वैक्सीन की असमान रेट पर हाईकोर्ट सख्त, केंद्र-राज्य और दोनों वैक्सीन निर्माता कंपनियों से मांगा जवाब: कोरोना वैक्सीन की अलग-अलग रेटों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई, कोर्ट ने केंद्र-राज्य सरकार और दोनों वैक्सीन निर्माता कंपनियों से मांगा जवाब, पत्रकार मुकेश शर्मा की जनहित याचिका पर आदेश, याचिका की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट अभय भंडारी ने कोर्ट में बताया कि देश में बनी वैक्सीन के तीन अलग-अलग रेट लेना है गलत, केंद्र सरकार ने बजट में वैक्सीनेशन के लिए रखा है 35 हजार करोड़ का प्रावधान, पीएम केयर फंड में भी लोगों ने भारी मात्रा में किया है डोनेट, यह राशि इस महामारी में वैक्सीनेशन व अन्य मेडिकल सामग्री की खरीद के लिए ली जा सकती है काम में, वैक्सीन निर्माता केंद्र सरकार की अनुमति से भारी लाभ कमाने के उद्देश्य से तीन अलग-अलग रेट में बाजार में बेच रही है वैक्सीन, 45 साल से ऊपर के आयु वर्ग के लिए मुफ्त में दे रही है केंद्र सरकार, ऐसे में सरकार को 18 से 45 साल के आयु वर्ग के लिए भी मुहैया करवानी चाहिए है निशुल्क वैक्सीन, याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस सबीना की खंडपीठ ने केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और वैक्सीन निर्माता कंपनियों भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को नोटिस जारी कर मांगा है जवाब, वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां केन्द्र, राज्य और निजी अस्पतालों तीनों को अलग-अलग रेटों पर उपलब्ध करवा रही है वैक्सीन

वैक्सीन की अलग-अलग रेट पर हाईकोर्ट सख्त
वैक्सीन की अलग-अलग रेट पर हाईकोर्ट सख्त
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