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राजस्थान: दूसरे चरण में 2.3 करोड़ मतदाता, जयपुर में सबसे ज्यादा, दौसा में सबसे कम

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राजस्थान में दूसरे चरण का मतदान शुरू हो गया है. दूसरे चरण में प्रदेश की 12 सीटों के लिए मतदान होना है. मतदान सोमवार सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा. आज प्रदेश की जनता जर्नादन सत्ता चाहने वालों का फैसला वोट देकर तय करेगी. इन 12 सीटों पर 134 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इनमें 118 पुरूष और 16 महिला उम्मीदवार हैं. इस लिस्ट में कांग्रेस से 12, बीजेपी से 11, बसपा से 10, कम्यूनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया से एक, माक्सवाद से तीन और आरएलपी से एक, अन्य दलों से 29 और 68 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं. प्रदेश में चुनाव का पहला चरण 29 अप्रैल को संपन्न हो चुका है.

राज्य में कुल 4 करोड़ 88 लाख 19 हजार 216 मतदाता हैं. दूसरे चरण की में 12 संसदीय क्षेत्रों में 2 करोड़ 30 लाख 68 हजार 868 मतदान अपने मत का इस्तेमाल करेंगे. इनमें एक करोड़ 21 लाख 45 हजार 812 पुरूष और एक करोड़ 9 लाख 22 हजार 931 महिला और 125 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं. इनमें सात लाख ऐसे वोटर भी हैं जो पहली बार अपने मत का प्रयोग करेंगे. दूसरे चरण में प्रदेश में 23 हजार 783 मतदान केंद्र बनाएं गए है. 1550 संवेदनशील मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग के जरिए नजर रखी जाएगी. पिछले लोकसभा चुनावों में इस क्षेत्रों में 61.80 फीसदी मतदान हुआ था. पहले चरण के मतदान को देखते हुए यह प्रतिशत बढ़ने की पूरी उम्मीद है.

दूसरा चरण: किस लोकसभा सीट पर कितने मतदाता और कौन है प्रत्याशी

1. जयपुर शहर
कुल मतदाता: 21 लाख 25 हजार 718
ज्योति खंडेलवाल (कांग्रेस)
रामचरण बोहरा (बीजेपी)

2. सीकर
कुल मतदाता: 20 लाख 24 हजार 830
सुभाष महरिया (कांग्रेस)
समेधानंद सरस्वती (बीजेपी)

3. चूरू
कुल मतदाता: 20 लाख 10 हजार 464
रफीक मंडेलिया (कांग्रेस)
राहुल कस्वां (बीजेपी)

4. जयपुर ग्रामीण
कुल मतदाता: 19 लाख 43 हजार 486
कृष्णा पूनिया (कांग्रेस)
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (बीजेपी)

5. श्रीगंगानगर
कुल मतदाता: 19 लाख 41 हजार 656
भरतराम मेघवाल (कांग्रेस)
निहालचंद चौहान (बीजेपी)

6. भरतपुर
कुल मतदाता: 19 लाख 34 हजार 176
रामपाल शर्मा (कांग्रेस)
सुभाष चंद्र बहेरिया (बीजेपी)

7. नागौर
कुल मतदाता: 19 लाख 24 हजार 567
ज्योति मिर्धा (कांग्रेस)
हनुमान बेनीवाल (आरएलपी-एनडीए)

8. झुंझूनूं
कुल मतदाता: 19 लाख 8 हजार 887
श्रवण कुमार (कांग्रेस)
नरेंद्र खींचड़ (बीजेपी)

9. अलवर
कुल मतदाता: 18 लाख 73 हजार 618
भंवर जितेंद्र सिंह (कांग्रेस)
बालकनाथ (बीजेपी)

10. बीकानेर
कुल मतदाता : 18 लाख 49 हजार 433
मदन गोपाल मेघवाल (कांग्रेस)
अर्जुनराम मेघवाल (बीजेपी)

11. करौली-धौलपुर
कुल मतदाता: 18 लाख 5 हजार 657
संजय कुमार जाटव (कांग्रेस)
मनोज राजोरिया (बीजेपी)

12. दौसा
कुल मतदाता: 17 लाख 26 हजार 376
सविता मीणा (कांग्रेस)
जसकौर मीणा (बीजेपी)

लोकसभा चुनाव: पांचवें चरण के लिए मतदान शुरू, शाम 6 बजे तक होगी वोटिंग

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देश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव यानि लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान आज शुरू हो गए हैं. वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगी. इस चरण में विभिन्न राज्यों की 51 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. राजस्थान में भी दूसरे चरण के चुनाव के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं. चौथे चरण में 59.25 फीसदी मतदान हुआ था. 5वें चरण में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने की पूरी उम्मीद है. इस चरण में होने वाली वोटिंग कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी की संसदीय सीटों पर भी वोटिंग होनी है. इस चरण में यूपी की अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, बिहार की सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सारण, राजस्थान की नागौर, जयपुर, बीकानेर, मध्यप्रदेश की सतना, झारखंड की हजारीबाग आदि महत्वपूर्ण सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है. वोटर आईडी न होने की स्थिति में ड्राईविंग लाईसेंस, भामाशाह कार्ड, पैन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पास बुक, स्वास्थ्य बीमा कार्ड, पासपोर्ट या मनरेगा कार्ड से भी वोट डाला जा सकेगा.

पांचवे चरण में राजस्थान की श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर, अलवर, भरतपुर, दौसा, नागौर, करौली-धौलपुर सीट पर भी चुनाव है. इसी चरण में मध्य प्रदेश की टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद और बेतूल और जम्मु-कश्मीर की अनंतनाग, लद्दाख, झारखंड की हजारीबाग, खूंटी, कोडरमा, रांची में मतदान है. पश्चिम बंगाल की बनगांव, बराकपुर, हावडा, उलुबेरिया, सीरमपुर, हुगली, आरामबाग सीटों के उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होगा.

चुनाव के इस चरण कुछ वीआईपी सीटें शामिल हैं. इनमें पहले नंबर पर यूपी की अमेठी सीट है जहां मुकाबला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच है. यहां सपा-बसपा-रालोद ने प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है. वहीं रायबरेली में मुकाबला यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह के बीच है. बता दें कि दिनेश प्रताप सिंह पहले कांग्रेस की तरफ से विधानपरिषद सदस्य चुने गए थे लेकिन वो चुनाव से पूर्व बीजेपी में शामिल हो गए.

लखनऊ में भी इस बार मुकाबला दिलचस्प है, गृहमंत्री राजनाथ सिंह का मुकाबला गठबंधन की प्रत्याशी पूनम सिन्हा और कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद कृष्णम से है. बता दे कि पूनम सिन्हा हाल ही बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा की धर्मपत्नी है.

बहराइच लोकसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है. यहां की वर्तमान सांसद सावित्री फूले ने चुनाव से पूर्व बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. इस बार वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में है. उनका सामना गठबंधन के शब्बीर वाल्मिकी और बीजेपी के अक्षयवर लाल गौड़ से है.

बिहार की सारण लोकसभा सीट पर मुकाबला बीजेपी के राजीव प्रताप रुडी और महागठबंधन में राजद के उम्मीदवार चंद्रिका राय के बीच है. चंद्रिका राय लालु यादव के पुत्र तेजप्रताप यादव के ससूर है. चंद्रिका राय को टिकट देने का तेजप्रताप ने खुलकर विरोध किया था और उनके खिलाफ प्रत्याशी उतारने का भी एलान किया था . बताते चलें कि साल 2009 के चुनाव में लालु यादव यहां से सांसद चुने गए थे. लेकिन 2014 के चुनाव में उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को बीजेपी के राजीव प्रताप रुडी से हार का सामना करना पड़ा था.

हाजीपुर लोकसभा सीट पर मुकाबला लोजपा और राजद के मध्य देखने को मिल रहा है. लोजपा ने यहां बिहार सरकार के मंत्री पशुपति कुमार पारस को उम्मीदवार बनाया है, मुकाबला राजद के शिवराम से है. बता दें कि पशुपति पारस केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई है. रामविलास पासवान इस सीट से 8बार सांसद चुने गए है. लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव नही लड़ने का फैसला लिया है.

बीकानेर में मुकाबला दो भाइयों के बीच है. बीजेपी से केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और कांग्रेस की तरफ से मदन मेघवाल मैदान में है. ये दोनो ब्यूरोक्रेट रह चुके है. साथ ही मौसेरे भाई भी है. अर्जुनराम 2009 और 2014 में यहां से सांसद रह चुके हैं. इस बार उन्हें स्थानीय नेता देवी सिंह भाटी के विरोध का सामना करना पड़ रहा है जो उनके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.

जयपुर ग्रामीण में मुकाबला दो ओलंपियनंस के बीच है. बीजेपी की तरफ से एंथेस ओलंपिक के रजत पदक विजेता और वर्तमान सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को चुनावी समर में हैं. कांग्रेस ने सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया पर दांव खेला है.

सतना बीजेपी का किला है. यहां बीजेपी साल 1998 से लगातार चुनाव जीतती आ रही है. सतना में मुकाबला बीजेपी के गणेश सिंह और कांग्रेस के राजा राम त्रिपाठी के बीच है. गणेश सिंह इस सीट से लगातार तीन बार से सांसद है. 2014 में कांग्रेस को यहां सिर्फ 9 हजार वोटों से हार झेलनी पड़ी थी. इस बार यहां मुकाबला कड़ा होगा, इसमें कोई दोराय नहीं है.

हजारीबाग में मुकाबला केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और कांग्रेस के गोपाल साहु के बीच है. जयंत सिन्हा बीजेपी के दिग्गज नेता रहे यशवंत सिन्हा के पुत्र है. वो इस सीट से 2014 में सांसद चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को करीब एक लाख 59 हजार वोटों से हराया था.

‘फैनी’ के संबंध में पीएम ने ओडिशा सीएम से तो बात की लेकिन ममता से नहीं…

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ओडिशा और पश्चिम बंगाल में इन दिनों फैनी तुफान ने आतंक मचा रखा है. इससे करोड़ों रुपए की संपत्ति का नाश हो चुका है. कई मौत भी हुई हैं. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नुकसान की जानकारी लेने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की लेकिन पं.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोई बातचीत नहीं की. इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं ने पीएम मोदी और बीजेपी की केंद्र सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है.

टीएमसी के नेताओं के इस दावे को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जुड़े सूत्रों और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खारिज किया है. पीएमओ के अधिकारियों ने कहा कि पीएम मोदी ने ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं हो पाई. सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इसके बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से बात की. अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री के स्टाफ ने दो बार मोदी की बातचीत मुख्यमंत्री से फोन पर कराने की कोशिश की. दोनों बार स्टाफ से कहा गया कि मुख्यमंत्री की ओर से फोन किया जाएगा. एक अवसर पर उनसे कहा गया कि मुख्यमंत्री यात्रा पर हैं.

इस संबंध में पीएम मोदी ने एक ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से बात हुई है. उन्होंने चक्रवात से निपटने के लिए आवश्यक सभी सहायता प्रदान करने की बात कही है. बता दें कि इससे पहले मोदी ने शनिवार को नवीन पटनायक को फोन कर राज्य के हालात की जानकारी ली थी. उन्होंने सीएम पटनायक को हर संभव मदद का भरोसा भी दिया था. हालात का जायजा लेने के लिए पीएम 6 मई को ओडिशा को दौरा भी करेंगे.

तीन सरकारी छुट्टियां न बन जाएं जी का जंजाल, बीजेपी-कांग्रेस परेशान

देश में लोकसभा चुनाव का 5वां चरण का मतदान कल है. इस दौरान राज्यों की 51 संसदीय सीटों पर मतदान होगा. सोमवार को ही प्रदेश में लोकसभा चुनावों का दूसरा चरण है जिसमें प्रदेश की 12 सीटों पर 2.30 करोड़ से अधिक मतदाता सत्ताधारियों की किस्मत का फैसला करेंगे. लेकिन दौरान कांग्रेस और बीजेपी के चेहरों पर चिंता की गहरी लकीरें साफ तौर पर देखी जा सकती हैं. वजह है तीन सरकारी अवकाश, जो लगातार आ रहे हैं. 5 मई को रविवार, 6 मई को मतदान और 7 मई को अक्षय तृतीया की सरकारी छुट्टी है. ऐसे में दोनों ही राजनीतिक दलों को यह चिंता सता रही है कि अधिकांश लोग इस छुट्टियों का फायदा आउटिंग के लिए करेंगे न कि वोट डालने के लिए. कई प्राइवेट कार्यालयों में सोमवार की आधे दिन की छुट्टी है लेकिन सरकारी कर्मचारियों के बारे में बात करें तो बीजेपी-कांग्रेस की चिंता करना पूरी तरह जायज़ है.

6 मई को रमजान भी शुरू हो रहे हैं. ऐसे में मुस्लिम वोटर्स का वोट डालने पोलिंग बूथ तक आना भी पूरी तरह से पर्दे के पीछे की बात है. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के समय इस बात को लेकर काफी हंगामा हो चुका है. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए परेशानियां बढ़ेंगी क्योंकि मुस्लिम वोट बैंक परम्परागत तौर पर कांग्रेस का पक्षधर है.

वहीं 7 मई को परशुराम जयंती है. पूर्व वसुंधरा सरकार ने जाते-जाते परशुराम जयंती को सरकारी अवकाश घोषित किया था. ऐसे में तीन दिन का बड़ी छुट्टी होने का अवसर सरकारी कर्मचारी खोना नहीं चाहंगे. अगर ऐसा होगा तो नुकसान दोनों पार्टियों को होगा, यह निश्चित है. खासतौर पर इसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है क्योंकि शहरी वोटर का बीजेपी से गहरा संबंध है.

7 मई को ही आखातीज और अक्षय तृतीया भी है. आखातीज शादियों के लिए एक अबुछ सावा है. ऐसे में जिन घरों में शादी का माहौल है, उनका भी पोलिंग बूथ तक आना थोड़ा मुश्किल होगा. अक्षय तृतीया खास तौर पर गांवों में मनाई जाती है. ग्रामीण वोटर्स कांग्रेस का मजबूत पक्ष रहा है. अगर ग्रामीण इलाकों से वोटिंग कम होती है तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा.

खैर, जो भी होगा, वह तो मतदान के दिन पता चल ही जाएगा. लेकिन 5वें चरण के इस मतदान के बाद बनी इस ​अवकाश की स्थिति ने दोनों पार्टियों और चुनाव में खड़े उम्मीदवारों के चेहरों पर चिंता की गहरी लकीरें तो खींच ही दी है.

मोदी के ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1’ बयान पर बवाल, राहुल-प्रिंयका सहित कांग्रेस भड़की

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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर सियासी बवाल शुरू हो गया है. इसे लेकर पूरी कांग्रेस आग बबूला नजर आ रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. राहुल ने ट्विट कर लिखा कि अब लड़ाई खत्म हो चुकी है, मोदी जी आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं. वहीं प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर शहीदों के लिए दोगला रवैया रखने का आरोप लगाया. इनके अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने भी इसे लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार की बौखलाहट बताया है.

यूपी में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली में कथित बोफोर्स घोटाले का जिक्र किया और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बिना राहुल गांधी से कहा कि देश आपके पिता को बेशक ‘मिस्टर क्लीन’ के नाम से जानता है, लेकिन मिस्टर क्लीन का जीवनकाल ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1’ के रूप में खत्म हुआ था. इस पर बवाल बढ़ा और राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए एक ट्वीट के जरिए कहा कि ‘मोदी जी, लड़ाई खत्म हो चुकी है. आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लड़ाई में मेरे पिता को खींचने पर भी आप बच नहीं पाएंगे.’ राहुल ने लिखा है कि ‘आपको मेरी ओर से ढेर सारा प्यार और झप्पी.’

वहीं राहुल की बहन व कांग्रेस संगठन की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पीएम की इस टिप्पणी पर आक्रमक रूख दिखाते हुए नाराजगी व्यक्त की और ट्विटर पर लिखा कि शहीदों के नाम पर वोट मांगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने कल अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया. जवाब अमेठी की जनता देगी जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी. हां मोदीजी ‘यह देश धोकेबाज़ी को कभी माफ नहीं करता. जिसके बाद से ही तमाम दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की भी इस पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हुई.

पीएम मोदी की राजीव गांधी पर इस टिप्पणी के बाद दिग्गज कांग्रेस नेताओं की कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. इस दौरान नेताओं ने पीएम पर देश के लिए जान देने वाले शहीद को अपमानित करने का आरोप लगाया है. इनमें पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंमबरम, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा पार्टी के प्रवक्ताओं पूर्व मंत्रियों सहित अन्य पार्टी के नेताओँ ने भी इस बयान की निंदा की है.

मायावती का बड़ा बयान, कहा- SP-BSP-RLD के वोट राहुल-सोनिया को

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राजनीति में किसी नेता के बयानों से उनकी मन की बात का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. क्योंकि सियासत में गठबंधन के इस दौर में कौन किसके साथ मिल जाए, ये तो बाद में ही पता चल पाता है. हाल ही में कांग्रेस के खिलाफ बयान देकर चर्चा में आईं बसपा सुप्रीमो मायावती ने अब यूपी में रायबरेली में सोनिया गांधी व अमेठी में राहुल गांधी के समर्थन में वोट की अपील की है. उन्होंने कहा कि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन समर्थक वोटर्स से अपील है कि वे अपना वोट राहुल-सोनिया को दें. जिसके बाद सियासत नए रंग में रंग चुकी है.

यूपी में 6 मई को 14 संसदीय सीटों पर लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. साल 2014 के चुनावों में इनमें से 12 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी जबकि रायबरेली से सोनिया गांधी व अमेठी सीट पर राहुल गांधी विजयी रहे. अबकी बार यहां यूपी के सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने अपने प्रत्याशी ही नहीं उतारे हैं. हाल ही में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस को यूपी में भारी कीमत चुकाने की बात कही लेकिन अब उनका रूख कुछ अलग ही नजर आया है. लखनऊ में मीडिया से मुखातिब होते हुए मायावती ने अमेठी-रायबरेली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को वोट देने की अपील की है.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने साफ कहा है कि हमने कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं किया है लेकिन बीजेपी को हराने के लिए रायबरेली और अमेठी सीट पर हमारी पार्टी का वोट कांग्रेस को ही मिलेगा. यही कारण है कि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. मायावती ने गठबंधन के बारे में बताया कि हमारा गठबंधन सिर्फ केंद्र में नया प्रधानमंत्री व नई सरकार बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यूपी में भी बीजेपी की सरकार को हटाने के लिए है. उन्होंने कहा कि 23 मई को देश को निरंकुश व अहंकारी शासन से मुक्ति मिल जाएगी.

साथ ही देश में चार चरणों में हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी द्वारा बढ़त के क्यासों को लेकर बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यूपी में ‘चार चरणों के चुनाव में जनता ने गठबंधन का समर्थन किया है, जिससे बीजेपी परेशान है. वैसे बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां एक जैसी हैं. सपा-बसपा गठबंधन सिर्फ वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि भविष्य के लिए भी है. गठबंधन के सामने बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व खुद को लाचार महसूस कर रहा है. इसलिए दोनों पार्टियों को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.

बता दें कि यूपी में 6 मई को पांचवें चरण के मतदान में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जैसे दिग्गज नेताओं का भविष्य जनता तय करने वाली है. इन 14 सीटों में से बीते चुनाव में बीजेपी ने सोनिया गांधी की रायबरेली सीट और राहुल की अमेठी सीट को छोड़कर बाकी 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अबकी बार सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. जिसके बाद यहां जीत के समीकरण अलग हो सकते हैं.

राजस्थान: करौली-धौलपुर में बीजेपी प्रत्याशी से नाराजगी के चलते कांग्रेस का दबदबा

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सीकर और टोंक के बाद करौली-धौलपुर लोकसभा सीट भी कांग्रेस जीतकर मानकर चल रही है. इसकी वजह है कि तमाम विरोध के बावजूद बीजेपी ने मौजूदा सांसद मनोज राजोरिया को टिकट थमा दिया. मतदाता एवं संगठन सांसद की कार्यशैली और निष्क्रियता से बेहद नाराज हैं. लिहाजा वें चुनाव में राजोरिया के रंग में रंगने को तैयार नहीं है. कांग्रेस ने संजय जाटव को टिकट दिया है. जातिगत और सियासी समीकरणों से कांग्रेस बेहद मजबूत स्थिति में है. लोकसभा क्षेत्र की आठ में से छह सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. पिछली बार मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस इस सीट पर कड़े मुकाबले में केवल 27 हजार से हार गई थी. ऐसे में सांसद के खिलाफ भयंकर नाराजगी और महज एक पार्टी विधायक होने के चलते इस बार बीजेपी के लिए यहां से जीत दर्ज करना नाको चने चबाने जैसा साबित हो रहा है.

सियासी समीकरण
कहना गलत न होगा कि बीजेपी ने मनोज राजोरिया को फिर टिकट देकर सियासी समीकरण साधने पर जरा भी ध्यान नहीं दिया. बीजेपी अगर राजोरिया के अलावा किसी अन्य चेहरेे पर दांव खेलती तो मोदी लहर में यह सीट भी आसानी से निकल सकती थी. लेकिन सांसद के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी के बावजूद पार्टी को वसुंधरा राजे की पसंद के चलते राजोरिया को टिकट देना पड़ा. राजोरिया को टिकट मिलते ही कांग्रेस पहले दिन से ही मजबूत स्थिति में आ गई थी. इस क्षेत्र में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से बीजेपी की एकमात्र विधायक धौलपुर से शोभारानी कुशवाहा है. करौली सीट बसपा के खाते में गई है.

शेष राजाखेड़ा, बाड़ी, बसेड़ी, हिंडौन, टोडाभीम और सपोटरा सीटों पर कांग्रेस के विधायक विराजमान है. कर्नल किरोड़ी बैंसला के बीजेपी में आने से हिंडौन में बीजेपी की स्थिति अब सुधर सकती है. धौलपुर और करौली में बीजेपी पहले से मजबूत दिख रही है. शेष पांच सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिलने के पूरे आसार है. हालांकि बीजेपी को मोदी और राष्ट्रवाद फैक्टर पर ही जीत की उम्मीदें हैं. यहां कांग्रेस में गुटबाजी से जुड़ी बात भी सामने नहीं आई. मंत्री रमेश मीणा, गिरिराज मलिंगा, खिलाड़ी बैरवा और भरोसीलाल जाटव जैसे पार्टी के स्थानीय नेता कांग्रेस की जीत के लिए जुटे हुए हैं.

जातिगत समीकरण
इस संसदीय क्षेत्र में अनुसूचित जाति के करीब पांच लाख मतदाता हैं जिनमें चार लाख जाटव और बैरवा वोटर्स हैं. शेष एक लाख अन्य दलित जातियों के हैं. कांग्रेस का प्रत्याशी जाटव है. ऐसे में कांग्रेस को बढ़त मिलते दिख रही है. अगर जातीय और क्षेत्रीय आधार पर मतदान हुआ तो यह बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. यहां बैरवा भी प्रभावशाली हैं क्योंकि कांग्रेस के पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा करौली विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं, लेकिन वह धौलपुर जिले के बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. लिहाजा उन्हें बैरवा समुदाय के मत मिलने की संभावना है.

2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की कुल जनसंख्या 26 लाख 69 हजार 297 है जिसका 82.56 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 17.44 प्रतिशत हिस्सा शहरी है. कुल आबादी का 22.52 फीसदी अनुसूचित जाति और 14.39 फीसदी अनुसूचित जनजाति का है. इस लिहाज से इस सीट पर एक तिहाई से ज्यादा आरक्षित वर्ग के लोग हैं जिनकी भूमिका किसी भी दल की हार-जीत तय करने में निर्णायक है. कांग्रेस का फोकस मीणा, माली, मुस्लिम और जाटव वोटों पर अधिक है. बीजेपी ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत और गुर्जर वोटों की जुगत में है.

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी यहां पूरी ताकत लगा दी है. गुर्जर वोटर निर्णायक हैं. किरोड़ी बैसला खुद करौली क्षेत्र से आते हैं इसलिए ज्यादातर गुर्जर बीजेपी की ओर जा सकते हैं. वहीं गुर्जर समाज सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाने से बेहद नाराज है. जाटव वोट बैंक में यहां कांग्रेस के साथ अगर भीतरघात होता है तो हार-जीत का अंतर ज्यादा नहीं रहेगा.

वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा का सवाल
धौलपुर-करौली सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा जुड़ी है क्योंकि यह उनका गृह क्षेत्र है. मौजूदा सांसद मनोज राजोरिया को फिर टिकट राजे का ही आशीर्वाद माना जा रहा है. हैरिटेज के नाम पर करौली-धौलपुर नेरोगेज लाइन का गेज परिवर्तन रुकवाना, बिलोनी नदी में चंबल लिफ्ट परियोजना का पानी नहीं मिलना और सांसद निधि खर्च करने में सबसे पीछे रहने जैसे मुद्दे इस बार राजोरिया की परेशानी बढ़ा रहे हैं. फिर भी राजे ने राजोरिया की राजनीति चमकाते हुए टिकट दे दिया.

हालांकि लक्खीराम बैरवा को टिकट नहीं देने पर बैरवा समाज ने खुलकर नाराजगी भी जताई थी लेकिन समय रहते कांग्रेस ने मामले को संभाल किया. बसपा ने यहां अपना उम्मीदवार भी खड़ा किया है लेकिन मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस में ही है. अब देखना होगा कि राजोरिया पर नाराजगी पार्टी को भारी पड़ेगी या उन्हें फिर मोदी लहर का सहारा मिल जाएगा. लेकिन इस सीट का कह सकते है कि चुनाव मोदी लहर पर नहीं बल्कि स्थानीय, जातिगत, क्षेत्रीय और सांसद की नाराजगी जैसे फैक्टर पर लड़ा जा रहा है जिसके चलते बीजेपी साफ तौर पर नुकसान में दिखाई दे रही है.

थप्पड़ कांड पर केजरीवाल ने मोदी सरकार को दोषी ठहराया, पीएम से इस्तीफा मांगा

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देश में लोकसभा चुनाव के समर में राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है. शनिवार को आप प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक शख्स द्वारा थप्पड़ मारने के मामले ने एक सीएम की सुरक्षा की पोल खोल दी.शनिवार को अरविंद केजरीवाल ने प्रेसवार्ता कर इस पूरी घटना के लिए बीजेपी व मोदी सरकार को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पूरे देश में दिल्ली ही एक ऐसा राज्य ही जहां सीएम की सुरक्षा केन्द्र सरकार के अधीन है.

प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी केन्द्र की मोदी सरकार की है. ऐसे में अगर ऐसा हमला होता है तो पूरी जिम्मेदारी इसी बीजेपी सरकार की बनती है. साथ ही उन्होंने संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि एक मुख्यमंत्री के साथ ऐसी घटना या तो बड़ी चूक हो सकती है या फिर पहले से सुनियोजित षड़यंत्र लेकिन चूक एक या दो बार ही हो सकती है. सीएम केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगा उन पर अब तक नौ बार हमले हो चुके हैं जो एक चूक नहीं हो सकती. ये केजरीवाल को खत्म करने की साजिश है.

साथ ही केजरीवाल ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि जब से वे राजनीति में आए हैं तब से ही उन पर लगातार हमले करवाए जा रहे हैं. ये लोग नहीं चाहते हैं कि कोई आम आदमी राजनीति में आए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में उनकी सरकार के दौरान पिछले चार सालों से हर तरह से उन्हें खत्म करने की कोशिश की जा रही है. आप नेता सतेन्द्र जैन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर कार्रवाई, 20 आप विधायकों की गिरफ्तारी जैसे हर असंवैधानिक तरीके से घेरने की कोशिश की गई है.

सीएम केजरीवाल बोले कि खुद उन पर 33 मुकदमे किए गए. उनके घर तक, उनके बैडरूम तक पुलिस द्वारा छापा डलवाया गया लेकिन जब उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला तो उनके रिश्तेदारों तक को परेशान किया गया. एक के बाद एक आम आदमी पार्टी के विधायकों को दिल्ली में खरीदने की कोशिश की जा रही है. आप की दिल्ली सरकार के मंत्रियों को असंवैधानिक कार्रवाई का शिकार बनाया जा रहा है. हमारा सिर्फ यही कसूर है कि हमनें दिल्ली की जनता के लिए अनगिनत काम करवाए हैं.

अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन पर ये नौवां हमला है. उन्हें पूरी तरह रास्ते से हटाने के लिए ये साजिश रची जा रही है. ये हमला केजरीवाल पर नहीं दिल्ली की जनता पर है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता द्वारा चुने गए सीएम पर अगर ऐसा हमला होता है तो जनता चुप नहीं रहने वाली है. इस साजिश का बदला दिल्ली की जनता हर हाल में लेगी. उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि बीजेपी को दिल्ली में पिछले चार सालों में उनके द्वारा करवाए गए शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, सुरक्षा क्षेत्र में अनगिनत काम करवाए हैं जो उन्हें रास नहीं आ रहे हैं,. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 94 फीसदी परिणाम आ रहे हैं.

इसके अलावा केजरीवाल ने पाकिस्तान के पीएम इमरान द्वारा मोदी को फिर से भारत का प्रधानमंत्री चाहने की इच्छा पर भी कटाक्ष किया और कहा कि पीएम मोदी स्पष्ट करें कि पाकिस्तानी पीएम के साथ उनके क्या रिश्ते हैं. क्यों सीमा पार के लोग चाह रहे हैं कि मोदी फिर से पीएम बने. उन्होंने खुद के खिलाफ साजिश करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी उनका साहस नहीं तोड़ सकता है. वे अंतिम सांस और अंतिम खून के कतरे तक दिल्ली और देश की सेवा ही करने वाले हैं.

बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल शनिवार को नई दिल्ली संसदीय सीट से आप प्रत्याशी बृजेश गोयल के समर्थन में रोड शो में हिस्सा लेने पहुंचे थे. जहां वे एक खुली जीप में खड़े होकर भाषण देने के साथ उपस्थित लोगों का अभिनंदन स्वीकार रहे थे. जब रोड शो मोतीनगर इलाके में पहुंचा तो यहां लाल टी शर्ट पहना एक शख्स भीड़ में से अचानक निकला और जीप पर चढ़कर केजरीवाल को जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया. आरोपी युवक मोतीनगर के ही कैलाश पार्क का निवासी है और यहीं स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाता है. जानकारी के अनुसार वो पीएम मोदी पर केजरीवाल के बयानों को लेकर उनसे नाराज था.

राजस्थान: दूसरे चरण की 12 सीटों में तीन पर बीजेपी, दो पर कांग्रेस मजबूत

राजस्थान में दूसरे चरण की 12 लोकसभा सीटों पर प्रचार का आज अंतिम दिन है. दोनों दलों के दिग्गजों ने ताबड़तोड़ सभाएं करते हुए सियासी फिज़ा अपने पक्ष में बहाने की खूब कोशिशें की. ऐसे में दूसरे चरण की प्रदेश की कईं सीटों पर मुकाबला पहले फेज़ की तुलना में रोचक और कांटे का हो गया है. सात सीटों पर मुकाबला बराबरी का दिख रहा है. वहीं जयपुर शहर, चूरु और श्रीगंगानगर सहित तीन सीटों पर बीजेपी मुकाबले में कहीं आगे दिख रही है. सीकर और करौली में कांग्रेस बेहद मजबूत स्थिति में है. सबसे कांटे की टक्कर नागौर, अलवर, दौसा, बीकानेर और जयपुर देहात में दिख रही है. झुंझुनूं और भरतपुर में मुकाबला बराबरी का बनता जा रहा है.

बीजेपी इन सीटों पर बेहद मजबूत…

श्रीगंगानगर:
यहां मुकाबला बीजेपी केे निहालचंद मेघवाल और कांग्रेस के भरत मेघवाल के बीच है. दो मेघवालों में मुकाबला होने के चलते जातिगत समीकरणों के आधार पर हार-जीत का आकलन करने का कोई तुक नहीं है. निहालचंद मेघवाल पूरी तरह से मोदी चेहरे और मोदी लहर के भरोसे वोट मांग रहे हैं. यहां मोदी इम्पैक्ट की बदौलत निहालचंद शुरुआत से ही बढ़त बनाते हुए दिखे. भरत मेघवाल को अपनों के ही विरोध से जूझना पड़ रहा है.

जयपुर शहर:
यह सीट बीजेपी का परम्परागत गढ़ रही है. चुनाव की शुरुआत से ही कांग्रेस यहां संघर्ष करती नजर आई. यहां से बीजेपी ने मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा और कांग्रेस ने पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल को उम्मीदवार बनाया है. सीट पर परिणाम क्या रहेगा, यह तो सीएम अशोक गहलोत के बयान से साफ समझा जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जयपुर में विकास तो खूब कराया लेकिन पता नहीं जयपुर शहर की जनता क्या चाहती है. दूसरी ओर, पीएम मोदी की सभा ने बीजेपी की रही सही कसर पूरी कर ली. कांग्रेस गुलाबी नगर में अभी तक तीन बार ही चुनाव जीत पाई है. भितरघात कांग्रेस के लिए अंतिम दौर तक बड़ी चुनौती साबित होगा.

चूरु:
चूरु में कांग्रेस ने अपने अल्पसंख्यक वोटर्स को खुश रखने के लिए मुस्लिम को टिकट देने का प्रयोग जारी रखा. जाट बाहुल्य इलाके में कांग्रेस ने रफीक मंडेलिया के रूप में मुस्लिम को मौका देकर वाकई में बहुत बड़ा रिस्क लिया है. बीजेपी ने जाट कार्ड और मौजूदा सांसद राहुल कस्वां पर फिर दांव खेला है. हालांकि मंडेलिया ने पैसों की बदौलत माहौल में गर्माहट बनाने की कोशिशें की लेकिन जातिगत समीकरण साधने में नाकाम रहे.

कांग्रेस दो सीटों पर मजबूत…

सीकर:
यहां कांग्रेस ने मैनजेमेंट के माहिर सुभाष महरिया को मैदान में उतारा है. हालांकि पहले बीजेपी मुकाबले में बेहद पिछड़ी नजर आ रही थी लेकिन संघ की मेहनत और मोदी की सभा के बाद सुमेधानंद सरस्वती ने खूब कवर किया है. महरिया बीजेपी में पहले रह चुके हैं इसलिए उनकी हर रणनीति से वाकिफ है. लिहाजा महरिया मोदी लहर में अपने कौशल और मैनजमेंट से अभी भी मुकाबले में बहुत आगे दिख रहे हैं. हालांकि अब उनकी जीत का अंतर पहले के मुकाबले ज्यादा होता नहीं दिख रहा है.

करौली-धौलपुर:
इस सीट पर कांग्रेस सियासी और जातिगत समीकरण सहित दोनों क्षेत्रों में बेहद अच्छी स्थिति में है. लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक पर बीजेपी विधायक है. एक पर बसपा और अन्य छह सीटों पर कांग्रेस के विधायक है. जातिगत समीकरणों से कांग्रेस यहां बेहद मजबूत है. इस सीट पर कांग्रेस अच्छे अंतर से जीत का दावा कर रही है.

सात सीटों पर कड़ी टक्कर…
प्रदेश की शेष सात सीटों में से कहीं पर मुकाबला बेहद कांटे का तो कहीं पर सीधी टक्कर है. नागौर, जयपुर देहात, बीकानेर, अलवर और दौसा में मुकाबला बेहद दिलचस्प है. झुंझुनूं और भरतपुर में भी मुकाबला मतदान की तारीखों तक बराबरी पर आने के पूरे आसार है. कुल मिलाकर कह सकते है कि पहले चरण के मुकाबले कांग्रेस दूसरे चरण में ज्यादा सीटें जीत सकती है. लेकिन मोदी लहर और साइलेंट वोटर्स ने अपना काम कर दिया तो फिर कांग्रेस की टक्कर वाली सीटों पर समीकरण बिगड़ सकते हैं.

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