लोकसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद कांग्रेस का हाई वोल्टेज ड्रामा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा क्या दिया, यह सियासी ड्रामा तो अपने चरम पर पहुंच गया. आज इस कड़ी में कुछ ऐसा भी जुड़ गया है जो इससे पहले कभी नहीं हुआ.

आज राहुल गांधी से इस्तीफा वापसी की मांग को लेकर अविनाश पांडे, राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और रणदीप धनखड़ सहित कई कांग्रेसी नेता कांग्रेस के दिल्ली मुख्यालय पर धरने पर बैठ गए हैं. यहां एक फ्लैक्स भी लगा हुआ है जिस पर लिखा है ‘हमें आपके नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास है’.

यह तो एक शुरूआत भर है. खबरें तो यहां तक वायरल हो रही हैं कि एक कार्यकर्ता ने पार्टी मुख्यालय के बाहर आत्महत्या करने की कोशिश की है. उसका कहना है कि अगर राहुल गांधी ने अपना इस्तीफा वापिस नहीं लिया तो वह फांसी पर चढ़ जाएगा. अगर सच में ऐसा होता है तो अभी तक तो राहुल गांधी के सिर पर केवल पार्टी की हार का ठीकरा ही फूटा था. अब एक मौत का जिम्मेदार भी माना जाएगा.

इससे पहले सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, अहमद पटेल सहित कांग्रेस के कई दिग्गज़ नेताओं ने राहुल गांधी से इस्तीफा वापिस लेने की मान मनुहार की लेकिन वे नहीं माने. यहां तक की शनिवार को AICC प्रवक्ता पवन खेडा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए साफ तौर पर कहा था कि CWC ने राहुल गांधी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है. उसके बाद भी राहुल अपने फैसले पर डटे हुए हैं.

सोमवार को भी कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में राहुल गांधी से उनके निवास पर मुलाकात कर इस बारे में बातचीत की थी. गहलोत ने मीडिया से रूबरू होते हुए यह भी बताया था कि हमने कार्यकर्ताओं की भावनाओं से राहुलजी को अवगत करा दिया है. उन्होंने हमें फैसले पर विचार करने का भरोसा दिलाया है.

एक तरफ राहुल गांधी को मनाने की कोशिशें तेज हो रही हैं तो दूसरी ओर, अशोक गहलोत और सुशील कुमार शिंदे को पार्टी का नेतृत्व सौंपने के लिए तैयार किया जा रहा है. राहुल गांधी ने अभी तक इन सभी मुद्दों पर चुप्पी साध रखी है. कुल मिलाकर कांग्रेस का यह ‘टोटल धमाल’ पूरी तरह से पैसा वसूल कहा जा सकता है. वहीं बीजेपी मुख्यालय में भी इस ड्रामे के किस्से-कहानियां चटकारे लेकर सुनाए और बताए जा रहे हैं. इन सभी के बीच मोदी और शाह मंद-मंद मुस्कान के साथ इस नाटकीय अभियान पर नजरें गढ़ाए हुए हैं.

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