सांसद बेनीवाल की सहमति के बिना स्वीकृत ग्रामीण सड़कों को केंद्र ने किया निरस्त, नए स्तर से मांगे प्रस्ताव

सांसद की सहमति के बिना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत नागौर जिले की 28 सड़को की स्वीकृति के लिए भेजे गए प्रस्तावों पर हनुमान बेनीवाल ने दर्ज करवाई थी आपत्ति, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के आदेशों के बाद अब नए स्तर से भेजे जाएंगे प्रस्ताव

सांसद हनुमान बेनीवाल
सांसद हनुमान बेनीवाल

Politalks.News/Rajasthan. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत नागौर जिले में सांसद हनुमान बेनीवाल की सहमति के बिना 216.18 किलोमीटर की 28 सड़कों की स्वीकृती भेजने पर राज्य सरकार को फिर मात खानी पड़ी है और केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की सांसद बेनीवाल की सहमति के बिना भेजे गए सड़क स्वीकृति के प्रस्तावों को निरस्त करने के आदेश दिए है.

बता दें, सांसद हनुमान बेनीवाल की सहमति के बिना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत नागौर जिले की 28 सड़को की स्वीकृति के प्रस्ताव सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने केंद्र को भेजे थे. जिस पर सांसद बेनीवाल ने गहरी आपत्ति जताते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा था. यही नहीं हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकत कर आपत्ति व्यक्त की, जिस पर केंद्र ने राज्य सरकार से जवाब तलब कर मामले की जांच करवाई.

जांच के दौरान राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावों का मापदंडो के विपरीत और सांसद की सहमति के बिना सड़को के निर्माण के प्रस्ताव भेजना पाया. इसके बाद केंद्रीय मंत्री तोमर के निर्देश पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपनिदेशक ममता ने राज्य सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देशित करते हुए सांसद की सहमति के बिना भेजे गए प्रस्तावों को निरस्त करने के आदेश जारी किए. इसके साथ ही सांसद हनुमान बेनीवाल की सहमति से नए स्तर से प्रस्ताव मांगने हेतु भी एसीएस को निर्देशित किया.

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मामले पर बोलते हुए आरएलपी से नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की, “प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत यह स्पष्ट निर्देश था की स्थानीय सांसद की लिखित सहमति से ही स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजे जाएं. उसके बावजूद प्रदेश सरकार ने राजनैतिक दुर्भावना से मनमाफिक रूप से प्रस्ताव भेजे जो अनुचित था. इसलिए मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर व मंत्री तोमर से व्यक्तिगत मुलाकात करके राज्य सरकार व अधिकारियों की मनमर्जी से अवगत करवाया जिस पर केंद्र ने संज्ञान लेकर स्वीकृती को निरस्त करके नए स्तर से प्रस्ताव भेजने हेतु निर्देश जारी किए हैं.”

सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि इस पूरे मामले में राज्य सरकार की किरकिरी हुई है और यह उन अधिकारियों के लिए भी सबक है जो लोकसभा सदस्यों के अधिकारों को तवज्जो देने के स्थान पर राजनैतिक ईशारे पर काम करते हैं. क्योंकि मेरी सहमति के बिना जो सड़के स्वीकृत करवाई उनमे अधिकतर फार्म हाउस को जोडने व व्यक्तिगत लाभ के लिए कर दी गई थी. लेकिन अब जल्द ही आम जन से राय लेकर प्रस्ताव दुबारा सरकार को भेजे जाएंगे.

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