डॉक्टर्स ने खोली इंतजामों की पोल, शेयर किया वीडियो तो फौरन हरकत में आई सरकार

डॉक्टर्स ने बदइंतजामी का हाल किया बयां तो सरकार की खुली नींद, बिना किसी सुविधा के डॉक्टर्स को सरकारी स्कूल में ठहराया, वीडियो आने के बाद गेस्ट हाउस में किया शिफ्ट

पॉलिटॉक्स न्यूज/यूपी. कोरोना के मरीजों के लिए भगवान और जंगी योद्धा बनकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे डॉक्टर्स के साथ कैसा सलूक किया जा रहा है, इसकी पोल उत्तर प्रदेश के कुछ डॉक्टर्स ने खोल दी. उन्होंने दो वीडियो बनाकर रिलीज ​कर ​दिए जिसके बाद योगी सरकार तुरंत हरकत में आई. बाद में उन्हें कुछ सहुलियतें दी गई. मामला उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले का है.

दरअसल हुआ कुछ यूं कि जिले के अस्पताल में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले सरकारी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम को एक सरकारी स्कूल में बने अस्थायी क्वार्टर्स में ठहराया गया. कोरोना संक्रमण नहीं फैले, इस वजह से वह लोग अपने घर नहीं जा सकते थे. वहां ठहराने की वजह बताई गई कि स्कूल अस्पताल के पास है, ऐसे में उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. डॉक्टर्स इंतजामों से नाखुश थे क्योंकि वहां उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई थी. ऐसे में डॉक्टर्स ने वहां की बदइंतजामी के दो वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिए. बाद में मेडिकल स्टाफ ने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एसके शर्मा को चिट्ठी लिख इस संबंध में शिकायत भी की.

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शिकायत में डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें जिले में कोरोना वायरस रोगियों की देखभाल के लिए भेजा गया है. मंगलवार शाम उन्हें सरकारी स्कूल में बनाए गए अस्थायी क्वार्टर मिले. स्कूल अस्पताल के पास है, जहां कोरोना के मरीजों को भर्ती किया गया है. यहां एक सिंगल कमरे में चार बैड हैं लेकिन पंखा तक काम नहीं कर रहा है. रात तीन बजे लाइट नहीं है. बेहद गंदा कॉमन टॉयलेट है लेकिन यूरिनल्स में पाइप नहीं हैं. बाथरूम भी चोक है. वीडियो में डॉक्टर्स को दिए जाने वाले खाने को भी दिखाया गया है जो निश्चित तौर पर खाने लायक नहीं है.

Letter
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पत्र में ये भी लिखा कि जब हमने चोक बाथरूम की शिकायत की तो हमारे लिए मोबाइल टॉयलेट लाए गए. रात में यहां बिजली नहीं होती है. पीने के पानी के लिए 20 लीटर गैलन हमें दी गई और हमसे कहा गया कि हमें इसे शेयर करना है. वीडियो सामने आने के बाद सरकार तुरंत हरकत में आई और तुरंत मेडिकल टीम को एक गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया गया.

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इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर शर्मा ने कहा कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सभी शिकायतों का संज्ञान लिया गया है. हमने सभी को पास ही के गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया है. एक लाइव किचन की भी व्यवस्था कर रहे हैं ताकि सभी को गर्म खाना मिल सके.

बता दें, उत्तर प्रदेश में हालात धीरे धीरे बिगड़ते जा रहे हैं. यहां कोरोना से मरीजों की संख्या 1500 के करीब आ पहुंची है जबकि 21 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं. प्रदेश के करीब करीब सभी जिलों में कोरोना के मरीज मौजूद हैं और मेडिकल टीम पूरजोर से अपना काम कर रही है. आगरा में सबसे अधिक 324 कोरोना के संक्रमित मरीज हैं जबकि लखनउ में 170, मीरूत में 82, मोरादाबाद में 94 और सराहनपुर में 98 कोरोना मरीज हैं. योगी सरकार के अनुसार कुल मरीजों में 59 फीसदी जमाती हैं जिन्हें दिल्ली मरकज और आसपास की मस्जिदों से निकाला गया है. यूपी में अभी भी कई मस्जिदों में देशी विदेशी जमातियों के छिपे होने की संभावना जताई जा रही है.

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