राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान रोजाना किसी न किसी के मुद्दे पर हंगामा हो जाता है और भाजपा के सदस्य सदन से बाहर चले जाते हैं. हंगामे का कारण पूरक प्रश्न होते हैं जिनको पूछने की अनुमति विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी नहीं देते. यह सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा. भाजपा के विधायक प्रश्नकाल का बायकाट करने के बाद जब शून्यकाल में सदन में लौटे तो उन्होंने फिर हंगामा कर दिया. सीपी जोशी और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ की बीच जमकर नोकझोंक हुई.
सीपी जोशी ने भाजपा विधायकों से कहा कि सदन मेरे कहने से चलेगा. हंगामा करना है तो बाहर रहें. इस पर राठौड़ ने कहा कि आपकी परमिशन से न तो अंदर आए हैं और न ही बाहर जाएंगे. दरअसल पहले विधायकों को प्रश्नकाल में प्रश्न पूछने के बाद पूरक प्रश्न पूछने की छूट थी, लेकिन अब इस पर प्रथा पर अंकुश लग गया है. इससे नाराज भाजपा सदस्यों ने गुरुवार को प्रश्नकाल का बहिष्कार कर दिया. प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही राजेन्द्र राठौड़ भाजपा के सदस्यों को सदन से बाहर ले गए.
प्रश्नकाल में भाजपा के सिर्फ आठ विधायक सदन में एक-एक कर पहुंचे, जिनका प्रश्न लगा था. प्रश्न का उत्तर मिलने के बाद ये सदस्य सदन से बाहर चले जाते. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता राजेन्द्र राठौड़ सहित बाकी भाजपा सदस्य प्रश्नकाल में सदन से बाहर ही रहे. इसके बाद शून्यकाल शुरू होने पर भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन में प्रवेश किया. विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने उनसे कहा कि अगर हल्ला करने आए हैं तो बाहर ही रहें. इस पर उनकी राठौड़ से तीखी नोकझोंक हो गई. राठौड़ ने कहा कि आपकी परमिशन से न तो अंदर आए हैं और न ही बाहर जाएंगे.
सीपी जोशी ने भाजपा सदस्यों को नारेबाजी नहीं करने की चेतावनी देते हुए कहा कि सदन में शांति बनाए रखें. जब राठौड़ ने कहा कि सदन ऐसे नहीं चलेगा तो जोशी ने कहा कि आप सदन में नहीं आएंगे तो भी सदन चलेगा. सदन मेरे कहने से चलेगा, आपके कहने से नहीं. इस पर राठौड़ ने कहा कि हमें भी राजस्थान की आवाम ने चुनकर भेजा है. आपको हमें बाहर भेजना ही है तो मार्शल को बुलवाकर सदन से बाहर भिजवाओ. इस पर जोशी ने कहा कि सदन आपके कहने से नहीं चलेगा. आप इस तरह अध्यक्ष को दबाव में नहीं ला सकते हैं.
प्रश्नकाल में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह एक सवाल का जवाब नहीं दे पाए. विधायक बलवान पूनिया ने गोगामेड़ी में गबन का मामला उठाते हुए पूछा था कि गोगामेड़ी मेले में राजस्व में कमी कैसे आ गई. इस पर विश्वेन्द्र सिंह ने विधायक पूनिया से कहा कि आप कहें तो मैं थोड़ी देर में बता देता हूं. हालांकि प्रश्नकाल के दौरान वह जवाब नहीं दे पाए.
इससे पहले विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष हनुमानगढ़ जिले के गोगामेड़ी में हुए एक करोड़ 24 लाख रुपए के गबन के मामले में संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. कई अधिकारियों को चार्जशीट दी गई है और निलंबन की कार्रवाई की गई है.