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बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय मर्डर मामले में मउ विधायक मुखतार अंसारी बरी

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बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों को बरी कर दिया है. बता दें कि साल 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या में एके-47 का इस्तेमाल किया गया था. इस हत्या का आरोप बसपा विधायक मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी समेत कई समेत पांच लोगों पर था. मुन्ना बजरंगी की बीते साल जेल में हत्या कर दी गई थी. बजरंगी की हत्या का आरोप उनके साथ उसी जेल में बंद कुख्यात बदमाश सुनील राठी पर लगा था. दिवंगत नेता कृष्णानंद राय की पत्नी वर्तमान में यूपी की मोहमदाबाद सीट से विधायक हैं.

बता दें कि मउ विधायक मुखतार अंसारी हत्या के इसी मामले को लेकर साल 2005 से जेल में है. मुख्तार जेल में रहने के बावजूद मउ विधानसभा से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. 2017 के चुनाव में वो बीएसपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और प्रदेश में प्रचंड बीजेपी लहर होने के बावजूद चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे.

गाजीपुर जिले में अंसारी परिवार का प्रभाव साफ देखा जा सकता है. मुखतार के भाई अफजाल अंसारी हाल में हुए लोकसभा चुनाव में गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए है. हालांकि 2017 विधानसभा चुनाव में अंसारी परिवार के दो सदस्यों को हार का सामना करना पड़ा था. मोहमदाबाद से कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय ने मुख्तार के भाई सिगबतुल्लाह  अंसारी को मात दी थी.

राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर दीया कुमारी ने उठाया सवालिया निशान

राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने आज लोकसभा में बोलते हुए राजस्थान की लचर कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाते हुए प्रदेश सरकार की कलई खोलकर रख दी. यहां उन्होंने महिला सुरक्षा की बात रखी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के समक्ष अपनी बात को रखते हुए दीया कुमारी ने कहा कि मैं सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहती हूं कि वर्तमान में राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी हुई है. महिला सुरक्षा की स्थिति गंभीर और दुखद है. महिलाओं पर अत्याचार और शारीरिक शोषण बढ़ते जा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर मामले नाबालिक लड़कियों के साथ हो रहे हैं जो सोचनीय हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस के अधिकारियों के पास जब इनकी शिकायत होती है तो उनका केवल इतना कहना होता है कि हम कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने पिछली सरकार में लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरों का मुद्दा भी यहां छेड़ा. उन्होंने कहा कि राजसमंद में 400 सीसीटीवी कैमरे स्वीकृत हुए थे जिनमें से अब तक केवल 50 और अजमेर में 800 में से केवल 132 कैमरे ही लग पाए हैं.

दीया ने जयपुर के शास्त्री नगर में मासूम के साथ हुए दुष्कर्म का जिक्र भी लोकसभा में सांसदों के बीच किया. उन्होंने कहा कि घटना के बाद क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई और इंटरनेट भी 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है. लेकिन घटना के दो दिन बाद भी अभी तक राज्य सरकार की ओर से पुख्ता कदम नहीं उठाए गए. उन्होंने सदन के जरिए केंद्रीय गृहमंत्री से अपील की कि इस मामलों में प्रदेश सरकार पर दबाव बनाया जाए ताकि इस तरह के शर्मनाक कृत्यों पर रोक लग सके.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया अपनी इस्तीफा, प्रोफाइल भी बदला

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राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से अटकलों का दौर लगातार जारी है. कभी खबर आती है कि राहुल गांधी अपने इस्तीफे के बारे में पुर्न:विचार कर रहे हैं. कभी खबर आती है कि राहुल गांधी इस्तीफे लेने के मूड में बिलकुल नहीं हैं. आज उन्होंने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से अपना इस्तीफा ट्वीट किया है.

ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा है, ‘कांग्रेस पार्टी की सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात है जिनके मूल्यों और आदर्शों ने हमारे सुंदर राष्ट्र की जीवनदायिनी के रूप में सेवा की है. बतौर अध्यक्ष हार की जिम्मेदारी मेरी है. मेरी राजनीतिक लड़ाई कभी आसान नहीं रही. मैं देश और अपने संगठन को बहुत आभार और प्यार का कर्ज देता हूं. मैं नए अध्यक्ष का नाम नहीं सुझाउंगा. मुझे पूरा भरोसा है कि इस मामले में पार्टी अच्छा फैसला करेगी.

ट्वीट करते के बाद राहुल गांधी ने अपने ट्वीटर हैंडल प्रोफाइल से ‘कांग्रेस अध्यक्ष’ को भी हटा दिया है. यहां उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस और लोकसभा का सदस्य लिख दिया है.

यूपी में बढ़ते अपराध को लेकर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर बढ़ते अपराध को लेकर योगी सरकार को आड़े हाथ लिया है. दरअसल, मंगलवार को  मुजफ्फरनगर में पेशी पर आए एक कुख्यात अपराधी को बदमाश पुलिस पर फायरिंग कर छुड़ा ले गए थे. इसी मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार ने हमला बोलाहै.

प्रियंका ने कहा कि उप्र सरकार के नेता प्रदेश में लगातार बढ़ते अपराध पर मेरे ट्वीट का कुछ भी झूठ मूठ जवाब दे दें, मगर पुरानी कहावत है ‘हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या’. उत्तर प्रदेश में अपराधियों के कारनामे चरम पर हैं और जनता पूछ रही है कि ऐसा क्यों? गौरतलब है कि चंद रोज़ पहले प्रियंका के अपराध में बढोतरी वाले ट्वीट का यूपी पुलिस ने जवाब देते हुए अपराध कम होने का आंकड़ा पेश किया था. यूपी पुलिस ने कहा था कि प्रियंका गांधी जनता के सामंने गलत जानकारी और आंकड़े प्रस्तुत कर रही है.

प्रियंका के ट्वीट का जवाब देते बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा ने कहा कि यूपी पुलिस के डीजीपी ने प्रियंका गांधी के बढ़ते अपराध पर जवाब दे दिया दिया है. यूपी अपराध पर लगाम लगाई जा रही है. प्रियंका अपराध के नाम पर लोगों को गुमराह करना चाहती हैं, लेकिन यूपी की जनता नकारात्मक राजनीति करने वालों को जनता नकार चुकी है.

 

राहुल गांधी ने की जल्द अध्यक्ष चुनने की मांग, मैं दे चुका हूं अध्यक्ष पद से इस्तीफा

RAHUL GANDHI
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कांग्रेस के नेता राहुल को मनाने की कितनी भी कोशिशे करले, लेकिन राहुल आज भी अपने फैसले पर अड़िग हैं. इसी की बानगी आज राहुल के बयान में देखने को मिली. राहुल ने आज कहा कि पार्टी को अगला अध्यक्ष जल्द चुनना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी को cwc की बैठक जल्द बुलाकर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराना चाहिए.  मैं पहले ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुका हूं.

राहुल का मानना है कि पार्टी को नया अध्यक्ष चुनने में काफी देर हो रही है. पार्टी को जल्द से जल्द वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाकर इस पर फैसला करना चाहिए. साथ ही उनका कहना है कि इस प्रक्रिया का वह हिस्सा नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि वर्किंग कमेटी की बैठक कब बुलाई जाएगी, ये भी समिति के सदस्य ही तय करेंगे. मैं बैठक नहीं बुलाउंगा.

बता दें कि राहुल गांधी पर इस्तीफा वापस लेने के लिए कांग्रेस समर्थक उनपर दबाव बना रहे हैं. कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं, दिल्ली में धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं से मिलने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भी पहुंचे थे.

बता दें कि सोमवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी राहुल गांधी से  मिले थे और उनसे  इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया था,  लेकिन तब भी  राहुल गांधी ने  उनको साफ कह दिया था कि उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और वो इसे वापस नहीं लेंगे.

पालनपुर में की जा रही है कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी

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गुजरात की दो राज्यसभा सीटों पर उपचुनावों को लेकर कांग्रेस कोई रिस्क नहीं चाहती. इसी बीच कुछ विधायकों के इस्तीफे देकर बीजेपी में शामिल होेने की अटकलों के बीच दो दिन के लिए गुजरात कांग्रेस के करीब 69 विधायकों को पालमपुर के पास बालाराम रिसोर्ट में रोका जा रहा है. ये सभी विधायक यहां किसी पि​कनिक के लिए नहीं बल्कि बाड़ाबंदी के लिए आ रहे हैं. शाम तक करीब-करीब सभी कांग्रेसी विधायक यहां पहुंच जाएंगे.  अगले दो दिन ​तक इन सभी विधायकों को यहां ठहराया जाएगा. पालनपुर भारत के गुजरात प्रान्त का एक शहर है जो अरावली श्रृंखला और काठियावाड़ प्रायद्वीप के बीच की निम्नभूमि पर स्थित है.

दरअसल अल्पेश ठाकोर के एक बयान के चलते ऐसा हो रहा है. अल्पेश ठाकोर ने कहा है कि कांग्रेस के 18 विधायक कभी भी पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं. फिलहाल कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कुर्सी खाली पड़ी है क्योंकि राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा दे दिया है.

ऐसे में पार्टी के दिग्गज़ नेता अहमद पटेल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुजरात की डूबती नैया पार लगाने की जिम्मेदारी दी है. गुजरात विधानसभा चुनाव में गहलोत की दूरदर्शिता का ही नतीजा था कि मोदी के गढ़ रहे गुजरात में कांग्रेस ने 77 सीटें जीत विधानसभा में बीजेपी के सामने विधायकों की एक उंची दिवार खड़ी कर दी है.

अल्पेश ठाकोर के बयान को कांग्रेस हल्के में नहीं लेना चाहती. यही वजह है कि सभी गुजरात विधायकों को पालनपुर बुलाया गया है. आज शाम तक करीब-करीब सभी कांग्रेसी विधायक यहां पहुंच जाएंगे. उसके बाद अगले दो दिन तक करीब-करीब इन सभी नेताओं को बाड़बंदी के घेरे में रखा जाएगा. अशोक गहलोत भी शाम तक दिल्ली से जयपुर लौट आएंगे. हो सकता है कि गहलोत खुद भी इन नेताओं के साथ रहें या अपने विश्वस्त लोगों को इन सभी के आसपास रहने को कहा जाए.

बिहार के पूर्व उपमुख्यमत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव के गायब होने का ये है कारण

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बिहार में आप इन दिनों कहीं भी चले जाये, चारों तरफ सिर्फ यही चर्चा सुनने को मिलती है, ‘ तेजस्वी यादव कहां है. दरअसल लोकसभा चुनाव में हार के बाद हुई महागठबंधन की समीक्षा बैठक के बाद तेजस्वी यादव गायब हैं. तेजस्वी के ‘गायब’ होने के बाद न केवल उनके विरोधी उनपर निशाना साध रहे हैं, बल्कि राजद के नेता और उनके सहयोगी भी इसका जवाब देने में असमर्थ हैं. आखिर तेजस्वी की राजनीति से बेरुखी का क्या कारण है. दरअसल लोकसभा चुनाव से पूर्व तेजस्वी यादव ने बिहार में जेडीयू, बीजेपी गठबंधन को मात देने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक जाजम पर लाया था.

उत्तर प्रदेश की तरह यहां भी विपक्षी पार्टियों के गठबंधन को महागठबंधन नाम दिया गया था. बिहार के महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, मुकेश साहनी की वीआईपी पार्टी शामिल थी. चुनाव से पूर्व यह लग रहा था कि तेजस्वी यादव के द्वारा बुने गए इस जातीय जाल में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी उलझ जायेंगे. लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो तेजस्वी यादव के पैरो तले जमीन खिसक गई. चुनाव नतीजों में राजद खाता खोलने को तरस गई. 2019 लोकसभा चुनाव में उसका एक भी सांसद प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया है.

चुनाव में आए इन चुनावी नतीजों से विपरित तेजस्वी यादव को अनुमान था कि राजद सहित महागठबंधन का लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन अच्छा होगा, लेकिन नतीजे तेजस्वी के अनुमान के बिल्कुल विपरित आए. तेजस्वी लोकसभा चुनाव के नतीजों से काफी निराश है. इसी कारण वो राजद के नेताओं के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.

गौरतलब है कि वर्तमान समय में बिहार की राजनीति में तेजस्वी विपक्ष के चेहरे के रूप में जाने जाते हैं. तेजस्वी यादव को उनके समर्थक बिहार का भावी मुख्यमंत्री कहते हैं. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी सूबे में वह विपक्ष का चेहरा रह चुके हैं. हालांकि जनता ने उनके दावों और वादों को चुनाव में नकार दिया था, लेकिन बिहार में विपक्ष के पास आज भी उनके मुकाबले का कोई चेहरा मौजूद नहीं है. आने वाले विधानसभा चुनाव में यह तय है कि विपक्ष का चेहरा तेजस्वी यादव ही होंगे. विपक्ष का चेहरा होने के बावजूद सवाल उठ रहा है कि तेजस्वी विपक्ष की भूमिका क्यों नहीं निभा रहे हैं? मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के जिलों में चमकी बुखार से 150 बच्चों की मौत हो चुकी है. लेकिन इतने बड़े मुद्दे पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है.

तेजस्वी यादव के गायब होने का कारण कुछ राजनीति के जानकार यह बताते है कि तेजस्वी आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजद को पुरी तरह से क्रंटोल में लेना चाहते है. वो यह नहीं चाहते कि जिस प्रकार लोकसभा चुनाव में उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने पार्टी के कई प्रत्याशियों का विरोध किया ऐसा वो आगे भी करे. तेजस्वी, तेजप्रताप के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते अनुशासनात्मक कारवाई चाहते है. लालु और राबड़ी परिवार में बिखराव होने की संभावना के चलते ऐसा करना नहीं चाहते हैं.

बता दें कि तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र से अपनी बहन मीसा भारती को टिकट नहीं देना चाहते थे. लेकिन तेजप्रताप ने लालु यादव और राबड़ी देवी के माध्यम से तेजस्वी यादव पर दबाव बनाकर मीसा को टिकट दिलवाया. तेजस्वी इस मामले को लेकर काफी नाराज बताए जा रहे हैं. तेजस्वी पाटलिपुत्र संसदीय सीट से राजद के किसी स्थानीय कार्यकर्ता को टिकट देना चाहते थे. इस टिकट को लेकर उनका मानना था कि मीसा को पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ाने पर उनपर परिवारवाद की राजनीति को बढावा देने के आरोप लगेंगे. तेजस्वी ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहते थे, लेकिन परिवार के दबाव में उनको मीसा को टिकट देना ही पड़ा. मीसा चुनाव लड़ी और कभी लालु यादव के खास रहे बीजेपी उम्मीदवार रामकृपाल यादव से हार गई. मीसा की हार राजद के साथ-साथ उनकी यादव जाति पर प्रभुत्व के दावे की भी हार थी.

अब सभी के जहन में यह सवाल है कि तेजस्वी अपनी जिम्मेदारी कब संभालेगें. राजद को बिहार में पुनः खड़ा करने के लिए तेजस्वी यादव का राजनीति के मैदान में आना जरुरी है. बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है. जेडीयू, बीजेपी गठबंधन का गणित वैसे ही बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है, वहीं तेजस्वी यादव के मैदान से गायब होने के बाद राजद की मुसीबते ओर इजाफा हुआ है. अगर तेजस्वी और राजद ने पार्टी के भीतर चल रही इन उलझनों को जल्द समाप्त नहीं किया तो पार्टी के हालात ओर भी खराब होंगे यह तय है.

मोदी के बाद एक्शन में योगी, 600 कामचोर अधिकारियों की मांगी लिस्ट

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हाल ही में भष्टाचारियों पर रोक लगाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 27 सरकारी अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देते हुए उन्हें विभागों से रवानगी दी थी. इन सभी पर भ्रष्टाचार संबंधी कई आरोप लगे थे. मोदी के इस फैसले की सभी जगह तारीफे हुई थी. अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी एक्शन में है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और कामचोर अधिकारियों को जबरन रिटायर कराने की मुहिम के तहत जल्द ही एक और लिस्ट मांगी है. बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में 600 ऐसे अधिकारियों के नाम है जिनपर भष्टाचार और कामचोरी के आरोप लगे हुए हैं.

बता दें, पिछले दो सालों में योगी सरकार ने विभिन्न विभागों के 200 से अधिक कामचोर और भष्टाचारी अफसरों-कर्मचारियों को जबरन रिटायर दिलाया है. साथ ही 400 से अधिक अधिकारियों को निलंबन और डिमोशन आदि से दंडित भी किया है. अब 150 से ज्यादा अधिकारी सरकार के रडार पर हैं.

इस दौरान गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 लोगों को जबरन रिटायर किया गया है. जबकि राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप में 36, श्रम विभाग में 16, वन विभाग में 11 और संस्थागत वित्त वाणिज्य कर एवं मनोरंजन कर विभाग में 16, दुग्ध विकास विभाग में सात, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से छह लोगों को रवाना कर दिया है. अन्य विभागों से भी अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देकर घर की राह दिखाई है.

ऊर्जा विभाग में 169 लोगों को भ्रष्टाचार की सजा मिली है और उनके प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है. लोक निर्माण में 18 और परिवहन विभाग में 37 कर्मचारियों की पदोन्नति रोकी गई है. समाज कल्याण विभाग के पांच कर्मचारियों को भी दंड दिया गया है.

पंचायत उपचुनावः जोधपुर के नतीजे कांग्रेस और बीजेपी की धड़कने बढ़ाने वाले है

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विधानसभा चुनाव में तीन और लोकसभा चुनाव में एक सीट जीतने वाली आरएलपी ने पंचायत उपचुनाव में भी अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है. जोधपुर जिला परिषद के वार्ड संख्या 25 के उपचुनाव में आरएलपी प्रत्याशी अनिता चौधरी ने जीत हासिल की है. बता दें कि यह सीट दिव्या मदेरणा के विधायक बनने के कारण खाली हुई थी. इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर थी.

दिव्या मदेरणा ने कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव जितवाने के लिए पुरी ताकत लगी रखी थी, लेकिन एक बार फिर जोधपुर के लोगों ने हनुमान बेनीवाल में आस्था जताते हुए आरएलपी प्रत्याशी अनिता चौधरी को जिताया. अनिता ने बीजेपी की रामप्यारी ग्वाला को 831 मतों से मात दी. विजयी प्रत्याशी अनिता चौधरी को कुल 7504 मत मिले, वहीं निकटतम प्रतिदंदी रामप्यारी गवाला को 6673 और कांग्रेस की धन्नी देवी को 6628 मत लेकर तीसरे स्थान पर रही.

पंचायत चुनाव में मिली जीत के बाद नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि इस सीट को जीतने लिए कांग्रेस ने पुरी ताकत लगा दी थी. कांग्रेस ने चुनाव में सरकारी मशीनरी का जमकर उपयोग किया. यहां तक कि मुख्यमंत्री के पुत्र ने भी यहां अनेक सभाएं की थी, लेकिन आरएलपी कार्यकर्ताओं ने अपनी मेहनत के दम पर जीत हासिल की है. मैं इस जीत का श्रेय आरएलपी कार्यकर्ताओं को देना चाहता हूं. हनुमान ने आगे कहा कि पंचायत चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि आरएलपी एक जिले की पार्टी न होकर पुरे प्रदेश की पार्टी है.

बता दें कि हनुमान बेनीवाल ने विधानसभा चुनाव से पूर्व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नाम से एक दल का गठन किया था. हनुमान ने चुनाव में लगभग 100 से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे. जिनमें तीन सीटों पर पार्टी प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. खींवसर विधानसभा सीट से खुद आरएलपी हनुमान विजयी हुए, वहीं नागौर की मेड़ता सीट से इंदिरा देवी और जोधपुर की भोपालगढ़ सीट से पुखराज गर्ग विजयी हुए थे.

लोकसभा चुनाव में रालोपा एनडीए में शामिल थी. नागौर लोकसभा सीट से रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने चुनाव लड़ा था. हनुमान ने यहां कांग्रेस की ज्योति मिर्धा को मात दी थी.

मासूम से दुष्कर्म मामले में तनाव बरकरार, सीएम की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील

जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में मासूम से दुष्कर्म मामले में तनाव बरकरार है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात है. धारा 144 को भी यथावत रखा गया है. सुरक्षा को देखते हुए अगले 24 घंटों तक इंटरनेट बंद करने के ​निर्देश दिए जा चुके हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्थानीय लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है.

बता दें, जयपुर के शास्त्री नगर में रविवार रात सात साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बन गई है. 14 थाना इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. कुछ उपद्रवी युवकों ने सड़क पर खड़े करीब 100 वाहनों के शीशे फोड़ दिए और घरों में पत्थर फेंके.

अस्पताल में ‘बच्ची की मौत’ की वायरल खबर के बाद स्थिति और भी भयानक हो गई और लोगों ने भट्टा बस्ती में जमकर पत्थरबाजी की. इस पत्थरबाजी में 15 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए. फिलहाल बच्ची का जेके लॉन अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने उत्पात मचाने के 4 मामले दर्ज किए हैं और करीब 16 लोगों को गिरफ्तार किया है.

इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली से फोन पर विधायक रफीक खान और अधिकारियों से संपूर्ण घटना की जानकारी ली और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है. साथ ही पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता का आश्वास भी दिया है.

इधर, सोमवार शाम को आदर्श नगर विधायक रफीक खान ने जेके लॉन पहुंच मासूम के परिजनों से मुलाकात की. घटना की जानकारी मिलने पर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, मुख्य सचेतक महेश जोशी, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा, एडीजे जंगा श्रीनिवास राव, एएसपी सरिता बड़गुर्जर ने भी अस्पताल पहुंच बच्ची की कुशलक्षेप पूछी. फिलहाल बच्ची की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.

सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए राजधानी के शास्त्री नगर, भट्टा बस्ती, रामगंज, आदर्श नगर, सदर थाना, विद्याधर नगर, नाहरगढ़, गलता गेट, माणक चौक, सुभाष चौक, कोतवाली, संजय सर्किल और लालकोठी सहित 14 थाना इलाकों में इंटरनेट की सुविधा को कल सुबह 10 बजे तक के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है. 40 थानों की पुलिस की घटना स्थल पर तैनात कर दिया गया है.

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