सुप्रीम कोर्ट के ​आदेशों का पालन करते हुए कर्नाटक सरकार के 11 बागी विधायक विधानसभा स्पीकर आर. रमेश के मिलने पहुंचे. इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आर. रमेश ने कहा कि मेरा काम किसी को बचाना नहीं है. मैं जल्दबाजी में फैसला नहीं ले सकता था. मैं पिछले 40 साल से सार्वजनिक जीवन में हूं और सम्मान के साथ जीने की कोशिश करता हूं. उन्होंने कहा कि मैंने कुछ मीडिया रिपोर्टों को पढ़ा है, जिससे मैं आहत हुआ हूं. मैं इस देश के संविधान और राज्य की जनता प्रति बाध्य हूं.

इस्तीफे स्वीकार न करने की बात पर उन्होंने कहा कि विधायकों ने मुझसे बात नहीं की और राज्यपाल के पास पहुंच गए. वो मुझसे मिलने की बजाय मुंबई में जाकर बैठ गए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट चले गए और इस्तीफा स्वीकार न करने का आरोप लगा दिया. इस पर मैं क्या कर सकता हूं? क्या यह यह देश की कार्यप्रणाली का दुरुपयोग नहीं है.

आज कांग्रेस के बागी विधायक मुंबई से बेंगलुरु पहुंचे और सीधे विधानसभा स्पीकर से मिलने पहुंचे. सुरक्षाकर्मियों ने कड़ी सुरक्षा के बीच बागी विधायकों को स्पीकर के कार्यालय में पहुंचाया. विधायक बी. बसावराज, रमेश जारकिहोली, शिवराम हेब्बर, बीसी पाटिल, सोमशंकर, नारायण गौड़ा, गोपाल, विश्वनाथ, महेश कुमताहल्ली और प्रताप पाटिल समेत 11 बागी विधायकों ने स्पीकर के चैंबर में प्रवेश किया. अन्य 5 विधायकों की अभी कोई जानकारी नहीं मिली है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक स्पीकर ने कहा कि 8 विधायकों के इस्तीफे अब सही हैं. उन्होंने बताया कि सभी विधायकों से मुलाकात की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है. इसकी कॉपी कल कोर्ट में जमा करा दी जाएगी.

बता दें, कल सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है. कोर्ट में 10 विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार न करने की अर्जी दायर की थी. इस मामले में कल विधायकों के साथ स्पीकर की बात भी सुनी जाएगी. वहीं जेडीएस ने अपने तीन विधायकों के इस्तीफे के खारिज करने की अर्जी भी दाखिल की है. कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार के 16 विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं.

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