महिला दिवस पर केंद्र से लेकर राज्य सरकारों के बीच सुबह से शाम तक महिलाओं को गिफ्ट देने की लगी होड़

गहलोत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बड़ा एलान किया, वहीं यूपी की योगी सरकार ने महिलाओं के कोविड टीकाकरण के लिए खास इंतजाम किए, तो वहीं मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा की खट्टर और तेलंगाना की चंद्रशेखर राव की सरकारों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को लोकलुभावन तोहफे दिए

Img 20210308 Wa0285
Img 20210308 Wa0285

Politalks.News/Bharat. कल यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस देश और दुनिया में धूमधाम के साथ मनाया गया. देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं ऐसे में सभी राजनीतिक दल महिलाओं को लेकर बड़े-बड़े वायदे और घोषणा करने में लगे हुए हैं. इसी बीच अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकारों के बीच महिलाओं को गिफ्ट देने के लिए होड़ दिखाई दी. सबसे पहले केंद्र सरकार ने महिलाओं को तोहफा दिया है. महिला दिवस के दिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ‘एसआई’ के तहत संरक्षित सभी स्मारकों में महिलाओं का प्रवेश निशुल्क कर दिया गया है. संस्कृति मंत्रालय ने एक ट्वीट कर कहा है कि ताजमहल, लाल किला, कुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा, सूर्य मंदिर, अजंता-एलोरा की गुफा जैसे स्मारकों में महिलाओं के लिए निशुल्क प्रवेश रहेगा. उसके बाद राज्य सरकारों ने महिलाओं को लुभाने के लिए अपने-अपने स्टाइल के गिफ्ट देने की घोषणा कर दी.

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बड़ा एलान किया, वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यूपी की महिलाओं के कोविड टीकाकरण के लिए खास इंतजाम किए. इसके अलावा मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा की खट्टर और तेलंगाना की चंद्रशेखर राव की सरकारों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को लोकलुभावन तोहफे दिए. ऐसे ही तमिलनाडु के द्रमुक पार्टी के प्रमुख स्टालिन ने भी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य की महिलाओं के लिए अपनी सरकार आने के बाद एक हजार रुपये देने की घोषणा की.

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी का खुलासा- मैंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कहा था आने वाले समय में आप बनेंगे मुख्यमंत्री

वसुंधरा चौहान को SI के पद पर सीधी भर्ती की घोषणा की:

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर साहस का ईनाम देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धौलपुर निवासी 25 वर्षीय वसुंधरा चौहान को SI के पद पर सीधी भर्ती की बड़ी घोषणा. दरअसल, बीती 3 मार्च को धौलपुर में कुख्यात दस्यु धमेन्द्र उर्फ लुक्का को उसके हथियारबंद साथियों ने छुड़ाने का प्रयास किया गया था. तब उसी बस में सवार 25 वर्षीय युवती वसुन्धरा चौहान ने अद्भुत साहस का परिचय दिया और अपनी जान की परवाह ना करते हुए बदमाशों के मंसूबों को नाकाम कर शौर्य की मिसाल पेश की. ऐसे में गहलोत सरकार ने लिया वसुन्धरा चौहान के शौर्य को सम्मानित करने का निर्णय और चौहान को पुलिस सब इंस्पेक्टर के पद पर सीधी नियुक्ति देने की घोषणा की. आपको बता दें, NCC में सी सर्टिफिकेट धारक क्रिमिनोलॉजी विषय की छात्रा रही हैं वसुन्धरा चौहान.

इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने रोडवेज बसों को महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का तोहफा दिया. प्रदेशभर में कल महिलाओं ने रात 12 बजे रोडवेज बस में मुफ्त सफर किया. यहां हम आपको बता दें कि राज्य सरकार पिछले कई सालों से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को यह सौगात देती आई है. ऐसे ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने महिला दिवस पर राज्य की महिला कर्मचारियों को एक दिन की छुट्टी देने का एलान किया. यानी कल तेलंगाना राज्य की महिला कमर्चारियों ने घर पर छुट्टी का आनंद लिया.

सीएम शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को दिया अनोखा तोहफा-

दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘मामा‘ महिला दिवस पर एक कदम आगे निकल गए. शिवराज ने कल सुबह भोपाल में महिला सफाई कर्मचारियों के साथ झाड़ू लगाकर उनके साथ चौपाल भी लगाई. इसके अलावा सीएम चौहान ने तय किया है कि महिला दिवस पर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं पर होगी. यानी मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों से लेकर उनके ड्राइवर तक सब महिलाएं नजर आएंगी. वहीं हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं के लिए राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर विशेष बस चलाने का तोहफा दिया. वहीं दूसरी ओर बजट सत्र के दूसरे चरण में शुरू हुई संसद की कार्यवाही के दौरान महिला सांसदों को पहले बोलने का अवसर दिया गया. संसद में महिला सांसदों ने महिलाओं के हक में आवाज उठाई. महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की गई.

यह भी पढ़ें: ’50 करोड़ में बिका विधायक’- सांसद के इस आरोप पर विधायक का पलटवार- ‘दूसरा रामरहीम है सांसद’

यहां हम आपको बता दें कि दुनियाभर में हर साल आठ मार्च को बड़े ही धूमधाम से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने के पीछे का मकसद अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय महिलाओं के प्रति सम्मान जताना और समाज के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित करना है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत हमारे राष्ट्र की महिलाओं की कई उपलब्धियों पर हमेशा से गर्व रहा है. यह हमारी सरकार के लिए सम्मान की बात है कि हमें विभिन्न क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण को आगे बढ़ाने के लिए काम करने का अवसर मिल रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी महिला दिवस को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा कि महिलाएं अपने दम पर इतिहास और भविष्य को बना सकती हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 11 महिलाओं को सम्मानित भी किया. आइए जानते हैं महिला दिवस का इतिहास और कब से मनाने की शुरुआत हुई थी.

साल 1908 में मजदूरों के आंदोलन के बाद हुई थी महिला दिवस मनाने की शुरुआत-

दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का इतिहास कम रोचक नहीं है. 1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत हुई थी. अमेरिका के न्यूयॉर्क में महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी के घंटे कम करने और वेतनमान बढ़ाने की मांग की थी. महिलाओं को उनके आंदोलन में सफलता मिली और इसके एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया. यह बात 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल की थी.

यह भी पढ़ें: पूर्व CM राजे की धर्मिक यात्रा से निकले कई सियासी संदेश, गहलोत सरकार पर वार तो अपनों को दिलाई याद

वहीं महिलाओं ने अपनी हड़ताल के दौरान अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी कराया था. इसके बाद वहां के सम्राट निकोलस को उसका पद छोड़ना पड़ा था और अंत में महिलाओं को मतदान का अधिकार भी दिया गया था. रूस की महिलाओं द्वारा यह विरोध 28 फरवरी को किया गया था. वहीं यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सहयोग करने के लिए रैलियां की थीं, इसी कारण 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत हुई थी, जो अभी तक जारी है. इस साल इसकी थीम ‘वूमेन इन लीडरशिप अचिविंग एन इक्वल फ्यूचर इन ए कोविड-19 वर्ल्ड’ रखी है. इस दिन को विश्व की महिलाएं देश, भाषा,राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर मनाती हैं.

Google search engine