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बीजेपी सरकार लंबे समय से कह रही है कि देश की सकल घरेलू विकास (जीडीपी) दर तेजी से बढ़ रही है. सरकार के इस बयान में प्रधानमंत्री मोदी, उनकी सरकार और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जमकर जनता और क्रिटिक्स की तालियां बटौरी हैं. लेकिन आज आई एक खबर ने इस जीडीटी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान नई तरह से जीडीपी निर्धारण की प्रक्रिया शुरू की थी.

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) के एक अध्ययन से पता चला है कि जीडीपी निर्धारण के लिए जिन कंपनियों को पैमाना बनाया गया, उनमें से 36 फीसदी का कोई पता नहीं चला या फिर इनका वर्गीकरण गलत तरीके से किया गया था.एक मीडिया संस्थान का यह भी दावा है कि अगर इन गड़बड़ियों को दूर किया जाए तो बहुत संभावना है कि देश की जीडीपी का आंकड़ा नीचे आ जाएगा. इसके बाद से सोशल मीडिया पर बीजेपी सरकार को लगातार घेरा जा रहा है.

@BilalAhmedNgp

मोदी जी की सरकार में जीडीपी बढ़ी है. हां, मैं उस जीडीपी का मतलब है – गैस, डीजल और पेट्रोल.

@aj_it

जीडीपी के आंकड़ों पर मोदी की प्रतिक्रिया –
1. भारत माता की जय
2. मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप नेहरू के समय की जीडीपी पर चुनाव लड़कर दिखाएं.

@kaushikcbasu

सांख्यिकी के आंकड़ों की विश्वसनीयता के मामले में भारत की दुनियाभर में एक साख थी. इसे बर्बाद होते हुए देखना बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है…

@SarcasticRofl

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