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हाल ही में भष्टाचारियों पर रोक लगाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 27 सरकारी अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देते हुए उन्हें विभागों से रवानगी दी थी. इन सभी पर भ्रष्टाचार संबंधी कई आरोप लगे थे. मोदी के इस फैसले की सभी जगह तारीफे हुई थी. अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी एक्शन में है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और कामचोर अधिकारियों को जबरन रिटायर कराने की मुहिम के तहत जल्द ही एक और लिस्ट मांगी है. बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में 600 ऐसे अधिकारियों के नाम है जिनपर भष्टाचार और कामचोरी के आरोप लगे हुए हैं.

बता दें, पिछले दो सालों में योगी सरकार ने विभिन्न विभागों के 200 से अधिक कामचोर और भष्टाचारी अफसरों-कर्मचारियों को जबरन रिटायर दिलाया है. साथ ही 400 से अधिक अधिकारियों को निलंबन और डिमोशन आदि से दंडित भी किया है. अब 150 से ज्यादा अधिकारी सरकार के रडार पर हैं.

इस दौरान गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 लोगों को जबरन रिटायर किया गया है. जबकि राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप में 36, श्रम विभाग में 16, वन विभाग में 11 और संस्थागत वित्त वाणिज्य कर एवं मनोरंजन कर विभाग में 16, दुग्ध विकास विभाग में सात, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से छह लोगों को रवाना कर दिया है. अन्य विभागों से भी अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देकर घर की राह दिखाई है.

ऊर्जा विभाग में 169 लोगों को भ्रष्टाचार की सजा मिली है और उनके प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है. लोक निर्माण में 18 और परिवहन विभाग में 37 कर्मचारियों की पदोन्नति रोकी गई है. समाज कल्याण विभाग के पांच कर्मचारियों को भी दंड दिया गया है.

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