मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर में भारी गिरावट आयी है. GDP 5 फीसदी रह गयी है जो पिछली तिमाही में 5.8 फीसदी थी. पिछले वर्ष (अप्रैल-जून) में विकास दर की बात करें तो ये 8 फीसदी पर थी. यानि कहने का मतलब है कि पिछले एक साल में जीडीपी में 3 फीसदी की कमी आयी है जो एक सोचनीय मुद्दा है. सबसे अधिक गिरावट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आयी जहां 95 फीसदी की कमी आयी है. GDP की यह ग्रोथ पिछली साढ़े 6 सालों में सबसे निचले पायदान पर है. इससे पहले वर्ष 2013 की पहली तिमाही में विकास दर 4.3 रही.

GDP की इस दयनीय हालात पर अब मोदी सरकार को कांग्रेस ही नहीं भाजपा नेताओं ने भी आड़े हाथ लेना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर ये मुद्दा पिछले कुछ दिनों में जमकर ट्रेंडिंग में है लेकिन शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने देश के 10 सरकारी बैंकों को मर्ज कर 4 में बदल दिया. उसके बाद ये टॉपिक फिर से वायरल हो रहा है. हालांकि मोदी सरकार का ये फैसला मजबूत बैंक बनाने के लिए किया गया है लेकिन ​साढ़े 6 साल के निचले स्तर पर पहुंच चुकी अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को उपर उठाने पर कोई फैसला न आने से यूजर्स मीडिया पर इस बारे में जमकर ट्रोलिंग हो रही है. वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस महासचिव​ प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने भी बीजेपी की मोदी सरकार (Narendra Modi) पर निशाना साधा.

Slow Down GDP मुद्दे पर सोशल मीडिया पर मजेदार कमेंट भी ​पढ़ने को मिले. एक यूजर ने लिखा, ‘पहले एक बंदी आयी थी जिसका नाम था ‘नोटबंदी’ अब उसकी बहन आयी है जिसका नाम है ‘मं​दी’

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