सदन में फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही होनी थी लेकिन हंगामे के चलते ऐसा न हो सका. जब स्पीकर ने शाम को सदन स्थगन की घोषणा की तब बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने स्थगन के फैसले का विरोध करते हुए रात सदन में ही गुजारी. उनके साथ बीजेपी के तमाम विधान भी सदन में ही रूके.