अभिनेता से राजनेता बने सनी देओल को सियासी गलियारे में कदम रखे अभी कुछ ही दिन हुए हैं और वे अभी से विपक्ष के चंगुल में फंसते हुए नजर आ रहे हैं. 17वीं लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर संसदीय सीट से सदन में पहुंचे सनी देओल के बारे में पता चला है कि उन्होंने एक स्क्रीन राइटर को गुरदासपुर में अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है. यह प्रतिनिधि सनी के संसदीय क्षेत्र से जुड़े मामलों पर नजर रखेगा. सनी ने ऑफिशियल लेटरहेड के जरिए इस बात की घोषणा की है. सनी के इस फैसले को विपक्ष से आड़े हाथ लेते हुए गदर मचाया हुआ है.
सनी देओल ने जिस प्रतिनिधि को संसदीय क्षेत्र में रखा है उनका नाम है स्क्रीन राइटर गुरप्रीत सिंह पल्हेरी. अब सनी ने इसे अपने क्षेत्र में नियुक्ति देकर शायद अच्छा ही काम किया हो लेकिन विपक्ष ने उपनपर निशाना साध दिया है. विपक्ष ने कहा है कि ये गलत है क्योंकि सनी उन लोगों के लिए जिम्मेदार हैं जिन्होंने उन्हें वोट दिया है. ऐसे में यह नियुक्ति गलत है.
मामला पर बना तूल इतना बढ़ गया कि सांसद सनी देओल को खुद अपनी सफाई पेश करनी पड़ी. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा है, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है और उसमें भी इतना बड़ा विवाद खड़ा कर दिया गया है. मैंने अपना पीए (पर्सनल असिस्टेंट) नियुक्त किया है जो कि गुरदासपुस के मेरे ऑफिस में मेरा प्रतिनिधित्व करेगा. ये नियुक्ति इस बात को ध्यान में रखकर की गई है कि जब मैं गुरदासपुर से बाहर हूं, संसद में हूं या कहीं सफर कर रहा हूं तो भी काम लगातार, बिना रुके चलता रहे.’
— Sunny Deol (@iamsunnydeol) July 2, 2019
बता दें, गुरदासपुर लोकसभा सीट बीजेपी की परम्परागत सीट है. यहां से विनोद खन्ना बीजेपी के सांसद हुआ करते थे. उनके निधन के बाद उपचुनाव में बीजेपी ये सीट कांग्रेस के सामने हार गई थी. इस बार सनी देओल को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया था और जीत दर्ज की.
अब सनी की ये सफाई उनके कितनी काम आएगी, ये तो वक्त ही बनाएगा. लेकिन उन्हें इस बात को समझने की जरूरत होगी कि यह कोई फिल्मी दुनिया नहीं जिसमें आपका सारा काम PA संभाल लेता है. यह राजनीति का ऐसा मैदान है जहां खुद को ही सारे काम करने होते हैं. सनी जितना जल्दी इस बात को समझ लें, उतना ही उनके लिए अच्छा है.