Politalks.News/Rajasthan/Delhi. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि चाहे अधर्म कितना भी बढ़ जाए और सत्ता अपने आप को कितना भी मजबूत समझे लेकिन यदि वो गलत है तो उसके सामने कभी नहीं झुकना चाहिए. सीएम गहलोत ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई गुरू तेग बहादुर जी की 400वीं जन्म शताब्दी उच्च स्तरीय समिति की वर्चुअल बैठक के दौरान कही. यही नहीं पीएम मोदी की इस बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने किसान आंदोलन का मुद्दा भी उठाया. सीएम गहलोत ने पीएम मोदी से कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर देशभर में लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलनों का कोई सार्थक हल निकाला जाए.
पीएम मोदी ने नहीं दिया कोई जवाब
मुख्यमंत्री गहलोत ने अपील करते हुए कहा कि किसान भरी सर्दी से खुले में बैठकर आंदोलन कर रहे हैं और गर्मी आ गई है, इतने लंबे अरसे बाद अब तो इसका हल निकालिए. गुरु तेग बहादुरजी के प्रकाश पर्व के पुनीत मौके पर सरकार को किसान आंदोलन का हल निकालना चाहिए. हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत की बात का पीएम मोदी ने कोई जवाब नहीं दिया, जो कि थोड़ा अखरने वाला था. बता दें, सीएम गहलोत इससे पहले भी कई बार पीएम से किसान आंदोलन का हल निकालने की मांग कर चुके हैं. हर सार्वजनिक समारोह में और प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत किसान आंदोलन का मुद्दा उठाने से नहीं चूकते.
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समितियों का गठन किया जाए जो कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए करेंगी कार्यक्रम
इस उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे सुझाव दिया कि गुरु तेग बहादुर जी के 400वीं जन्म शताब्दी पर साल भर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से आयोजित करने के लिए समितियों का गठन किया जाए. ये समितियां कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए कार्यक्रम आयोजित करें. सीएम गहलोत ने कहा कि गुरू तेग बहादुर की जन्म शताब्दी जैसे अवसर हमें महापुरूषों के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी का अहसास कराते हैं. गुरू तेग बहादुर ने लोगों को प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश दिया. देश और दुनिया में आज जो चुनौतियां हमारे सामने हैं, उनका मुकाबला हम शांति, सद्भाव और समरसता के माध्यम से ही कर सकते हैं.
सत्ता कितनी भी मजबूत हो, वह गलत हो तो उसके सामने कभी नहीं झुकें
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान केवल धर्म पालन के लिए ही नहीं बल्कि समस्त मानवीय सांस्कृतिक विरासत की खातिर बलिदान था. दिल्ली का शीशगंज गुरुद्वारा साहिब आज भी हमें याद दिलाता है कि चाहे अधर्म कितना भी बढ़ जाए और सत्ता अपने आप को कितना भी मजबूत समझे लेकिन यदि वो गलत है तो उसके सामने कभी नहीं झुकना चाहिए. गुरु तेग बहादुर जी ने हमारी संस्कृति की महान परंपरा का निर्वहन करते हुए अपनी शहादत दी.