BJP in Meghalay Assembly Election. मेघालय विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां वहां मतदाताओं को रिझाने के लिए दमखम लगाते नजर आ रहे हैं. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने मेघालय विस चुनाव के लिए अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे ‘मेगा मेघालय’ की आकांक्षा रखने वाला घोषणा पत्र कहा है. हर बार की तरह बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कई सारे लोकलुभावन वादे वादे किए हैं जो बीजेपी द्वारा आम आदमी पार्टी पर कटाक्ष कही जाने वाली ‘फ्री रेवड़ियों’ की याद दिलाती है. हालांकि बीजेपी ने आप और कांग्रेस की तरह फ्री बिजली का वादा नहीं किया लेकिन बच्ची पैदा होने पर 50 हजार रुप्ए और मुफ्त शिक्षा के साथ दो मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने जैसे घोषणाएं अपने चुनावी पत्र में की है. इस चुनावी घोषणा पत्र के साथ बीजेपी पूरी तरह से आश्वस्त है कि वे सत्ताधारी नेशनल पीपुल्स पार्टी को उखाड़ फेंकने में कामयाब हो जाएंगे.
60 सदस्यों वाली मेघालय विधानसभा में आधा दर्जन से अधिक राजनीतिक पार्टियां अपना भाग्य आजमा रही हैं. 2018 के विस चुनावों में बीजेपी को यहां केवल दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन उन्होंने एनपीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया था. कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद सत्ता हासिल करने से दूर रह गई. चुनाव से पहले ही सत्ता में शामिल सभी गठबंधन अलग हो चुनावी मैदान में एकल दंगल लड़ रहे हैं. बीजेपी खुद बड़े भाई की भूमिका पाने के लिए लालायित है और यही वजह है कि मुफ्त योजनाओं का लुभावना लालच देकर मेघालय की जनता को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है.
बात करें जारी किए गए घोषणा पत्र की तो बीजेपी ने इसे पूर्वोत्तर राज्य में विकास को द्योतक बताया है. सत्ताधारी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि मेघालय संस्कृति और परंपराओं से समृद्ध राज्य है. राज्य के समृद्ध होने की बहुत गुंजाइश है और हम भाजपा के नेतृत्व में इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तत्पर हैं.” नड्डा ने आगे कहा कि विकास के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा है और मेघालय भी इससे निपटने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार राज्य के विकास में बाधक रहा है.
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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार की अहमियत समझाते हुए कहा कि स्पीड, स्केल और स्किल तीन पहलू हैं जिन्हें अच्छी तरह से मैनेज किया जाना है. हमें राज्य के लिए बड़ी कल्पना करनी है- हम ‘मेगा मेघालय’ की आकांक्षा रखते हैं. हमें एक मजबूत मेघालय चाहिए, जो मजबूत बीजेपी से ही संभव है.
इधर, पार्टी प्रेसिडेंट नड्डा ने लुभावनी घोषणाओं का पिटारा खोलते हुए बच्चियों के लिए एक योजना के बारे में बताया. उनके अनुसार, बच्चियों के लिए एक योजना शुरू की जाएगी, जिसके तहत बेटी पैदा होने पर 50 हजार रुपये का बॉन्ड दिया जाएगा. इसके अलावा, केजी से स्नातक तक मुफ्त शिक्षा दिए जाने की बात भी चुनावी घोषणा पत्र में कही गई है. इसके अलावा, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सालाना 2 मुफ्त एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराने का एलान किया गया है. नड्डा ने कहा कि युवाओं के सशक्तिकरण के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कई औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी.
प्रदेश में वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली योजना शुरू करने की बात भी घोषणा पत्र में शामिल की गई है. इसके तहत भूमिहीन किसानों को 3,000 और रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता और मछुआरों के लिए छह हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया है. किसानों के लाभ के लिए पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत वार्षिक वित्तीय सहायता को 2,000 रुपये तक बढ़ाने का वायदा भी बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया है. ओपीएस और मुफ्त बिजली देने को इससे दूर रखा गया है.
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बता दें, इस समय मेघालय में कांग्रेस के साथ साथ सत्ताधारी नेशनल पीपुल्स पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, वॉइस ऑफ द पीपल पार्टी और अन्य दल राजनीतिक दल मौजूद हैं. इस बार चुनावी दंगल में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, वंशवादी राजनीति, मेघालय-असम सीमा विवाद और अवैध खनन के मुद्दे छाए हुए हैं. एनपीपी यहां का सबसे बड़ा स्थानीय राजनीतिक दल है और वर्तमान सत्ता में बीजेपी के साथ बड़े भाई की भूमिका में है. बीते कुछ चुनावों में पूर्वोत्तर राज्यों में बीजेपी की स्थिति पहले से बेहतर हुई है लेकिन तृणमूल कांग्रेस यहां एक बड़ी चुनौती पेश कर रही है. बीजेपी के आधे से ज्यादा विधायक इसी पार्टी में शामिल होकर अपना उज्जवल भविष्य देख रहे हैं, जो बीजेपी के लिए परेशानी का सबब है. 60 सदस्यीय वाली मेघालय विधानसभा में मतदान 27 फरवरी को और चुनावी परिणाम 2 मार्च को आना है. अब देखना रोचक रहेगा कि लोकलुभावने वायदों के दम पर बीजेपी मेघालय की जनता को किस तरह से लुभा पाती है.