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गहलोत और पायलट के बीच की खींचतान एक बार फिर उजागर

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 75वीं जयंती मंगलवार को देश भर में मनायी गयी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी टवीट कर पूर्व पीएम स्व. राजीव गांधी को श्रद्धांजली दी. राजस्थान सरकार पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती को पूरे साल भर मनायेगी. वहीं मंगलवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 75 वी जयंती समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की कड़वाहट एक बार फिर सामने आई.

राजस्थान में राजीव गांधी जयंती के मौके पर दो दिवसीय कार्यक्रम प्रदेश सरकार की तरफ बिड़ला सभागार में किया गया, जिसका उद्घाटन सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया. लेकिन सचिन पायलट इस कार्यक्रम में गैरहाजिर रहे. अगले दिन मंगलवार को संगठन की तरफ से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पुष्पांजलि का कार्यक्रम आयोजित हुआ, जो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में अशोक गहलोत भी पहुंचे.

हुआ यूं कि पीसीसी में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि एक बार स्व0 राजीव गांधी के जोधपुर दौरे के दौरान मैंने अपनी स्पीच में कहा जोधपुर को इंदिरा गांधी कैनाल का पानी मिलना चाहिए. मेरी स्पीच के बाद राजीव गांधी ने बोला मुझे याद दिलाना. फिर कुछ दिन बाद गांधी बने प्रधानमंत्री और इस प्रोजेक्ट की मोनेटरिंग पीएमओ से होने लगी और आज वो पानी प्रदेश के कई जिलों के लोग पी रहे हैं.

इसके बाद जब सचिन पायलट की बारी आई तो उन्होंने सीधे मंच से ही अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्रीजी, जिस तरह राजीव गांधी ने आपकी बात मानी थी, उसी तरह से आप भी कभी-कभी विधायकों की बात मान लिया कीजिए. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी भी संगठन को महत्व देते थे. उनके पास विशाल बहुमत था, फिर भी उन्होंने लोकतंत्र का सम्मान किया और विपक्ष में बैठना भी मंजूर किया. वह कार्यकर्ताओं को इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देते थे.

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सचिन पायलट ने कहा कि राजीव गांधी संगठन को महत्वपूर्ण मानते थे और पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति उनके मन में बहुत सम्मान था. मुख्यमंत्रीजी आप कार्यकर्ताओं और विधायकों की भी सुनिए. जब विधायक आपके पास काम लेकर जाएं तो आप डीपीआर बनाने की बात नहीं कहकर तुरंत उसकी घोषणा कर दिया कीजिए. राजीव गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि हमें पार्टी को दलालों से दूर रखना चाहिए. उन्होंने कहा, मुंबई अधिवेशन में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि हमारी पार्टी में भी अगर दलाल हैं तो उन्हें बाहर निकालना होगा. राजीव गांधी कहा करते थे कि हमेशा सरकार से ज्यादा संगठन को तवज्जो देनी चाहिए.

गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस के दो गुट बने हुए हैं और प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही दोनों में खींचतान चल रही है. एक गुट अशोक गहलोत का है और दूसरा गुट सचिन पायलट का. अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं और सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री होने के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं. गहलोत जहां सत्ता संभाले हुए हैं, वहीं पायलट का संगठन पर नियंत्रण है. बातों-बातों में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सरकार में संगठन को ज्यादा महत्व नहीं मिल रहा है.

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सचिन पायलट का भाषण सुनने के बाद अशोक गहलोत का मूड ठीक नहीं दिखा और वह तत्काल वहां से चले गए. जिस तरह वे लोगों से बात करते हुए हंसते-मुस्कुराते गाड़ी तक जाते हैं, वैसा नहीं दिखा. उन्होंने किसी पत्रकार से भी बात नहीं की, सीधे चले गए, जबकि सचिन पायलट काफी देर तक संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते रहे.

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बता दें, प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 75 वी जयंती पर पुष्पांजली कार्यक्रम और स्व. राजीव गांधी के जीवन से जुडी फोटो प्रदर्शनी का उदघाटन किया गया जिसमें मुख्यमंत्री के अलावा पीसीसी चीफ सचिन पायलट, पूर्व पीसीसी चीफ डॉ. चंद्रभान, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, रघु शर्मा, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा, वरिष्ट कांग्रेस नेता गिरिजा व्यास सहित अनेकों विधायक एवं पीसीसी सदस्यों सहित कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.

आतंकवाद पर पीएम मोदी ने की डोनाल्ड ट्रंप से लम्बी बात

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करते हुए उसे लद्दाख से अलग करने के फैसले के करीब दो हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन किया और करीब आधा घंटा बातचीत की. दोनों नेताओं के बीच सीमा पार से चल रहे आतंकवाद, द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मामलों को लेकर बातचीत हुई. मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ क्षेत्रीय नेता भारत विरोधी हिंसा भड़का रहे हैं, जो कि क्षेत्र में शांति स्थापित करने में सबसे बड़ी रुकावट है. पिछले दो हफ्तों से उनकी भारत बयानबाजी बहुत बढ़ गई है, जो ठीक नहीं है.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में एलान किया है कि दिल्ली को सबक सिखाएंगे. उन्होंने कहा, इससे पुलवामा जैसे आतंकी हमले और बढ़ेंगे. उसके बाद क्या होगा? वे हमला करेंगे और हम जवाब देंगे. जंग शुरू होगी और हम अपने खून की आखिरी बूंद गिरने तक लड़ेंगे. यह जंग कौन जीतेगा? इसमें कोई जीतने वाला नहीं है और पूरी दुनिया के लिए इसके नतीजे ठीक नहीं होंगे. यह न्यूक्लियर ब्लैकमेल की बात नहीं है. इमरान खान ने संसद में तो भड़काऊ बयान दिया ही है, वे ट्विटर पर भी आग उगलने से नहीं चूक रहे हैं. रविवार को एक ट्वीट में उन्होंने भारत की सरकार को नाजियों के दर्शन से प्रेरित फासिस्ट और नस्लवादी बताया है. उन्होंने कहा कि भारत की सरकार नस्लवादी विचारधारा अपनाते हुए नरसंहार की तरफ बढ़ रही है.

मोदी ने ट्रंप से कहा कि कुछ क्षेत्रीय नेता लगातार भारत विरोधी राग अलाप रहे हैं और भारत के खिलाफ हिंसा का माहौल तैयार करने के लिए दूसरों को भड़का रहे हैं, जो शांति के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने हिंसा और आतंक से मुक्त वातावरण तैयार करने और सीमा पार से आतंकवाद खत्म करने पर जोर दिया. मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को ऐसे समय फोन किया जब अफगानिस्तान में अमेरिका-तालिबान की शांति वार्ता गंभीर मोड़ पर है. इसी के साथ ही पाकिस्तान ने भी क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति के मद्देनजर पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल तीन साल और बढ़ा दिया है. बाजवा इस साल नवंबर में रिटायर होने वाले थे. उन्होंने 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भाषण दिया था कि कश्मीर की वास्तविकता 1947 के कागज के एक टुकड़े से तय नहीं हो सकती और न ही वह भविष्य में कभी बदल सकती है.

एक अखबार में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मोदी से फोन पर बात करने की पहल ट्रंप की तरफ से की गई थी. बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने कहा, बातचीत अच्छी रही. प्रधानमंत्री कार्यालय ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बातचीत की जानकारी दी है. इसके मुताबिक भारत ने संकल्प दोहराया है कि वह गरीबी, निरक्षरता और बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में किसी के भी साथ सहयोग करने के लिए तैयार है.

इससे पहले शुक्रवार को न्यूयार्क में कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक हुई थी. बैठक से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन किया था. दोनों में करीब 12 मिनट तक बातचीत हुई थी. इसके बाद अमेरिकी विदेश नीति से जुड़े मामलों के एक विशेषज्ञ रिचर्ड एस हास ने ट्रंप को सलाह दी थी कि वह पाकिस्तान के प्रति किसी भी तरह के राजनीतिक झुकाव से सतर्क रहें.

सोमवार रात वाशिंगटन में व्हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ क्षेत्रीय विकास और भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक भागीदारी के मुद्दों पर बातचीत की. इसमें राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने पर जोर दिया. दोनों नेता अमेरिका-भारत के बीच आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने और व्यापारिक गतिविधियों को विस्तार देने पर सहमत हुए. जल्दी ही फिर से बातचीत की उम्मीद है.

व्हाइट हाउस से जारी बयान में भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत का जिक्र नहीं है, जबकि शुक्रवार को हुई ट्रंप-खान की बातचीत के बाद जारी बयान के मुताबिक ट्रंप ने पाकिस्तान से तनाव कम करने के लिए भारत के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संवाद से ही तनाव दूर हो सकता है. भारत की नीति इस मुद्दे पर साफ है. वह आतंकवाद खत्म होने से पहले पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा.

इससे पहले मोदी और ट्रंप के बीच जून में ओसाका में बातचीत हुई थी, जब वे जी-20 सम्मेलन में मिले थे. तब दोनों ने सम्मेलन से अलग करीब 35-40 मिनट बातचीत की थी. उसके बाद सोमवार को दोनों के बीच फोन पर लंबी बातचीत हुई. प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के मुताबिक मोदी ने ट्रंप को याद दिलाया कि आज अफगानिस्तान की स्वतंत्रता के सौ साल पूरे हो रहे हैं. भारत चाहता है कि अफगानिस्तान सही मायनो में स्वतंत्र, सुरक्षित, लोकतांत्रिक राष्ट्र बने. प्रधानमंत्री ने इस बात की सराहना की कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ नियमित संपर्क बना हुआ है. दोनों नेता बियारिट्ज, फ्रांस में इस माह फिर मिलेंगे, जहां 25-26 अगस्त को जी-7 देशों का सम्मेलन होने वाला है.

महात्मा गांधी और कैलनबाश की प्रतिमा का विदेश में उद्घाटन करेंगे वेंकैया नायडू

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू अपनी पांच दिन की विदेश यात्रा के तहत रविवार को लिथुआनिया की राजधानी विल्नियस में थे. नायडू का तीन बाल्टिक देशों, लिथुआनिया, लात्विया और एस्टोनिया की यात्रा का कार्यक्रम है. विल्नियस में उन्होंने भारतीय समुदाय को लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लिथुआनिया का भारत से खास रिश्ता है. महात्मा गांधी के निकट मित्र और सहपाठी हरमन कैलनबाश लिथुआनिया थे.

नायडू ने लिथुआनिया की सरकार को धन्यवाद दिया और आभार व्यक्त किया कि उसने गांधी और कैलनवाश की दोस्ती की याद में कैलनबाश की जन्म भूमि रुसने में गांधी और कैलनबाश की प्रतिमाएं लगवाई हैं. यह प्रतिमा सिपला के चेयरमैन यूसुफ हमीद ने अपनी मां याद में स्थापित करवाई थी. प्रतिमा का अनावरण 2015 में किया गया था.

हमीद की मां लूबा देरजांस्की हमीद यहूदी नागरिक थी और लिथुआनिया में रहती थीं. प्रतिमा के नीचे एक पटल पर उल्लेख है कि इस प्रतिमा का निर्माण यूसुफ एंड फरीदा हमीद फाउंडेशन की ओर से लूबा देरजांस्की हमीद की याद में किया गया है. लूबा का जन्म तीन फरवरी 1903 को हुआ था. वह 1928 में लिथुआनिया के विल्निस में रहीं. उसके बाद भारत चली गई थी. भारत में 4 अप्रैल, 1991 को उनका निधन हुआ था.

विमानन घोटाले में भी चिदंबरम को समन

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को विमानन घोटाले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए समन भेजा है. यह घोटाला अंतराष्ट्रीय वायु मार्ग तय करने से संबंधित है, जिसमें निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए एयर इंडिया को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं. ईडी इस मामले में मनी लांड्रिंग की जांच कर रहा है. चिदंबरम के 23 अगस्त को ईडी के दिल्ली स्थित दफ्तर में तलब किया गया है.

यह घोटाला यूपीए सरकार के दौरान हुआ था और उस समय चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. चिदंबरम से एयर इंडिया के लिए 111 विमान खरीदने के मामले में भी पूछताछ हो सकती है. यह करीब 70,000 करोड़ रुपए का सौदा था. सीएजी ने 2011 में सरकार के 111 विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाए थे. इनमें 48 विमान एयर बस से और 68 बोइंग कंपनी से 2006 में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के लिए 70,000 करोड़ रुपए में खरीदे गए थे.

इस मामले में ईडी तत्कालीन विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ कर चुका है. ईडी के अधिकारियों का कहना है कि सौदे की प्रक्रिया तय करने के लिए बने मंत्री समूह के प्रमुख चिदंबरम थे. इस लिए उनसे पूछताछ करना जरूरी है. ईडी दो अन्य मामलों में भी चिदंबरम के खिलाफ मनी लांड्रिंग की जांच कर रहा है. एक मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे से जुड़ा है, दूसरा आईएनएक्स मीडिया से जुड़ा है. इन मामलो में चिदंबरम से कई बार पूछताछ की जा चुकी है.

चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस सौदे में ईडी की जांच को गलतियों और गड़बड़ियों का पुलिंदा बता चुके हैं. इस बीच चिदंपरम के पुत्र कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील करते हुए मांग की है कि उनका मामला आर्थिक अपराध अदालत से विशेष अपराध अदालत में नहीं भेजा जाए, जो विधायकों और सांसदों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करती है.

मनसे प्रमुख राज ठाकरे को ईडी का समन

इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसिस सर्विस (आईएल एंड एफएस) में हुई वित्तीय धांधली के सिलसिले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को समन भेजा गया है. इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है. राज ठाकरे से मनी लांड्रिंग के सिलसिले में पूछताछ होगी. ईडी ने उन्मेष जोशी को भी समन भेजा है, जो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवसेना नेता मनोहर जोशी के पुत्र हैं. उन्मेष जोशी सोमवार को मुंबई में ईडी के दफ्तर में हाजिर हो चुके हैं.

ईडी के दफ्तर के बाहर उन्मेष जोशी ने पत्रकारों को बताया कि लगता है, ईडी के अधिकारी जांच में हमको भी शामिल करना चाहते हैं. उन्होंने बातचीत की, कोई सवाल नहीं पूछे. ईडी एक अधिकारी ने कहा कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे को 22 अगस्त को मुंबई स्थित दफ्तर में तलब किया गया है. मनसे इसे राजनीतिक बदले की भावना से हो रही कार्रवाई बता रही है.

बड़ी खबर: राजनीतिक जरूरत के चलते बनी जोड़ियां विधानसभा चुनाव में रहेगी हिट?

मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने मुंबई में कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राज ठाकरे ने मोदी सरकार के खिलाफ प्रचार किया था. चुनावी मैदान में वह कड़ी चुनौती पेश कर रहे थे. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी राज ठाकरे यही करने वाले हैं. उन्हें विरोध करने से रोकने के लिए ईडी के जरिए समन भिजवाया गया है. यह सीधी-सीधी राजनीतिक बदले की भावना की कार्रवाई है.

राज ठाकरे से ईडी जिस मामले में पूछताछ करने वाला है, वह कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी से जुड़ा हुआ है, जिसमें ईएल एंड एफएस से जुड़ी कंपनियों का 850 करोड़ रुपए निवेश है. इस कंपनी के प्रवर्तक उन्मेष जोशी हैं, जो मुंबई में कोहिनूर स्क्वायर नाम से बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर रही है. कुछ संपत्तियों की नीलामी में उन्मेष जोशी और राज ठाकरे ने संयुक्त उपक्रम बनाकर साथ में बोली लगाई थी. लेकिन बाद में राज ठाकरे संयुक्त उपक्रम से अलग हो गए थे.

देशपांडे ने कहा कि कोहिनूर सौदे का मामला बहुत पुराना है और राज ठाकरे उसे कई बरस पहले छोड़ चुके हैं. हैरतअंगेज है कि सरकारी एजेंसी अब नोटिस क्यों भेज रही है. लगता है ईडी हमारी आवाज को कुचलने का हथियार बन रहा है.

मोदी ने ट्रंप से कहा- पाकिस्तान को आतंकवाद का रास्ता छोड़ना ही पड़ेगा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार देर रात फोन पर बात हुई. 30 मिनट की बातचीत में दोनों नेताओं के बीच भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध पर बातें हुईं. इस दौरान मोदी ने ट्रंप को दो टूक में जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद का रास्ता छोड़ना ही होगा. पीएम मोदी ने इस दौरान क्षेत्रीय शांति का भी मसला उठाया.

इसके बाद ट्रंप ने पाक पीएम इमरान खान से भी बात की और कश्मीर मामले में क्षेत्र में तनाव कम करने की अपील करते हुए भारत के खिलाफ संभल कर बयानबाजी करने की हिदायत दी. मंगलवार सुबह ट्रंप ने एक ट्वीट भी किया है जिसमें कश्मीर में मौजूदा स्थिति को गंभीर बताया है.

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच आधे घंटे फोन पर हुई बातचीत…

राजस्थान में मॉब लिंचिंग- पहलू खान बनाम हरीश जाटव

पूरे भारत में मणिपुर के बाद राजस्थान में मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने वाली गहलोत सरकार के लिए यह परीक्षा का समय है. एक तरफ पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले के आरोपियों की रिहाई के बाद केस फिर से खोलने के लिए एसआईटी का गठन हो रहा है, जबकि हाल ही अलवर जिले में ही भीड़ की पिटाई से हुई एक युवक की मौत को पुलिस मॉब लिंचिंग नहीं मान रही है. इससे राजस्थान की गहलोत सरकार पर फिर से अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के आरोप लगने लगे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक दैनिक अखबार से बातचीत में कहा है कि प्रदेश सरकार वर्ग विशेष के लिए काम कर रही है. गहलोत सरकार एक तरफ तो मॉब लिंचिंग के लिए कानून बना रही है, पहलू खान मामले की दोबारा जांच करा रही है वहीं, दूसरी तरफ अलवर के ही हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में एक्शन नहीं ले रही है.

वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा है कि कांग्रेस के नेताओं और सरकार के दिमाग में वोट और जातियां भरी हुई हैं. अलवर के ही हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में दूसरा पक्ष मेव समाज था, इसलिए गहलोत सरकार इसे मॉब लिंचिंग नहीं मान रही. लेकिन पहलू खान मामले में सामने वाला हिंदू है, इस वजह से यह मॉब लिंचिंग हो गई. यह कैसा दोहरा मापदंड है? मुस्लिम तुष्टिकरण की यही नीति कांग्रेस को ले डूबी है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को अपने निवास पर प्रेस कांफ्रेंस की थी और विस्तार से बताया था कि पहलू खान मामले में आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए सरकार क्या करने वाली है. यह प्रेस कांफ्रेंस उन्होंने राजीव गांधी जन्मोत्सव समारोह के सिलसिले में बुलाई थी. इस प्रेसवार्ता में भी सीएम गहलोत ने हरीश जाटव की मौत के बारे में कुछ नहीं बोला, बस पहलू खान के मामले में ही बोलते हुए पिछली वसुंधरा राजे सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे की भाजपा सरकार के दौरान अपराध बढ़ रहे थे, कानून-व्यवस्था बिगड़ गई थी.

गहलोत सरकार की सुधरी हुई कानून-व्यवस्था के तहत 16 जुलाई की शाम को अलवर जिले के फलसा गांव में यह हादसा हुआ जब झिवाणा निवासी हरीश जाटव की बाइक एक महिला हकीमन से टकरा गई थी. स्थानीय लोगों ने उसे जमकर पीटा. उसे गंभीर अवस्था में भिवाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया. वहां उसकी मौत हो गई थी. 28 वर्षीय हरीश जाटव के नेत्रहीन पिता रतिराम पुलिस थाने के चक्कर लगाते रहे कि उनके बेटे को मारने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन पुलिस के कान पर जूं नहीं रेंगी. रतिराम ने खुद को अपमानित महसूस करते हुए और पुलिस के पक्षपाती रवैये से दुखी होकर गुरुवार 15 अगस्त को जहर खाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस के रवैये के खिलाफ अपने प्राण त्यागने के लिए उसने स्वतंत्रता दिवस का दिन चुना.

रतिराम की मौत से स्वतंत्रता दिवस समारोहों में कोई खलल नहीं पड़ा. गहलोत सरकार ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बना दिया है, इसका प्रचार होता रहा. हरीश जाटव की मौत भीड़ के हमले में हो गई थी. उसके पिता ने आत्महत्या कर ली. हरीश की पत्नी गर्भवती है और उसकी चार बेटियां पहले से है. कैसे जीवन चलेगा, इससे किसी को क्या मतलब हो सकता है? घटनाक्रम से आहत परिजनों के साथ दलित समाज के लोगों ने टपूकड़ा में सीएचसी के सामने धरना देकर रतिराम के शव को लेने से मना कर दिया, तब मीडिया का और अन्य राजनीतिक पार्टियों का ध्यान इस तरफ गया. भाजपा नेता धरना स्थल पर पहुंचे. अलवर सांसद बालक नाथ ने टपूकड़ा पहुंचकर पीड़ित परिजनों को ढाढ़स बंधाया. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार के रवैये की आलोचना की.

मामला ज्यादा गरम होते देखकर प्रशासन सक्रिय हुआ. रविवार को अलवर कलेक्टर इंद्रजीत सिंह टपूकड़ा पहुंचे. हरीश और रतिराम के परिजनों से मिले. कोरी सहानुभूति जताई. उनकी एक भी मांग नहीं मानी. आश्वासन दिया कि उनकी मांगें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंचा देंगे. अपने पूरे प्रशासनिक कौशल का उपयोग करते हुए उन्होंने पीड़ित परिजनों और धरने पर बैठे दलितों को धरना समाप्त करने के लिए मना लिया और इस तरह तीन दिन बाद रविवार को रतिराम का पोस्टमार्टम हुआ.

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इतना सबकुछ होने के बाद यह सवाल अभी भी कायम है कि हरीश जाटव की मौत का जिम्मेदार कौन? क्या पुलिस किसी को अपराधी मानती है? नहीं मानती है तो मौत कैसे हुई? पुलिस ही उसे घायल अवस्था में अस्पताल ले गई थी? डॉक्टरों ने मौत का कोई न कोई कारण तो बताया ही होगा? क्या हरीश खुद अपना सिर सड़क से भिड़ाकर मर गया? पुलिस अधीक्षक परिघ देशमुख प्रेस कांफ्रेस कर स्पष्ट रूप से मान चुके हैं कि यह मॉब लिंचिंग की घटना नहीं है. तो ऐसे में सरकार बताए ये फिर क्या है?

गहलोत सरकार ने हाल ही राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक-2019 विधानसभा से पारित कराया है. इसमें धर्म, जाति, भाषा, राजनीतिक विचारधारा, समुदाय और जन्म स्थान के नाम पर भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को उन्मादी हिंसा माना गया है. इसमें दो या दो से ज्यादा व्यक्ति को उन्मादी हिंसा की परिभाषा में शामिल किया गया है. इसमें आरोपियों से जुर्माना वसूलकर पीड़ित को देने का भी प्रावधान है. हरीश जाटव की मौत के पीछे इनमें से कोई प्रावधान लागू होता है या नहीं? जाटव की बाइक सड़क पार कर रही महिला से टकराई थी. वह सीधे जा रहा था, सामने से महिला सड़क पार कर रही थी. टक्कर हो गई. इसमें महिला को मामूली चोट आई. कोई जनहानि नहीं हुई. लोगों की पिटाई से हरीश जाटव की मौत हो गई. अगर मॉब लिंचिंग नहीं है तो मौत कैसे हुई?

फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजीव गांधी जन्मोत्सव मनाने में व्यस्त हैं और टपूकड़ा में धरना दे रहे पीड़ित परिवार को समझा बुझाकर घर भेज दिया गया है. इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का भी कोई बयान नहीं आया है. भाजपा नेताओं के आरोपों का गहलोत सरकार के पास कोई जवाब नहीं है.

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जो सरकार पहलू खान के हत्यारों को सजा दिलाने का संकल्प दिखा रही है, उसके पास हरीश जाटव के परिवार के लिए सांत्वना के दो शब्द भी नहीं हैं. बाप, बेटे दोनों चले गए. बेटे को उन्मादी भीड़ ने मार डाला. पिता ने पुलिस के पक्षपात से दुखी होकर आत्महत्या कर ली. मुख्यमंत्री गहलोत कहते हैं, पिछली भाजपा सरकार के दौरान कानून-व्यवस्था बिगड़ गई थी. अगर उनके राज में कानून-व्यवस्था सुधरी हुई है तो रतिराम को स्वतंत्रता दिवस के दिन आत्महत्या करने की जरूरत क्यों पड़ी?

मोबाइल और कंप्यूटर क्रांति राजीव गांधी की देन: गहलोत

मंगलवार, 20 अगस्त को भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी की 75वीं जयन्ती के अवसर पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा जयपुर में दो दिवसीय कार्यक्रम ‘सूचना क्रांति एवं स्टार्ट अप‘ का आयोजन किया जा रहा है. सोमवार को बिड़ला सभागार में आयोजित राजीव गांधी जयंती समारोह के शुभारंभ के मौके पर सीएम अशोक गहलोत ने संबोधित करते हुए कहा कि राजीव गांधी कहते थे कि भारत एक प्राचीन देश और एक युवा राष्ट्र है. आज जो मोबाइल हाथ में है और ये कंप्यूटर, ये सब राजीव गांधी ने उसी समय सोच लिया था.

गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी की देश को आगे बढ़ाने की सोच थी. वे विकसित राष्ट्रों के सामने भारत देश को खड़ा करना चाहते थे. उस समय कंप्यूटर के लिए लोग कहते है इससे बेरोज़गारी आएगी. उस समय भाजपा के सांसद कंप्यूटर का विरोध करने बैलगाड़ी से आये थे. अशोक गहलोत ने कहा कि मेरा सौभाग्य था कि मैंने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के साथ केंद्र में काम किया और केंद्रीय मंत्री रहा. सोनिया गांधी ने राजस्थान सरकार के इस कार्यक्रम को जम कर सराहा.

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राजीव गांधी की सोच बहुत दूरदृष्टि वाली थी. पुरानी यादों को याद करते हुए गहलोत ने कहा कि प्रदेश में जब 1988-87 में भयंकर अकाल पड़ा था तब 3 दिन तक राजीव गांधी ने प्रदेश का दौरा किया और अपनी की हुई घोषणाओं पर मोनिटरिंग करते रहे कि काम हुए या नहीं. उन्होंने कहा कि देश के बड़े-बड़े बांध, कारखाने, आइआइएम, आइआइटी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आइएसआरओ, इसरो) जैसे संस्थानों की नींव भारत में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश को आगे बढ़ाया.

मोबाइल इंटरनेट की क्रांति गांधी की देन

सीएम गहलोत ने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से जो क्रांति आई है, ये राजीव गांधी की देन है. सोलर पावर के लिए हमने काम करना शुरू कर दिया है. BSNL, MTNL जैसी बड़ी संस्थाएं राजीव गांधी के समय बन गयी थी. राजीव गांधी का सपना था कि आईटी प्रोद्योगिकी का सही इस्तेमाल होना चाहिए पर कुछ लोग दुरुपयोग भी करते है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय मे राजस्थान का फ्यूचर ब्राइट होगा, सरकार आपके साथ है. राजस्थान को आईटी हब बनाएंगे. यहां के युवाओं को सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा.

भाजपा पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो आधुनिक भारत दिख रहा है, उसके पीछे कांग्रेस के 70 साल का इतिहास और नेताओं का विजन था. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व (नरेन्द्र मोदी) पर तंज कसते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि देश मे ऐसा माहौल बना रखा है कि देश मे जो भी काम हुआ है वो पिछले 5 साल में ही हुआ है, जबकि ऐसा नहीं है. भाजपा के लोगों ने देश को गुमराह करने का ठेका ले रखा है. सोशल मीडिया के माध्यम से वार करने से देश खराब हो रहा है. चुनाव जीतना हारना अलग बात है. ये लोकतंत्र की खूबसूरती है.

देश का लोकतंत्र कांग्रेस की देन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश का लोकतंत्र कांग्रेस की देन है. राजीव गांधी के बारे में जितना कहे, उतना कम है. उन्होंने 93 हज़ार पाकिस्तानी सैनिकों को सरेंडर करवाया था.

राजस्थान-एमपी बने अपराध के गढ़, अपराधियों को राजनैतिक शह- शिवराज

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सदस्यता अभियान के राष्ट्रीय संयोजक शिवराज सिंह चौहान सोमवार को जयपुर के दौरे पर रहे. शिवराज सिंह ने इस दौरान भाजपा के विभिन्न सदस्यता कार्यक्रमों में शिरकत की. शिवराज सिंह ने सोमवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा. पत्रकार वार्ता की शुरूआत करते हुए सबसे पहले उन्होंने प्रदेश की जनता का लोकसभा की सभी 25 सीटें जिताने के लिए आभार जताया.

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि राजस्थान और मध्यप्रदेश अपराध के गढ़ बन गए हैं. अलवर गैंगरेप पर मुकदमा दर्ज होने के बाद भी कार्यवाही न होना इसका सबूत है. इस पूरे प्रकरण में पुलिस मूकदर्शक बनी रही. जयपुर में महिला द्वारा थाने में आत्मदाह और अलवर मॉब लिंचिंग के शिकार हरीश की मौत और बाद में उसके पिता द्वारा आत्मदाह मामले में भी पुलिस ने चुप्पी साधे रखी. जयपुर शहर में पिछले दिनों हुए उपद्रव पर शिवराज सिंह ने कहा कि छोटी काशी कहलाए जाने वाले इस शहर में कावड़ियों पर पथराव किया गया. गहलोत सरकार में अपराधी खुलेआम घूम रहा है क्योंकि उन्हें राजनैतिक संरक्षण मिल रहा है.

मोदी-शाह की जोड़ी कृष्ण-अर्जुन की जोड़ी
नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को कृष्ण-अर्जुन की जोड़ी बताते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि दोनों की मेहनत का ही नतीजा है कि अकेली भाजपा की सीटें लोकसभा चुनाव में 300 के पार हुई और अधिकांश राजनैतिक पंड़ितों की भविष्यवाणी फेल हुई. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर शिवराज सिंह ने दोनों को धन्यवाद देते हुए कहा कि पीएम मोदी व शाह ने 70 साल पहले हुई नेहरूजी की ऐतिहासिक भूल को 48 घंटे मे सुधार दिया और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष इतने बड़े मुद्दे पर अभी तक अपना रूख तक साफ नहीं कर पायी है गांधी परिवार इस विषय पर मौन है. जबकि तीन तलाक मुद्दे पर इन्होंने कड़ा विरोध जताया थ़ा. शिवराज ने राहुल गांधी को रण छोड़ दास कहकर संबोधित करते हुए कहा कि एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसानों के कर्ज माफ न करने पर उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.

प्रदेश में 47 लाख लोग बीजेपी सदस्यता अभियान से जुड़े
भाजपा के सदस्यता अभियान पर जानकारी देते हुए शिवराज सिंह ने बताया कि भाजपा के इस सदस्यता अभियान के तहत राजस्थान में 47 लाख लोग भाजपा की सदस्यता इस अभियान के तहत अभी तक ले चुके है और यह अभियान अभी जारी है वहीे पूरे देश में 3.5 करोड़ सदस्य इस अभियान में जोडे जा चुके हैं. समाज का हर वर्ग भाजपा से जुड़ रहा है. एमपी में भाजपा की सरकार बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हम सरकार बनाने के लिए कुछ नहीं करेंगे लेकिन कांग्रेस के कुछ टुकड़े इधर-उधर जुड़ जाए तो हम कह नहीं सकते. उन्होंने वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर पत्रकार वार्ता में मौजूद फ़ोटो जर्नलिस्ट को बधाई भी दी.

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