Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि रोडवेज को घाटे की स्थिति से उबारने के लिए ऐसी योजना तैयार की जाए, जिससे यह आत्मनिर्भर हो सके और यात्रियों को वाजिब दरों पर सुगम परिवहन सेवा मिल सके. इसके लिए रोडवेज प्रबंधन छीजत कम करने, बसों में जीपीएस लगाने, ऑनलाइन टिकटिंग सहित अन्य तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहन दे.
मुख्यमंत्री आवास पर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम तथा परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि रोडवेज की खराब आर्थिक स्थिति के कारण सेवानिवृत्त कार्मिकों को अपने परिलाभों के लिए लम्बे समय से इन्तजार करना पड़ रहा है. इन कार्मिकों को प्राथमिकता के आधार पर जल्द उनका बकाया भुगतान करने की योजना बनाई जाए.
वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने रोडवेज की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना संकट की विपरीत परिस्थिति में श्रमिकों, कोचिंग छात्रों एवं अन्य जरूरतमंदों को गंतव्य तक पहुंचाने में रोडवेज ने संवेदनशीलता से काम किया है. कोविड के कारण अस्थि विसर्जन के लिए निःशुल्क मोक्ष कलश स्पेशल बसों का संचालन जैसा मानवीय कदम सरकार ने उठाया है. यह सेवा अभी भी जारी है.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रोडवेज की बसों में कोविड-19 को देखते हुए अनिवार्य रूप से मास्क लगाए जाने, सैनेटाइजिंग की उचित व्यवस्था एवं अन्य हेल्थ प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाए, इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं हो. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के कारण रोडवेज को करीब 426 करोड़ रूपये की अतिरिक्त हानि होगी. राज्य सरकार ने सामाजिक उत्तरदायित्व निभाते हुए प्रदेशवासियों को बेहतर परिवहन सेवा उपलब्ध करवाने में कोई कमी नहीं रखी. साथ ही, कोविड की विपरीत परिस्थितियों के कारण आर्थिक मार झेल रहे निजी बस ऑपरेटरों को भी राहत दी है.
इस दौरान बैठक में मौजूद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि रोडवेज ने करीब 900 नई बसें खरीदकर उनका संचालन प्रारंभ कर दिया है. हमारा प्रयास है कि यात्रियों को बेहतर सेवा मिले और वे सुरक्षित रूप से समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचे. वहीं परिवहन राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि हम तकनीकी नवाचारों के माध्यम से रोडवेज की स्थिति बेहतर बनाने और यात्रियों को अधिकाधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहे हैं.