सुप्रीम कोर्ट ने आज वाराणसी से सपा उम्मीदवार रहे तेज बहादुर यादव की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद तेज बहादुर अब वाराणसी संसदीय सीट से नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. सपा ने बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव को वाराणसी से प्रत्याशी बनाया था. निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन खारिज कर दिया था क्योंकि तेजबहादुर ने वह प्रमाणपत्र जमा नहीं किया जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि उन्हें भ्रष्टाचार के कारण बर्खास्त नहीं किया गया है. निर्वाचन अधिकारी के इसी फैसले के खिलाफ तेजबहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम इस समय निर्वाचन अधिकारी के आदेश में दखल नहीं देंगे. आप चाहें तो चुनाव के बाद याचिका दाखिल कर सकते हैं.
बता दें कि तेजबहादुर यादव 2017 में एक वीडियो के कारण चर्चा में आए थे. इस वीडियो में उन्होंने सेना के अंदर मिलने वाली खाद्द सामग्री की क्वालिटी के बारे में बताया था. इसके बाद तेजबहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त किया था. बर्खास्तगी के बाद से ही तेजबहादुर यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा था. पहले उन्होंने यहां से निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था लेकिन बाद में उनको सपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था.
सपा ने यहां से पहले शालिनी यादव को प्रत्याशी बनाया था लेकिन बाद में उनका टिकट काट तेजबहादुर को प्रत्याशी बनाया. अब तेजबहादुर का नामांकन रद्द होने के बाद शालिनी यादव ही सपा की प्रत्याशी होंगी. पीएम मोदी इस बार सिर्फ वाराणसी सीट से ही चुनाव लड़ रहे है. यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के अजय राय और महागठबंधन की प्रत्याशी शालिनी यादव से होगा.