पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान सम्पन्न हुआ. जैसा कि पहले से तय माना जा रहा था इस चुनाव में दो सीटों पर कांग्रेस व एक सीट पर बीजेपी की जीत हुई. सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक हुए मतदान में कुल 200 विधायकों में से 198 विधायकों ने वोट डाले. वहीं अस्वस्थ होने के कारण मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल व श्रीडूंगरपुर से सीपीएम विधायक गिरधारी लाल महिया वोट डालने नहीं पहुंच पाए.
राज्यसभा की तीन सीटों के लिए सुबह 9 बजे से शुरू हुए मतदान के लिए मतदान शुरू होने से ठीक 15 मिनट पहले चार बसों में सवार होकर भाजपा के 72 व रालोपा के 3 विधायक विधानसभा पहुंचे. इसके बाद सुबह 9:15 बजे कांग्रेस व कांग्रेस समर्थित विधायकों की पहली बस विधानसभा पहुंची. इसके बाद हर 15 से 20 मिनट के अंतराल में कांग्रेस विधायक 5 ओर बसों से मतदान के लिए विधानसभा पहुंचे वहीं मंत्री रमेश मीणा अपने सरकारी वाहन से विधानसभा पहुंचे. कांग्रेस की तएफ से पहला वोट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डाला, हालांकि मतदान प्रक्रिया की शुरुआत बीजेपी विधायकों द्वारा की गई तो अंतिम वोट कांग्रेस विधायक की ओर से डाला गया.
इस चुनाव में कांग्रेस व कांग्रेस समर्थित विधायकों के 125 वोट में से 123 वोट डाले गए जिसमें से केसी वेणुगोपाल को 64 वोट मिले वहीं नीरज डांगी को 59 वोट मिले. बीजेपी व आरएलपी के 75 वोट में से राजेंद्र गहलोत को 54 वोट मिले वहीं ओंकार सिंह लखावत को 20 वोट मिले जबकि बीजेपी का एक वोट रिजेक्ट हो गया.
अब हम बात करें प्रदेश की तीनों सीटों से निर्वाचित हुए राज्यसभा सांसदों की तो कांग्रेस के उम्मीदवार व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल दो बार लोकसभा सांसद रह चुके है. इसके साथ ही पूर्व में केंद्र की यूपीए सरकार में उडडयन राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. केसी वेणुगोपाल को राहुल गांधी का नजदीकी माना जाता है. वेणुगोपाल केरल मूल से है. वेणुगोपाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के छात्र आंदोलन के माध्यम से सक्रिय राजनीति में आए. वेणुगोपाल केरल छात्र संघ और केरल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके है. इसके साथ ही वेणुगोपाल 1996, 2001 और 2006 में अलप्पुझा से केरल विधानसभा के लिए सदस्य रह चुके है. वेणुगोपाल ने 2009 के लोकसभा चुनाव में अलप्पुझा सीट से चुनाव लडा ओर बडे अंतर से जीत हासिल की.
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कांग्रेस की दूसरी सीट से निर्वाचित हुए नीरज डांगी राजस्थान विधानसभा का तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं. डांगी अभी राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में महासचिव के पद पर नियुक्त हैं और एआईसीसी में सदस्य है. राजस्थान के पाली जिले के बाली इलाके के रहने वाले नीरज डांगी कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधानसभा का चुनाव लड चुके हैं ओर तीनों बार ही उन्हें हार का सामना करना पडा है. नीरज डांगी अनुसूचित जाति वर्ग से आते है. नीरज के पिता दिनेश राय डांगी राजस्थान सरकार में मंत्री रह चुके है. नीरज डांगी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नजदीकी माना जाता है.
वहीं भाजपा के टिकट से जीते राजेंद्र गहलोत मूलतय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर से आते हैं. राजस्थान में भैरोसिंह सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इनका प्रत्याशी के तौर पर चयन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने किया था. राजनीति के जानकारों का ऐसा मानना है कि लंबे समय से पार्टी की सेवा करने वाले राजेंद्र गहलोत को राज्यसभा चुनाव जिताकर भाजपा ने पुरुस्कृत किया है.