हिमाचल में बनी कांग्रेस सरकार को बने अभी 14 महीने ही बीते हैं और सरकार गिरने का खतरा मंडराने लगा है. अटकलें चल रही हैं कि जल्द ही हिमाचल में खेला हो सकता है और सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार कभी भी गिर सकती है. इसकी वजह है राज्यसभा सीट पर की गयी कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग. बहुमत के आधार पर कांग्रेस प्रत्याशी का राज्यसभा जाना निश्चित था लेकिन अंदरखाने हुई सियासी रणनीति के तहत कांग्रेस के 6 विधायकों ने बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग कर दी. तीन अन्य विधायकों के समर्थन से मामला बराबरी पर छूटा और लॉटरी के जरिए हुए बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को विजेता घोषित कर दिया गया. विधानसभा में बहुमत के बावजूद कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए. बीजेपी जल्द फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकती है.
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हिमाचल में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं और सभी ने वोटिंग की. कांग्रेस के 40 और बीजेपी के 25 विधायक हैं. तीन विधायक निर्दलीय जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेसी विधायकों में सुजानपुर के राजेंद्र राणा, धर्मशाला के सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ के देवेंद्र भुट्टो, बड़सर के आईडी लखनपाल, लाहौल-स्पीति के रवि ठाकुर और गगरेट के चैतन्य शर्मा वोटिंग के लिए एक ही गाड़ी में विधानसभा पहुंचे. गाड़ी से उतरते ही भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर और राकेश जम्वाल इनसे मिले. इन सभी पर क्रॉस वोटिंग करने की बात सामने आ रही है. तीन निर्दलीय विधायकों हमीरपुर के आशीष शर्मा, देहरा के होशियार सिंह और नालागढ़ के केएल ठाकुर ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया.
सभी विधायकों को दी गयी सिक्योरिटी
प्रदेश विधानसभा में बहुमत के बावजूद बीजेपी उम्मीदवार की जीत के साथ कांग्रेस के सभी 6 विधायक और अन्य तीन निर्दलीय विधायकों को CRPF की सिक्योरिटी दी गई और उसके बाद ये सभी पंचकूला के रेस्ट हाउस में पहुंच गए. बताया जा रहा है कि सभी विधायकों से संपर्क टूट चुका है. अंदरखाने से खबर यह भी आ रही है कि बीजेपी के आला नेता आज ही राज्यपाल से मिलने वाले हैं और एक या दो दिन में विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है.
सरकार सुरक्षित लेकिन खतरा बरकरार
हालांकि सरकार जाने का खतरा फिलहाल नहीं है. कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं. स्पीकर और डिप्टी स्पीकर वोटिंग नहीं कर सकते हैं। अगर इनमें से 6 टूट भी जाते हैं तो भी उनके पास 32 विधायक मौजूद रहेंगे. अगर कांग्रेस के 4 और विधायक टूटते हैं तो कांग्रेस सरकार का गिरना तय है। बीजेपी के पास 25 विधायक और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. ऐसे में उनकी संख्या 28 होती है. अगर उक्त सभी विधायक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर फिर से चुनावी मैदान में आते हैं या खाली हुई सभी सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचते हैं तो यहां कांग्रेस की सरकार जाना निश्चित है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस सरकार के उल्टे दिन शुरू हो चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी का ‘ऑपरेशन लोट्स’ हिमाचल में जल्द ‘खेला’ करने वाला है.