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बीएल संतोष को बीजेपी में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी में पिछले 13 वर्षों से राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) का पद संभाल रहे रामलाल की विदाई के बाद बीएल संतोष को यह जिम्मेदारी मिली है. बीजेपी की ओर से रविवार को यह जानकारी सार्वजनिक की गई.

लेकिन सवाल यह उठता है कि बीएल संतोष आखिर हैं कौन जिन्हें पार्टी में अमित शाह के बाद दूसरा सबसे ताकतवर व्यक्ति बनाया गया है।

रहते लो प्रोफाइल हैं, लेकिन परदे के पीछे रणनीतियां बनाने में माहिर माने जाते हैं.

बीएल संतोष अब तक रामलाल के सहयोगी के तौर पर न सिर्फ पार्टी में संयुक्त महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, बल्कि दक्षिण भारत के प्रभारी के तौर पर संबंधित राज्यों में बीजेपी के प्रसार की ज़िम्मेदारी भी उनके कंधों पर थी।

कर्नाटक के शिवमोगा जिले से नाता रखने वाले बीएल संतोष पेशे से केमिकल इंजीनियर रहे हैं. आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित होकर अविवाहित रहते हुए बीएल संतोष संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए और कर्नाटक सहित दक्षिण भारत के आधे दर्जन राज्यों में संघ और अनुषांगिक संगठनों में भूमिकाएं निभाते रहे.

बाद में आरएसएस ने बीएल संतोष को बीजेपी में भेज दिया और वे कर्नाटक प्रदेश संगठन में आरएसएस कोटे से संगठन महामंत्री बने. 2008 के विधानसभा चुनाव में बीएल संतोष ने पर्दे के पीछे रहकर पूरी रणनीति तैयार की थी. नतीजा ये रहा कि बीजेपी को चुनाव में जीत मिलने पर दक्षिण के इस सूबे में सत्ता नसीब हुई. मगर बाद में बीएल संतोष की येदियुरप्पा से खटपट शुरू हो गई. वे येदियुरप्पा की छवि को पार्टी के लिए खतरा मानते रहे.

हमेशा लो-प्रोफाइल रहने वाले बी.एल. सन्तोष भाजपा के लिए रणनीतियां बनाने के माहिर माने जाते हैं. बी. एल सन्तोष को कर्नाटक में संघ के हार्डलाइनर प्रचारक के रूप में चुनावों के दौरान वार रूम के कुशल संचालन के लिए याद किया जाता है.

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