Thursday, January 16, 2025
spot_img
Homeबड़ी खबरCWC द्वारा नामंजूर करने के बाद भी इस्तीफे पर अड़े हैं राहुल...

CWC द्वारा नामंजूर करने के बाद भी इस्तीफे पर अड़े हैं राहुल गांधी!

Google search engineGoogle search engine

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर चली और कांग्रेस की मनमोहन सरकार को जनता के जनादेश के आगे मजबूर होना पड़ा और सत्ता बीजेपी के हाथ चली गई. मोदी मैजिक इस बार भी इतना हावी रहेगा ये शायद किसी ने नहीं सोचा होगा. कांग्रेस तो इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं लगा पाई. इस बार कांग्रेस खासी उत्साहित थी कि 2014 का बदला वो इस चुनाव में चुकत कर लेगी और बीजेपी का शासन उखाड़ फेंकेगी.

लेकिन मोदी लहर बरकरार रही और कांग्रेस पिछले साल की एवज में महज 44 से 52 सीटों तक ही सरक पाई. पार्टी कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी सीट भी नहीं बचा पाई. यहां से खुद राहुल गांधी चुनाव हार गए. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ा धक्का लगा और उन्होंने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर डाली. राहुल की इच्छा सुनकर पार्टी में हड़कंप मच गया और इसके बाद कई प्रदेशाध्यक्ष भी इस कड़ी में जुड़ गए और अपना इस्तीफा भेज दिया. हांलाकि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया गया. लेकिन सूत्रों की मानें तो वे अभी भी अपनी बात पर अड़े हैं.

25 मई को दिल्ली मुख्यालय में हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में लोकसभा चुनाव की बड़ी हार पर मंथन हुआ. इस दौरान समिति के सदस्यों ने बारीकी से हर संभव कारण पर चर्चा की और अपने विचार रखे. इसी बैठक में राहुल गांधी की इस्तीफे की पेशकश को भले ही समिति सदस्यों ने अस्वीकार कर दिया हो लेकिन सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी अभी भी अपने निर्णय पर अडिग है और कांग्रेस का दूसरा राष्ट्रीय अध्यक्ष ढुढ़ने की बात कर रहे हैं. सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि राहुल साफ कह चुके हैं कि उनका उत्तराधिकारी ढुढ़ा जाए. फिर भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल को समझाने में लगे हैं.

जानकारी के अनुसार राहुल गांधी को पद से इस्तीफे की जिद्द छोड़ने के लिए मनाने को कई कांग्रेस जुटे हैं. वरिष्ठ कांग्रेस अहमद पटेल व केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से मिलकर चर्चा की है. उन्होंने इस दौरान राहुल गांधी को मनाने की कोशिश की और अपने निर्णय पर फिर से विचार करने को कहा है. लेकिन सूत्रों के अनुसार राहुल ने उनको अनसुना कर साफ कह दिया है कि अब उनका उत्तराधिकारी तलाशा जाए. वे अपना फैसला किसी हाल में नहीं बदलने वाले हैं. ये भी चर्चा बनी हुई है कि वे नव निर्वाचित कांग्रेस सांसदों तक से नहीं मिल रहे हैं.

लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार करारी शिकस्त से राहुल गांधी खासे टूट चुके हैं. वे इस हार का कारण जो भी हो लेकिन पूरी नैतिक जिम्मेदारी खुद की मान रहे हैं. ये दूसरा मौका है जब लोकसभा में पार्टी अपोजिशन लीडर तक का पद नहीं पा सकी है. वहीं दूसरी बड़ी और शर्मनाक बात यह रही है कि वे कांग्रेस का गढ़ अमेठी तक को बचाने में नाकामयाब रहे हैं और खुद यहां चुनाव हारे हैं.

कांग्रेस सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि राहुल अपने फैसले पर डटे हैं और इस खुद उनकी मां सोनिया गांधी व बहन प्रियंका गांधी भी अब उनके निर्मय पर हामी भरते दिख रहे हैं. हालांकि उनकी मां-बहन दोनों ने राहुल से निर्णय पर विचार करने और बदलने की बात कही थी लेकिन अब दूसरी बात सामने आ रही है.

राहुल गांधी को ही नया अध्यक्ष चुनने के लिए योग्य नेता तय करने तक पद पर बने रहने को कहा गया है. इसके बाद राहुल द्वारा जिस नेता पर मोहर लगाई जाएगी वो ही आगे कांग्रेस के रथ का सारथी बन पार्टी की नई दिशा तय करेंगे.

Google search engineGoogle search engine
Google search engineGoogle search engine
RELATED ARTICLES

Leave a Reply

विज्ञापन

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img