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बीएल संतोष बीजेपी को संगठन महासचिव नियुक्त किए गए हैं. इससे पहले वह संयुक्त संगठन महासचिव थे. बीएस संतोष के प्रमोशन को बीजेपी की दक्षिण भारत में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश के रूप में रूप में देखा जा रहा है. बीएल संतोष बीजेपी में रामलाल की जगह पदभार संभालेंगे. संतोष बीजेपी में आरएसएस के प्रतिनिधि के रूप में लंबे समय से काम कर रहे थे. संतोष के अलावा और भी कई नेता हैं जो संगठन महासचिव बनना चाहते थे.

बीजेपी में संगठन महासचिव का पद पार्टी अध्यक्ष के बाद दूसरा अत्यंत महत्वपूर्ण पद है. यह पद संभालने वाले का विवादों से बचकर कर रहना अक्सर मुश्किल होता है. पहले इस पद पर केएल गोविंदाचार्य और संजय जोशी रह चुके हैं. बाद में उन्हें विवादों के कारण पद छोड़ना पड़ा. बीएल संतोष अब तक विवादों से बचे हुए हैं. वह कम बोलने वाले नया माने जाते हैं. बीएल संतोष मंगलूरु के रहने वाले हैं और बैंगलुरू में उन्होंने बहुत काम किया है. वह अपने ट्वीट खुद टाइप करते हैं. पार्टी में युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देना उनका लक्ष्य रहा है. बेंगलुरु में ही संतोष बीजेपी और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं की नजरों में चढ़ गए थे. हाल ही चुने गए युवा लोकसभा सांसद बेंगलुरु दक्षिण के तेजस्वी सूर्या और मैसुरु के प्रताप सिम्हा उनके शिष्य माने जाते हैं.

बीएल संतोष विभिन्न मुद्दों पर बेबाक राय रखते हैं और अपने ठोस फैसलों के लिए जाने जाते हैं. इसको लेकर उनके पार्टी के भीतर कई नेताओं के साथ उनके मतभेद हो जाते हैं. 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवार तय करते समय बीएस येदियुरप्पा और अन्य वरिष्ठ नेताओं से उनके मतभेद हो गए थे. मतभेदों के बावजूद संतोष अपने फैसले नहीं बदलते हैं. कर्नाटक के साथ ही केरल की सीमा जुड़ी हुई है और उस क्षेत्र में बीएल संतोष का अच्छा खासा असर है. बीजेपी के संयुक्त महासचिव (संगठन) रहते हुए उनके पास कर्नाटक, केरल, गोवा और तमिलनाडु का प्रभार था.

हमेशा लो-प्रोफाइल रहने वाले बी.एल. सन्तोष भाजपा के लिए रणनीतियां बनाने के माहिर माने जाते हैं. बी. एल सन्तोष को कर्नाटक में संघ के हार्डलाइनर प्रचारक के रूप में चुनावों के दौरान वार रूम के कुशल संचालन के लिए याद किया जाता है. अमित शाह के केंद्रीय गृहमंत्री बनने के बाद बीजेपी अध्यक्ष पद पर उत्तर भारत के जेपी नड्डा को नियुक्त किया गया है. पार्टी में संतुलन बनाने के लिए दक्षिण भारत से बीएल संतोष संगठन महासचिव नियुक्त किए गए हैं.

बीएल संतोष का कन्नड़, तमिल, मलयालम और अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ है. कार्यकुशल और कर्मठ होने के कारण पार्टी में उनकी तेजी से तरक्की हुई. पांच साल के भीतर ही वह पार्टी के संयुक्त महासचिव (संगठन) बने और अब वे बीजेपी अध्यक्ष के बाद दूसरे सबसे बड़े पद संगठन महासचिव का पदभार संभालेंगे.

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