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राजस्थान में आगामी कुछ हफ्तों में आम चुनाव होने हैं और लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. वैसे तो पिछले दो लोकसभा चुनावों में बीजेपी हर तरह से कांग्रेस का सुपड़ा साफ कर चुकी है और इस बार सभी 25 सीटों पर हैट्रिक जमाने की तैयारी में है. राजस्थान में 3-0 की लीड लेने के लिए बीजेपी जमकर पसीना बहा रही है. सियासी विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मिशन-25 के लिए ईआरसीपी और यमुना समझौते को अच्छी तरह से भुनाया जाएगा. इन मुद्दों को पार्टी की ओर से सबसे बड़ा मुद्दा बनाया जाने वाला है. 23 फरवरी को हुई कोर कमेटी में भी इस बात पर सहमति बन चुकी है.

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लोकसभा चुनावों को लेकर बीजेपी जिस रणनीति पर मंथन कर रही है, उसमें ईआरसीपी और यमुना समझौता टॉप प्रायरिटी पर है. कोर कमेटी पहले ही ईआरसीपी और यमुना जल समझौते को लेकर केंद्र और प्रदेश नेतृत्व का आभार जा चुकी है. राजस्थान बीते लंबे समय से पेयजल की समस्या से जूझ रहा है. बाडमेर जैसे जिलों में तो पानी का स्तर काफी नीचे जा चुका है. पिछली गहलोत सरकार के 5 सालों में ईआरसीपी पर केवल वाद विवाद ही चलता रहा, लेकिन योजना धरातल पर कभी उतर ही नहीं पायी. हरियाणा के साथ यमुना समझौता भी तीन दशकों से अटका पड़ा था. इन दोनों योजनाओं पर स्वीकृति की मुहर भजनलाल सरकार ने लगा दी है.

सभी सीटों पर खिलेगा कमल

राजस्थान बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि मिशन-25 के लिए 24 बिंदुओं पर काम किया जाएगा. इसके तहत गांव चलो अभियान, लाभार्थी संवाद, स्वयं सहायता समूह, जनसंपर्क अभियान के दम पर बीजेपी राजस्थान में सभी 25 सीटों पर कमल खिलाएगी. राठौड़ ने कहा कि लोकसभा के अंदर मिशन-25 पूरा हो, इसके लिए देश के आधुनिक चाणक्य और गृहमंत्री अमित शाह मूल मंत्र देकर गए हैं. इसके बाद हमारा एक ही लक्ष्य है कि हमें हर लोकसभा क्षेत्र में 5 लाख से ज्यादा वोट मिले और मिशन-25 पूरा हो. वहीं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि पार्टी की सफलता का कारण संगठन की रणनीति, कार्यकर्ताओं का परिश्रम है. इस बार बीजेपी 370 और एनडीए 400 सीटें पार करेगी.

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