यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने आज इस्तीफा देकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. राजभर लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी से नाराज चल रहे थे. राजभर ने कहा कि मैं तो यूपी कैबिनेट से 13 अप्रेल को ही इस्तीफा दे चुका हूं. अब ये बीजेपी पर निर्भर करता है कि वो उसे स्वीकार करेगी या खारिज करेगी.
बता दें कि ओमप्रकाश राजभर की सुहलदेव समाज पार्टी यूपी का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ी थी. पार्टी को चार सीटों पर जीत हासिल हुई थी. जिसमें जहूराबाद से ओमप्रकाश राजभर विधायक चुने गए थे. उन्हें योगी कैबिनेट में ओबीसी विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. लोकसभा चुनावों में उन्होंने ज्यादा सीटों की मांग की थी लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया. उन्होंने कई बार बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक भी अपनी बात पहुंचाई थी लेकिन कहीं से भी नाराज राजभर को मनाने की कोशिश नहीं हुई.
इस्तीफे के बाद राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी प्रदेश की 39 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार भी उतार चुकी है. जिसमें वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर सीटें भी शामिल हैं. राजभर ने बीजेपी पर आरोप भी मढ़ दिया कि पार्टी चुनाव प्रचार में उनके नाम और उनके झंडे का इस्तेमाल कर रही है, उन्होंने इसकी शिकायत चुनाव आयोग में की है. साथ ही राजभर ने चुनाव परिणामों पर भविष्यवाणी करते हुए बताया कि सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन प्रदेश में बीजेपी से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रहेगा.
गौरतलब है कि सुहलदेव समाज पार्टी प्रमुख ने बीजेपी को लोकसभा चुनावों से पहले ये चेतावनी भी दी थी कि अगर यूपी में ओबीसी समुदाय को 27 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जाएगा तो वो सरकार से बाहर हो जाएंगे. उनका ऐन मौके पर पार्टी छोड़कर जाना उनकी इसी नाराजगी का हिस्सा लग रहा है. देश में लगभग आधी से ज्यादा सीटों पर मतदान हो चुके हैं लेकिन यूपी में बाजी मारने के लिए हर पार्टी अपनी अलग रणनीति रखती है. अब राजभर के कैबिनेट छोड़ने के बाद देखना ये रहेगा कि बीजेपी इससे कितना नुकसान महसूस करती है.