शहरी क्षेत्र के छोटे व्यापारियों और बेरोजगारों को इंदिरा क्रेडिट कार्ड की सौगात, 50 हजार तक ब्याज मुक्त ऋण

बजट घोषणा को पूरी करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी क्रेडिट कार्ड योजना को दी मंजूरी, जिसके चलते गहलोत सरकार अब अगले 1 साल में प्रदेश के 5 लाख से ज्यादा छोटे व्यापारी और बेरोजगारों को व्यापार के लिए 50 हजार रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण बिना गारंटी के देगी उधार

gehlot 2 sixteen nine2
gehlot 2 sixteen nine2

Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी एक और बजट घोषणा को पूरा करते हुए कोरोना संकट के चलते आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे खुदरा व्यापारियों और शहरी क्षेत्र के रेहड़ी-पटरी वालों तथा सेवा क्षेत्र के युवाओं व बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए ‘इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना-2021’ के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है. इस योजना में लाभार्थी को बिना किसी गारंटी के 50 हजार रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. आपको बता दें, मुख्यमंत्री गहलोत ने वैश्विक महामारी के दृष्टिगत शहरी क्षेत्रों में रोजगार, स्वरोजगार तथा रोजमर्रा की जरूरतों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने हेतु इस वर्ष के आम बजट में ‘इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना’ लागू करने की घोषणा की थी.

एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा जैसी योजनाएं संचालित हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में ऐसी कोई व्यापक योजना उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में शहरी बेरोजगारों आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को इंदिरा गांधी क्रेडिट कार्ड योजना को मंजूरी दी है. जिसके चलते गहलोत सरकार अब अगले 1 साल में प्रदेश के 5 लाख से ज्यादा छोटे व्यापारी और बेरोजगारों को 50 हजार रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण बिना गारंटी के उधार देगी. यह रकम व्यापार में लगाई जा सकेगी.

यह भी पढ़ें: पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक राजकुमार शर्मा की पत्नी का बेनीवाल की पार्टी से नामांकन भरना बना चर्चा का विषय

आपको बता दें, योजना का लाभ नगरपालिका, नगर परिषद एवं नगर निगम की सीमा में रह रहे पांच लाख लोगों को प्रदान किया जाएगा. शहरी क्षेत्र के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों के लिए अनुसूचित जाति निगम द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा. बता दें, इंदिरा गांधी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एक साल तक की अवधि में ऋण लिया जा सकेगा. 31 मार्च 2022 तक ऋण स्वीकृत किए जा सकेंगे. ऋण ली गई राशि 3 माह के बाद से चुकानी होगी. वहीं ऋण भुगतान की अवधि 12 माह होगी. इस पूरी योजना में स्वायत शासन विभाग के अंतर्गत प्रक्रिया पूरी की जाएगी. नोडल अधिकारी के रूप में जिला कलेक्टर की भूमिका रहेगी.

आपको यह भी बता दें कि गहलोत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना में शहरी निकाय की ओर से जिन्हें प्रमाण पत्र या पहचान पत्र दिया हो, ऐसे छोटे व्यापारी योजना के पात्र होंगे. निकाय की ओर से सर्वे में छूट गए व्यापारियों या टाउन वेंडिंग कमेटी के सिफारिश पत्र वाले व्यापारी वेंडर भी पात्र होंगे. ऐसे विक्रेता जिन्हें सर्वे के दौरान चयनित किया गया है, लेकिन प्रमाण पत्र या पहचान पत्र जारी नहीं किया है, वे भी पात्र होंगे. शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा व जिनकी मासिक आय 15 हजार रु. से अधिक नहीं है, वे भी पात्र होंगे.

Leave a Reply